भारत एक ऐसा जगह है जहां पर हर दिन कुछ ना कुछ अलग और गैर कानूनी काम होते रहते हैं। आतंक और अपराध भारत देश की एक ऐसी पहचान बन चुकी है जिसके वजह से या पूरे विश्व में चर्चित रहता है।इतना ही नहीं भारत देश में तो हर कोई अपना फायदा देखने के लिए दूसरों को लूटते है जिसे हम भ्रष्टाचार के नाम से जानते है। भ्रष्टाचार के अंदर वैसे तो बहुत सारी ऐसी काली करतूतें आती है जिसके कारण लोग अपराधी बन जाते हैं। इन्हीं भ्रष्टाचारियों में से कुछ नेता होते हैं ,कुछ बड़े अफसर होते हैं, कुछ पुलिस वाले होते हैं ,तो कुछ आम व्यापारी होते हैं। यह सब ही अपने अपने फायदे के लिए आम जनता को लूट कर अपनी जेब गर्म करते हैं और लोगों के सामने अच्छा बनने का बर्ताव।
भ्रष्टाचार के अंतर्गत वैसे तो बहुत सारे ऐसे गेरकानूनी अपराध आते हैं जो भारतीय सरकार द्वारा बिल्कुल भी स्वीकार नहीं जा सकता परंतु फिर भी देश के आम लोगों को लूटने में सबसे पहला हाथ इन्हीं सरकारी अफसरों का आता है। भ्रष्टाचार जिसके अंदर हम लूटपाट ,मारपीट ,रिश्वतखोरी, आदि आती है। ऐसी ही गैरकानूनी चीजों में आजकल काला धन यानी की ब्लैक मनी बहुत ज्यादा देखा जा रहा है।
Blackmoney या कालाधन क्या है?:-
ब्लैक मनी या काला धन ऐसेपैसे होते हैं जो हम गैर कानूनी तरीके से कमा कर अपने पास जमा कर लेते हैं।जैसे की हम यदि किसी से रिश्वत ले रहे हैं या फिर अपनी जेबों को गर्म करने के लिए दूसरों को लूट रहे हैं तो यह सब काला धन के अंतर्गत आता है।यह एक ऐसी कमाई होती है जो गैरकानूनी तरीके से किया जाता है जिसकी मंजूरी सरकार नहीं देती। सरकार से छुपकर किए जाने वाला यह काम एक अपराध के स्वरूप है जिसे भारतीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों जगह संगीन अपराध और धर्म के रूप में दर्ज कराया गया है।गैरकानूनी तरीकों से कमाया जाने वाले पैसे को जैसे हम काला धन हो जाते हैं वैसे ही इस को छुपा कर रखना भी एक अपराध ही है। ब्लैक मनी या काला धन सबसे ज्यादा सरकारी अफसर यानी कि मंत्री, नेता ,सरकारी पुलिस, सरकारी जज ,या फिर सरकारी अफसरों के पास पाया जाता है।
आज के समय में जितने भी सरकारी कार्य करने वाले अमीर लोग हैं यह सब ही काले धन की मदद से अमीर हुए हैं। यह अपने खातों में करोड़ों की संख्या में पैसे जमा करके रखते हैं जिनका उपयोग या केवल एस मौज के लिए करते हैं। वह सारे पैसे जिनका उपयोग तो हो परंतु इनकम टैक्स ना भरा जाए यह भी ब्लैक मनी यानी काला धन के अंदर ही आता है। सरकार को जानकारी दिए बिना अपने घर में 20 लाख से ऊपर पैसे रखना भी काला धन के अंतर्गत ही आता है जो कि गैर कानूनी है।
काला धन एक अपराध:-
भारतीय सरकार द्वारा सन 1950 में ही काला धन को अपराध घोषित कर दिया गया था परंतु फिर भी लोग इसका उपयोग करना बंद नहीं किए।जिसके बाद सरकार ने भी इस चीज की कार्रवाई करना बंद कर दी परंतु अभी कुछ सालों पहले जब इनकम टैक्स का छापा हर एक गोडाउन और कंपनियों पर पड़ने लगा दो लोग इससे बचने के लिए भारी रकम चुका कर अपने काले धन की रिसिप्ट बनवा दिए। जिस कारण उन सारे पैसों को वाइट मनी यानी कि कानूनी तौर पर इजाजत दे दी गई। बड़ी-बड़ी कंपनियां और इंडस्ट्रियल जहां पर लाखों लोग काम करते हैं ऐसी जगहों पर काला धन जमा होना आम बात है परंतु इसका गलत उपयोग भी एक अपराध है।
काले धन के उपयोग के लिए लोग पहले उसे अपनी फायदे का काम करते हैं बाद में लोगों को थोड़ी बहुत रकम देकर कि उनके दिलों को जीत लेते हैं। जिस कारण सबसे ज्यादा अमीर और चर्चित लोग ही काले धन के छापे से बस जाते हैं। यह एक ऐसे संगीन अपराध है जिसके ऊपर आईपीसी धारा 119 की कार्यवाही की जाती है जिसके अंतर्गत अपराधी को उसके सारे धनराशि का हिसाब देना पड़ता है और बाद में योगदान के स्वरूप 7 साल की जेल की सजा।
इनकमटैक्स छापा और सरकारी बदलाव:-
काले धन की राशि वैसे तो लगभग हर किसी के पास होती है कुछ गैर कानूनी तरीके से कमाते हैं और कुछ सरकार से छुपा कर अपने पास रखते हैं। इन सब का जांच बिन करना इनकम टैक्स ऑफिसर की जिम्मेदारी है। जो व्यक्ति जितना कमाता है उसमें से उसका एक या 2% इनकम टैक्स फॉर्म सरकार को भरता है परंतु यदि कोई व्यक्ति आधे पैसे का इनकम टैक्स भर के और पूरा पैसा अपने पास रख ले तो यह भी काला धन है।
साल 2015 में जैसे नोट बदली हुए जिसमें 500 के और 1000 के नोट बदल दिए गए इन्हीं कार्रवाई द्वारा लोगों के सारे काले धन बाहर आ गए। इन सरकारी बदलाव द्वारा लोगों के काले धन का पता चला जो की करोड़ों की संख्या में सरकार के सामने आई। बाद में सरकार ने इनकम टैक्स ऑफिसर द्वारा उन लोगों के घर पर छानबीन और कारवाही करवाई जो इतनी ज्यादा पैसों को अपने पास रखते थे।जिसके बाद लोगों को अपने अपने पैसों का भुगतान और सजा प्रार्थी होना पड़ा।ज्यादातर इनकम टैक्स छापा पड़ने के कारण भी लोगों के कालेधन बाहर आ जाते हैं लेकिन हमेशा इनकम टैक्स छापर से लोग बस जाते हैं और अपने काले धन को छिपाने में कामयाब रहते हैं।
निष्कर्ष:-
हम तौर पर देखा जाए तो बड़े-बड़े कलाकार और नेताओं का बराबरी करने के लिए लोग पैसे बहुत ज्यादा खर्च करते हैं परंतु इस चीज पर ध्यान नहीं देते कि कमाएंगे कहां से।इसी का रास्ता ढूंढते ढूंढते हुए गैर कानूनी काम हो जैसे रिश्वत और काला धन जैसी अपराध कर बैठते हैं। भारतीय सरकार को हर वर्ष नहीं तो हर 5 वर्ष पर नोट बंदी जैसे कार्यवाही करनी चाहिए जिस कारण लोगों के द्वारा जमा किया गया काला धन ऊपर आ सके। सजा के रूप में उन्हें अच्छी सजा देनी चाहिए। सरकार के इस फैसले की मदद से भारत में भुखमरी और गरीबी ऐसी समस्याओं को मिटाया जा सकता है जो लोग इतना सारा काला धन अपने पास रख के चलते हैं वे अपने धनराशि को गरीबों में बांटे तो भारत सबसे आगे बढ़ जाएगा।
FAQ
1. काला धन क्या है?
उत्तर:-काला धन ऐसी राशि होती है जो गैर कानूनी तरीके से कमाया जाता है और जो लोगों के द्वारा सरकार को बिना जानकारी दिए गया घर में रखे जाता है यह सब काला धन में आता है।
2. काला धन अपराध! क्यों ?
उत्तर:-काला धन लोगों से पैसे लूट कर और रिश्वत ले करके कमाया जाता है जिस कारण सरकार इसे गैरकानूनी मानते हैं इसीलिए इसे अपराध के रूप में घोषित किया गया है जिसे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा भी निर्धारित किया गया है।
3.काले धन को बाहर निकालने के लिए सरकार ने क्या उपाय किया?
उत्तर:-काले धन को बाहर निकालने के लिए सरकार ने 2015 में नोटबंदी जैसी करी कार्रवाई की जिसके अंदर उन्होंने 500 और 1000 के सारे नोट बंद कर दिए जिस कारण हर उस व्यक्ति के कालेधन बाहर आ गए जो उन्होंने छुपा कर रखे थे।
4. व्यक्ति को अपनी आय का कितना प्रतिशत इनकम टैक्स के रूप में देना पड़ता है?
उत्तर:- व्यक्ति को अपनी कमाई का 2 से 3% हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में सरकार को देना पड़ता है जिसकी मदद से सरकार उनकी सुविधाओं के लिए काम करती है जैसे कि जन्म स्थल और सरकारी जमीनों को लेकर जनता के हित में स्कूल कॉलेज बनवाती है।
5. काले धन को छुपा के रखने की वजह क्या करना चाहिए?
उत्तर:-काले धन को घर में छुपा कर रखने की जगह पर लोगों को गरीब लोगों को दे देना चाहिए जिस कारण वे अपनी गरीबी और भुखमरी जैसी चीजों से बाहर आ पाएंगे।