रक्तदान करना किसी व्यक्ति को नया जीवनदान देने के बराबर होता है। रक्त की जरूरत किसी भी व्यक्ति को कभी भी पड़ सकती है, वो आपका दोस्त भी हो सकता है, आपका परिवार भी हो सकता है या फिर आप खुद भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको रक्तदान (Essay on Blood Donation in Hindi) जरूर करना चाहिए। दुनिया में विज्ञान की मदद से सभी बीमारियों की दवा निकाली जा सकती है परन्तु खून की कमी को दूर सिर्फ रक्तदान से ही किया जा सकता है।
रक्तदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 14 जून को रक्तदान दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। विश्व रक्तदान दिवस रक्त की कमी को पूरा करने और अधिक से अधिक रक्तदाताओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पूरे विश्व में 14 जून को मनाया जाता है। यह दिन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन लोगों को सुरक्षित रख के बारे में जागरूक किया जाता है और लोगों को रक्तदान करने मे सक्षम होने के लिए बताया जाता है।
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रक्तदान कौन कौन से व्यक्ति कर सकते हैं (Who Can Donate Blood)
17 से 66 वर्ष की आयु वर्ग में आने वाले व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के साथ साथ व्यक्ति का वजन अगर 50 किलोग्राम से ज्यादा है तो वह व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। मधुमेह (डायबटीज) उच्च रक्तचाप (हाइ ब्लडप्रेशर) जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग रक्तदान नहीं कर सकते। इस जागरूकता को बढ़ाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन एक अभियान का आयोजन करता है जो लोगों को रक्तदान के बारे में बताता है। इसलिए रक्तदान दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने मे उनके योगदान के लिए रक्तदाताओं की भी सराहना करता है तथा लोगों से रक्तदान करके जीवन बचाने का आग्रह भी करता है ।
रक्तदान शाकाहारी एवं मांसाहारी व्यक्ति दोनों ही कर सकते हैं। कुछ व्यक्ति के मन में यह भ्रम होता है कि रक्तदान शाकाहारी व्यक्ति नहीं कर सकते क्योंकि उनके शरीर में आयरन नहीं बनता पर यह सही नहीं है रक्तदान शाकाहारी व्यक्ति भी कर सकते अगर वह पूरी तरह सवस्थ है तो। रक्तदान की वजह से कई व्यक्तियों को जीवन दान मिलता है इसलिये रक्तदान को महा दान भी कहा जाता है।
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रक्तदान का महत्व (Importance Of Blood Donation)
देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ रक्तदान की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। हर साल हमारे देश में 5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है परन्तु केवल 2.5 करोड़ यूनिट रक्त ही उपलब्ध हो पाता हैं। और खराब स्थिति यह होती है कि जरूरतमंद व्यक्ति को सही प्रकार का रक्त सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता क्योंकि लगभग मुख्य रक्त के प्रकार और देश में ये पाया जाना कम हो जाता है इसलिए हम इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हमें समय समय रक्तदान करना चाहिए और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 5-6 लीटर ब्लड होता है। इस हिसाब से एक तंदुरुस्त व्यक्ति साल में कम से कम चार बार रक्तदान कर सकता है जैसे एक स्वस्थ शरीर के इंसान में लगभग 10 यूनिट रक्त होता है जिसमें से व एक यूनिट रक्त अर्थात 350 मिली ग्राम दान कर सकता है। एक नियमित रक्त तीन महीने बाद फिर से अगला रक्तदान कर सकता है, अगर रक्तदान के प्रति हमारे एक कदम बढ़ाने की वजह से किसी दूसरे इंसान की जान बच सकती है। देश में ऐसे कई व्यक्ति होते हैं जो गरीब है लाचार हैं। जो की अपने लिए अपने परिवार के लिए वक्त आने पे खून खरीद नहीं पाते। आपके खून देने से उन गरीबों की जान बच सकती है और उनका परिवार बच सकता है।
रक्तदान के फायदे (Benefits Of Donating Blood)
रक्तदान के कई फायदे होते है परंतु लोगों में जागरूकता न होने के कारण लोग रक्तदान करने से घबराते हैं। अगर हर व्यक्ति अपना ना सोच कर दूसरे का सोचे तो रक्त की कमी से जान जाने वालों की संख्या कम हो सकती है। बिश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार केवल 2% और अधिक रक्तदाताओं (Essay on Blood Donation in Hindi) का रक्त दान के लिए आगे आकर कई लोगों की जान बचा सकते हैं। आपके द्वारा जो रक्तदान होता है वो किसी को जीवनदान ही नहीं देता साथ ही इससे आप भी सवस्थ रहते हैं, रक्तदान के फायदे मरीज के साथ साथ रक्तदाता को भी होता है।
रक्त चार प्रकार के तत्वों से निर्मित होता है। रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेट्लेट्स और प्लासमा। जब कोई व्यक्ति ब्लड डोनेट करता है तो दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लासमा का दोबारा निर्माण हो जाता है। जबकि रेड ब्लड सेल को बन्ने में एक से दो महीने लग सकते हैं इस तरह कोई व्यक्ति तीन महीने बाद दोबारा रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान से गंभीर बीमारी का खतरा कम
जब व्यक्ति को लिवर या किडनी में आर्यन संचित होने लगता है, तो उससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। रक्तदान करने से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और हृदय रोग का खतरा कम होता हैं।
उम्र बढ़ने के साथ साथ व्यक्ति में आयरन की अधिकता के कारण डोनेशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों ये होने की आशंका भी बढ़ जाती है। आमतौर पर रक्तदान करने से आयरन नियंत्रित रहता है जो की वृद्धा अवस्था में होने वाली बीमारी डेमो शिया या अल्जाइमर से आपकी सुरक्षा करता है। और तो और रक्तदान से स्ट्रोक का खतरा भी 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
रक्तदान से पुरानी आरवीसी निकल जाती है और दुबारा खून तेजी से बनता है रक्तदान करने से कैंसर का जोखिम भी कम हो जाता है ऐसे ही रक्तदान के फायदे ही फायदे होते है रक्तदान से बीमारी नहीं होती बल्कि बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए एक स्वास्थ्य व्यक्ति को सदैव स्वास्थ्य रहने के लिए भी रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान से पहले होने वाले टेस्ट
रक्तदान से पहले रक्तदाता की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जाती है। इसमें पांच प्रमुख टेस्ट होते हैं जैसे:-
- हेपेटाइटिस बी
- हेपेटाइटिस सी
- सिफसिल
- एच आई बी
- मलेरिया
उपयुक्त एच बी लेवल टेस्ट और ब्लड प्रेशर की भी जांच की जाती है रक्तदान पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है। इसमें सुई की हल्की चुभन के अलावा कोई दर्द नहीं होता। रक्तदान में कम से कम समय लगता है इसमें मात्र पांच से 10 मिनट ही लगता है। रक्त लेते वक्त सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खून लेने के मानक तरीके अपनाए जाते हैं इससे कोई भी संक्रमण होने का खतरा नहीं होता।
उपसंहार
हर व्यक्ति को रक्तदान (Essay on Blood Donation in Hindi) के प्रति अपना कदम आगे बढ़ाना चाहिए। आपके द्वारा दान की जाने वाली रक्त की प्रत्येक बूंद किसी भी चीज़ से अधिक कीमती है। मैं मदद करता है और मानवता को बेहतर स्तर पर लाता है। रक्तदान का सबसे महत्वपूर्ण लाभ है कि आप उस व्यक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे जिसके लिए आपका रक्त उपयोगी होगा और उसे एक नया जीवन मिलेगा।
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