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Essay for saving petroleum in hindi | पेट्रोलियम बचाने के लिए निबंध हिंदी में

Essay for saving petroleum in hindi

Essay for saving petroleum in hindi : पेट्रोलियम एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो कई कठिन कार्यों को करने में ऊर्जा के रूप में विद्यमान रहता है। पेट्रोलियम का उपयोग सदा बड़े कार्य को संपन्न करने में किया जाता है जैसे कि यातायात में ट्रेन, बस-गाड़ी, हवाई जहाज तथा अन्य ट्रांसपोर्ट आदि।

  गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत का खोज होने के बावजूद भी पेट्रोलियम का उपयोग काफी अधिक होता है। भारत के साथ पूरे विश्व भर में परंपरागत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। पेट्रोलियम का अपार ऊर्जा स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण इसका बाजार में काफी अधिक मूल्य होता है।यह ऊर्जा स्रोत लंबे समय तक रहने वाला नहीं है लेकिन फिर भी कुछ लोग हैं जो इसका गलत उपयोग करते हैं। और पेट्रोलियम की बर्बादी करते हैं।

पेट्रोलियम क्या है (what is petroleum?) :-

पेट्रोलियम लैटिन भाषा के पेट्रा तथा ऑलियम दो शब्दों के मेल से बना है, जहां पेट्रा का अर्थ चट्टान और ऑलियम का अर्थ तेल होता है। पेट्रोलियम प्राकृतिक ईंधन है, जो भू-पर्पटी के बहुत अंदर अवसादी परतों के बीच पाए जाने वाले काले भूरे रंग का तैलीय द्रव है। जिसे कच्चा तेल और धात्विक तेल भी कहा जाता है। आज भी पूरे विश्व भर में ईंधन का सबसे अच्छा स्रोत पेट्रोल और डीजल को माना जाता है। पेट्रोलियम से ही पेट्रोल, मिट्टी का तेल, प्राकृतिक गैस, ईंधन इत्यादि बनाए जाते हैं।

पेट्रोलियम को काला सोना के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि कई देशों के राजस्व तेल खरीदने में ही चला जाता है। पेट्रोलियम का बचत करना आज के समाज के लिए बहुत अधिक मायने रखता है।

सबसे पहला पेट्रोलियम कुआँ (First petroleum well) :-

  1. विश्व में सर्वप्रथम यूएसए के पेंसिलवेनिया राज्य के टाईटसविले नामक स्थान पर 1859 ई में कर्नल ड्रेक द्वारा 6,905 फुट गहरा पेट्रोलियम कुआँ खोदा गया था।
  2. पेट्रोलियम को चट्टानी तेल या रॉक ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। भारत में पेट्रोलियम की खोज पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिससे अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था बनी रहे।

पुरी दुनिया में कुल कितना पेट्रोलियम साधन है?(How much petroleum resources are available)

पूरी दुनिया भर में 96% कच्चा तेल का भंडार बेनेजुवेला के पास ही है।  विश्व भर में जितना अधिक तेल पाया जाता है उस में पहले स्थान पर वेनेजुएला, दूसरा सऊदी अरब तथा तीसरे स्थान पर कनाडा है।

पेट्रोलियम बनाने की प्रक्रिया :-

पेट्रोलियम की उत्पत्ति धरती के कई फुट नीचे होती है। कहा जाता है, कि प्राचीन समय में जीव-जंतु और पेड़-पौधे भूकंप, ज्वालामुखी आदि के कारण धरती के नीचे दब गए थे। जहां अत्यधिक दाब और ताप के कारण मृत जीव-जंतु और पेड़-पौधे प्रकृति तथा रासायनिक परिवर्तनों के कारण तेलीय पदार्थ में परिवर्तित हो गए।

कई संशोधनों के बाद इंसानों ने समुद्र के अंदर ऐसे भंडार का पता लगाया, जहां अधिक मात्रा में पेट्रोलियम पाए जाते हैं और समुद्र के बीच इन चट्टानों से इस काले तैलीय पदार्थों यानी पेट्रोलियम को निकाला जाने लगा।

भारत में पेट्रोलियम उत्पादन क्षेत्र (Essay for saving petroleum in hindi):-

  • भारत में पेट्रोलियम का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।
  • भारत में सबसे पहले 1865 ई में असम के मार्गेरीटा के माकुम नामदा क्षेत्र के भूगर्भ सर्वेक्षण के द्वारा पेट्रोलियम का पता लगा था, जिसके बाद वहां कुएँ भी खोदे गए थे। भारत के राज्य असम में डिगबोई और पश्चिमी क्षेत्र अपने तेल भंडार के लिए मशहूर है।
  • 1917 ईस्वी में भारत में खोदे गए कुओं से रोजाना 1800 गैलन तेल निकलता था। भारत में गुजरात और असम राज्यों में गैस क्षेत्र देखने को मिलते हैं। जहां भारत के आंध्र प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड तमिलनाडु, त्रिपुरा और पूर्वी तटीय क्षेत्र कच्चे पेट्रोलियम के लिए जाने जाते हैं।

हमारे दैनिक जीवन में पेट्रोलियम का महत्व (Essay for saving petroleum in hindi):-

21वी सदी में पेट्रोलियम के बिना अपनी जीविका के बारे में हम सोच भी नहीं सकते। आज पूरे विश्व में लगभग 50% से अधिक भाग पेट्रोलियम पर ही निर्भर करता है। विश्व में जितने भी यातायात साधन समुद्री जहाज, वायुयान इत्यादि हैं यह सभी पेट्रोलियम की सहायता से ही चलते हैं। खेत जोतने के लिए हम जो ट्रैक्टर का प्रयोग करते हैं या बीज बोने, फसलों को काटने इत्यादि के लिए जिन मशीनों का प्रयोग करते हैं वे सभी पेट्रोलियम की सहायता से ही चलाए जाते हैं।

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) :-

कई दशकों से लगातार पेट्रोलियम की घटती प्रक्रिया के कारण सरकार ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1976 में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) की स्थापना की थी।

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) की विभिन्न गतिविधियाँ (Various activities of Petroleum Conservation Research Association (PCRA): –

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए तकनीकी ऑडिट, प्रशिक्षण मॉड्यूल आदि जैसे गतिविधियों के कारण सामान्य जनता से संवाद करते है।जिसके द्वारा ऊर्जा का कम प्रयोग करना और धन की बचत करना जैसे जानकारियां और अनुभव लोगों के साथ साझा करते हैं।

• औद्योगिक क्षेत्र में :-
पेट्रोलियम उत्पादन का लगभग 26% उपभोग भारत के औद्योगिक क्षेत्रों में होता है। इसमें ऊजा ऑडिट लघु और मध्यम उद्योगों के लिए इंधन का उचित और सदुपयोग करने जैसी चीजे ईंधन की बचत में लाभदायक सिद्ध होती है।

• घरेलू क्षेत्रों में :-
पेट्रोलियम उत्पादन का लगभग 13% उपभोग भारत के घरेलू क्षेत्रों में होता है। इस क्षेत्र में गृहणियों को रसोई के अन्दर खाना पकाने, इंधन के रूप में एलपीजी का प्रयोग करना जैसे जागरूकता अभियान शामिल है।

• परिवहन क्षेत्र में :-
पेट्रोलियम उत्पादन का लगभग 42% उपभोग भारत के परिवहन क्षेत्र में होता है। जिसके अंतर्गत यातायात कार्यक्रम ट्रैफिक और ड्राइविंग जैसे जागरूकता अभियान सम्मिलित है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यातायात चलाने के दौरान ईंधन की बचत करना है।

• जागरूकता अभियान :-
टीवी विज्ञापन रेडियो और सोशल मीडिया के सहायता से भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले कई वर्षों में विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए गए हैं, जिसकी सहायता से लोगों को इंधन का इस्तेमाल कम से कम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
• इंधन बचत समारोह।
• साइकल दिवस।
• वोक्थॉन।
• गांव में ग्रामीणों के लिए एलपीजी पंचायत।
• सब्सिडी अभियान।
• साइक्लोथॉन।

पेट्रोलियम को बचाने के तरीक़े (Ways to save petroleum essay in hindi):-

• पेट्रोलियम भंडारों को आग इत्यादि से बचाने के लिए अनेक प्रावधान किए जाने चाहिए।
• गाड़ियों को समय-समय पर दिखाते रहना चाहिए, ताकि पेट्रोल ज्यादा ना खर्च हो।
• ट्रैफिक सिग्नल में प्रायः: गाड़ी बंद कर लेनी चाहिए, ताकि अधिक पेट्रोल का खपत ना हो।
• यातायात साधनों का प्रयोग तब तक नहीं करना चाहिए जब बहुत ज्यादा जरूरत ना हो तथा साइकिल का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
• पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) के मुताबिक 65 mph के बजाय 55 मील प्रती घंटे की चाल से इंधन अर्थवयवस्था मे 15% का सुधार होगा।
• पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार ,ज्यादा रफ्तार में यातायात के साधन चलाने के कारण चालक इंधन अर्थव्यवस्था में 20% तक बचा जा सकता है।
• आज के समय में इलेक्ट्रिक वाहन मौजूद है हमें कोशिश करनी चाहिए कि उसका इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कर सके।

निष्कर्ष

पेट्रोलियम ईंधन का वह तरल साधन है। जिसका उपयोग इस समाज में काफी अधिक समय तक नहीं किया जा सकता है। इस परंपरागत ऊर्जा को हमें बचाकर रखने की आवश्यकता है। लगातार परंपरागत ऊर्जा के खनन से धरती पर संकट का खतरा बढ़ जाता है। हमें इसकी ऊर्जा के महत्व को समझना होगा ताकि आने वाला भविष्य सुरक्षित रह सके और लोग अपने पूर्वजों पर गर्व कर सकें कि हमने उनके लिए क्या उचित कदम उठाया।