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Essay On Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध हिंदी में

Essay On Cancer in Hindi

आज के इस लेख में हम कैंसर पर निबंध (Essay on Cancer in Hindi) लेकर आए हैं। इस निबंध का उपयोग कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 11 और 12वी के सभी विद्यार्थी कर सकते हैं।

Essay on Cancer in Hindi में हम कैंसर से जुड़ी विभिन्न बातों के बारे मे जानेंगे जैसे कि कैंसर क्या है, कैंसर कैसे फैलता है, कैंसर के खोजकर्ता कौन है, कैंसर के प्रकार, कैंसर की स्टेज, कैंसर से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां आदि।

Table of Contents

Essay On Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध हिंदी में (200 Words)

प्रस्तावना

पूरे विश्व के सामने आज कैंसर की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनकर सामने आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने एक आंकड़े में बताया था कि पूरे विश्व मे प्रतिवर्ष करीब 1 करोड़ नए कैंसर के मरीज मिलते हैं, जिनमें से कुछ का इलाज कर पाना असंभव होता है।

कैंसर से जुड़े कुछ तथ्य.

Essay on Cancer in Hindi के इस भाग में हम कैंसर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण Facts के बारे में जानेंगे।

विश्व मे लोगो की मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण कैंसर ही है। प्रत्येक 6 मृत्यु में से 1 का कारण कैंसर होता है।

कैंसर से होने वाली कुल मृत्यु में 70% मृत्यु मध्यम और कम आय वाले देशों में होती है।

कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाखू का सेवन है। कैंसर से होने वाली कुल मृत्यु में 22% मृत्यु इसी के कारण होती है।

कैंसर के सभी प्रकारों में सबसे ज्यादा मरीज स्तन कैंसर और फेफड़े के कैंसर के पाए गए हैं।

निष्कर्ष

कैंसर की बीमारी आज एक जानलेवा बीमारी के रूप में जानी जाती है, लेकिन यदि सही वक़्त पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका निदान किया जा सकता है।

Essay On Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध हिंदी में (400 Words)

प्रस्तावना

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका नाम सुनकर हम सिहर जाते हैं। वैसे तो आज मेडिकल साइंस बहुत तरक्की कर चुका है।

पोलियो, टीवी जैसे कई लाईलाज बीमारियों का इलाज खोज चुका है, लेकिन जब बात कैंसर की आती है तो यहाँ मेडिकल साइंस भी असहाय नजर आता है क्योंकि कैंसर का पूरा इलाज आज तक नही खोजा जा सका है।

Cancer is a Silent Killer | कैंसर देता है धीमी मृत्यु.

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो किसी को अचानक मृत्यु के निकट लाकर नही खड़ा करती, बल्कि धीरे धीरे पास लाती है। कुछ बीमारियां इस तरह होती है जिसमे व्यक्ति को तुरंत इलाज न मिले तो उनकी मृत्यु हो जाती है।

पर कैंसर की बीमारी बिलकुल अलग है। कभी कभी तो मरीज तो तब तक अपनी बीमारी का एहसास नही होता जब तक वह बहुत जटिल अवस्था तक न पहुँच जाएं।

इसी वजह से कैंसर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। महिलाओं में होने वाले अंडाशय के कैंसर को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इस कैंसर की वजह से प्रतिवर्ष 22,000 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।

इसके अलावा अग्नाशय का कैंसर भी एक तरह का साइलेंट किलर ही है क्योंकि शुरुआती अवस्था मे इसका पता नही चलता और फिर स्थिति इतनी बिगड़ जाती है, की उसे ठीक करना लगभग नामुमकिन होता है।

Essay on Cancer in Hindi में अब हम जानते है कि आखिर कैंसर हमारे शरीर मे कैसे जन्म लेता है।

How Cancer Started | कैंसर किस चीज़ से होता है?

यह जरूरी नही है कि सभी कैंसर किसी एक ही वजह से फैले। अलग अलग अंगों में होने वाले कैंसर के कारण भी अलग अलग होते हैं।

हमारे शरीर मे कैंसर जिन पदार्थों के कारण फैलता है उनके विज्ञान की भाषा मे कार्सिनोजेन अर्थात कैंसर जनक कहा जाता है। कार्सिनोजेन ही कैंसर के जन्मदाता होते हैं।

यदि मुँह के कैंसर की बात करें तो इसके लिए कैंसर जनक आमतौर तंबाकू होता है। वही प्रदूषित वातावरण, खान-पान में संयम न रखना जैसे तमाम कारण कैंसर को जन्म देते का कारण बन सकते हैं।

कैंसर के खोजकर्ता.

कैंसर बीमारी के कारण का पता लगाने वाले एक ब्रिटिश सर्जन हैं जिनका नाम पर्किवेल पोट्ट है। इन्होंने कैंसर के लक्षण की खोज 1775 में कर ली थी। हालांकि उस वक़्त इस बीमारी के बारे ज्यादा विस्तार से बता पाना संभव नही था।

इनके अलावा कई चिकित्सकों ने भी अपने अलग अलग शोध किये। लेकिन इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी तब मिल सकी जब सभी चिकित्सकों ने एक साथ मिलकर कैंसर के बारे में शोध किए।

उपसंहार

आज करीब 100 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर की खोज की जा चुकी है। लेकिन समस्या की बात यह है कि अभी तक सभी तरह के कैंसर का इलाज नही खोजा गया है।

इसलिए कैंसर से बचाव के लिए यह जरूरी है कि हम अपने शरीर की जाँच समय समय पर करवाते रहें ताकि कोई भी समस्या शुरुआती अवस्था मे ही पकड़ में आ सकें।

Essay on Cancer in Hindi के अगले हिस्से में अब हम चर्चा करेंगे कि कैंसर क्या है और यह कितने प्रकार का होता है।

Essay On Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध हिंदी में (600 Words)

प्रस्तावना

कैंसर की बीमारी आज जितनी तेजी से लोगो मे फैल रही है उसे देखकर लग रहा है कि यदि इसका सही इलाज नही खोजा गया तो यह बीमारी और भी भयावह रूप ले सकती है।

कभी मेट्रो सिटी और अमीर लोगों की मानी जाने वाली बीमारी कैंसर आज छोटे शहरों और गाँव के लोगो को भी हो रही है।

आज बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग सभी इस बीमारी की जद में आ चुके हैं। आज स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि प्रतिवर्ष कम से कम 1 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

What is Cancer | कैंसर क्या है?

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारे शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारा शरीर असंख्य कोशिकाओं से मिलकर बना है।

हमारे शरीर मे मौजूद प्रत्येक कोशिका किसी न किसी अंग को बनाने में मदद करती है। कोशिकाओं का विभाजन भी होता है और उनसे नई कोशिकाओं का जन्म होता है।

लेकिन कोशिका विभाजन की इस पूरी प्रक्रिया में हमारे शरीर का नियंत्रण होता है। लेकिन कैंसर की स्थिति में कोशिका विभाजन की प्रक्रिया हमारे शरीर के नियंत्रण से बाहर चली जाती है और कोशिकाओं का विभाजन पूरी तरह अनियंत्रित हो जाता है। इस तरह कैंसर का जन्म हमारे शरीर मे होता है।

Types Of Cancer | कैंसर के प्रकार

Essay on Cancer in Hindi में अब हम जानेंगे कि कुछ प्रमुख कैंसर के बारे में जिनके अधिकतर लोग प्रभावित होते हैं।

आज तक 100 से भी ज्यादा तरह के कैंसर की खोज की जा चुकी है। हर तरह के कैंसर को एक अलग नाम दिया गया है। शरीर के जिस अंग पर कैंसर होता है, उस कैंसर का नाम उसी अंग के नाम पर रख दिया गया है।

कैंसर के कुछ प्रकार निम्नलिखित है:-

ब्लड कैंसर.

कैंसर में सबसे ज्यादा मरीज ब्लड कैंसर के मिलते हैं। हमारे खून में भी कोशिकाएं होती है। जब इन कोशिकाओं का विकास अनियंत्रित हो जाता है तो यह ब्लड कैंसर कहलाता है।

ब्लड कैंसर होने के कारण व्यक्ति में खून की कमी हो जाती है। खून में स्वस्थ रक्त सेल की कमी हो जाती है जिसके कारण शरीर के अंदरूनी अंगों को पोषण नही मिल पाता और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

रक्त का कैंसर भी तीन तरह का होता है

ल्यूकेमिया
लिम्फोमा
मायलोमा

ल्यूकेमिया एक तरह का ब्लड कैंसर है जिसमे खून और अस्थिमज्जा में कैंसर हो जाता है। इस तरह के कैंसर में स्वेत रक्त कोशिका बहुत अधिक मात्रा में बनने लगती है, जिससे लाल रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स का उत्पादन बहुत कम हो जाता है।

लिम्फोमा भी एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसमें कैंसर का जन्म लसीका प्रणाली में होता है। इसका जनक एक लसीका कोशिका है, जो कि स्वेत रक्त कोशिका का एक प्रकार है।

मायलोमा भी एक तरह का ब्लड कैंसर है जिसका जन्म खून के प्लाज्मा कोशिका में होता है जो कि एक प्रकार की स्वेत रक्त कोशिका है।

ब्रेन कैंसर

व्यक्ति के मस्तिष्क में पनपने वाला कैंसर ब्रेन कैंसर कहलाता है। ब्रेन कैंसर की स्थिति में ब्रेन के अंदर कोशिकाओं का विकास अनियंत्रित हो जाता है और यह मस्तिष्क के किसी एक भाग से शुरू होकर पूरे भाग में फैलने लगता है।

जिससे मस्तिष्क की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। ब्रेन कैंसर के भी कई प्रकार है। ब्रेन के जिस भाग से कैंसर की शुरुआत होती है उसी के नाम के आधार पर उस कैंसर का नाम रख दिया जाता है।

जैसे पिट्यूरिटी ग्लैंड से शुरू होने वाले कैंसर को पिट्यूरिटी कैंसर या पिट्यूरिटी ट्यूमर कहते हैं। ग्लिओमास कैंसर जो कि ब्रेन कैंसर का ही एक प्रकार है, यह सबसे ज्यादा पाया जाता है।

ग्लिओमास हमारे मस्तिष्क का एक तिहाई हिस्सा है। इसमें कैंसर होने पर हमारा केंद्रीय नर्वस सिस्टम बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।

स्तन कैंसर

स्तन कैंसर मुख्यरूप से महिलाओं में होता है लेकिन ऐसा नही है कि पुरुष इसका शिकार नही हो सकते। जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित होने लगती है, तो यह स्तन कैंसर को जन्म देती है।

कोशिकाएं विकसित होती है और फिर एक गांठ के रूप में बदल जाती है जो ट्यूमर का रूप ले लेता है। यह एक अनुवांशिक बीमारी होने के साथ साथ कई अन्य कारणों पर भी निर्भर करता है।

जैसे कि यदि कोई महिला नशे का सेवन करती है, बच्चों को स्तनपान नही कराती, अधिक उम्र में बच्चे जन्म लेते हैं, इन सब कारणों के वजह से स्तन कैंसर का जन्म होता है।

यदि महिलाएं अपने स्तन की जाँच नियमित रूप से करवा रही है तो इसको शुरुआती चरण में ही पहचाना जा सकता है। स्तन कैंसर होने की सबसे बड़ी पहचान स्तन में गांठ का होना है।

गर्भाशय का कैंसर

यह एक तरह का कैंसर है जिससे महिलायें प्रभावित होती है। महिलाओं को होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में यह दूसरे स्थान पर है।

गर्भाशय का कैंसर एक बेहद ही गंभीर कैंसर माना जाता है। इसके पीछे की वजह HPV वायरस यानी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस माना जाता है।

किसी महिला को यदि गर्भाशय का कैंसर हो जाए तो उसे कमर और इसके निचले हिस्से में बहुत कमजोरी और दर्द महसूस होता है।

भूख न लगना, रक्तस्राव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

स्किन कैंसर

जब स्किन कोशिकाएं अनियंत्रित होकर विकसित होने लगती है तो इससे स्किन कैंसर हो जाता हैं। स्किन कैंसर होने की मुख्य वजह सूर्य की किरण होती है।

जब हमारे शरीर मे सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी पड़ती है तो उससे हमारी स्किन में बदलाव आने लगता है जिससे स्किन कैंसर का जन्म होता है।

स्किन कैंसर से बचाव का एक तरीका सिर्फ सावधानी हैं।हमारी स्किन में किसी भी तरह का बदलाव दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही पराबैगनी किरणों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

फेफड़े का कैंसर

फेफड़े के कैंसर की शुरुआत हमारे फेफड़े से होती है। फेफड़ा हमारे शरीर का एक मुख्य अंग होता है, जो स्पंजी होता है। हम स्वास के रूप में जो हवा लेते हैं वह पहले फेफड़े में ही जाता है।

फेफड़े से ही अशुद्ध हवा के रूप में CO2 बाहर जाती है। लेकिन यदि विषैली हवा के संपर्क में हमारे फेफड़े बार बार आते हैं तो इससे फेफड़े का कैंसर जन्म लेता हैं।

ऐसे व्यक्ति जो सिगरेट आदि का सेवन लगातार करते रहते हैं उनमें यह कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। पर ऐसा भी नही है कि जो सिगरेट का सेवन नही करते उनमें यह कैंसर होने की संभावना नही होती।

फेफड़े का कैंसर न हो, इसके लिए जरूरी है कि हम हमेशा शुद्ध हवा के संपर्क में ही रहे। प्रदूषित वातावरण में जाने से बचना चाहिए।

प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट कैंसर से सिर्फ पुरुष ही प्रभावित होते हैं। प्रोस्टेट एक प्रकार की ग्रंथि है जो पुरुषों के निचले भाग में पाई जाती है। यह पुरुष प्रजनन अंग का ही एक भाग है।

जब प्रोस्टेट में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित होकर एक ट्यूमर को जन्म दे देती है तो यही प्रोस्टेट कैंसर कहलाता है।

प्रोस्टेट कैंसर की शिकायत आमतौर पर प्रौढ़ या बुजुर्ग लोगो मे ही होती है। प्रोस्टेट कैंसर के अधिकतर मामले 60 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में देखने को मिले हैं।

मुँह का कैंसर

मुँह के भीतर के किसी भी हिस्से पर होने वाला कैंसर मुँह का कैंसर कहलाता है। सामान्यतः जीभ, मुँह के ऊपरी या निचले हिस्से में, मसूड़ों में यह कैंसर होता है।
मुँह का कैंसर होने की स्थिति में व्यक्ति का मुँह ज्यादा नही खुल पाता।

निष्कर्ष

अभी तक मेडिकल साइंस ने कई अलग अलग प्रकार के कैंसर की खोज कर रही है और नई नई खोज सतत रूप से जारी है। कैंसर एक तरह की लाईलाज बीमारी है इस बात में कोई संदेह नही है लेकिन अपनी जीवनशैली में संयम रखकर बहुत हद तक इस बीमारी से खुद को दूर रखा जा सकता है।

Essay On Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध हिंदी में (1500 Words)

प्रस्तावना

हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाएं असामान्य रूप से जब वृद्धि करने लगती हैं और इन पर हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम का कोई भी नियंत्रण रहता ऐसी स्थिति कैंसर होने की स्थिति कहलाती है।

कैंसर हमारे शरीर के किसी भी अंग से शुरू हो सकता है और धीरे-धीरे शरीर में मौजूद दूसरे अंगों के कार्य प्रणाली को भी रोक सकता है।

मौजूदा वक्त में फेफड़े का कैंसर, त्वचा का कैंसर, स्तन कैंसर गुर्दे का कैंसर, रक्त कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर जैसे कई कैंसर के मरीज सबसे अधिक देखने को मिलते हैं।

कैंसर एक लाइलाज बीमारी है लेकिन फिर भी हमने यह देखा है कि कई मरीज पूरी बहादुरी के साथ इस असाध्य बीमारी का सामना करते हैं।

साथ ही ठीक होकर वापस सामान्य लोगों की तरह ही जीवनयापन करते हैं। इसलिए यह कहना कि कैंसर का इलाज पूरी तरह से असंभव है गलत होगा।

Biology Of Cancer | कैंसर की बायोलॉजी

Essay on Cancer in Hindi में अब हम जानेंगे कि आखिर कैंसर की बायोलॉजी क्या है और कैंसर की कोशिकाओं और बाकी कोशिकाओं में क्या अंतर होता है।

कैंसर कुछ और नहीं बस कोशिकाओं का अनियंत्रित विकसित होना है। कैंसर की कोशिकाओं और सामान्य कोशिका में बहुत अंतर होता है, जिसके आधार पर पता लगा सकते हैं कि व्यक्ति के अंदर कैंसर जन्म ले रहा है।

एक सामान्य कोशिका के काम निर्धारित होते हैं, अर्थात एक समान कोशिका किसी न किसी कार्य में अपना योगदान देती है, जबकि कैंसर की कोशिका कोई भी कार्य नहीं करती है।

इसके साथ ही कैंसर की कोशिका में क्षमता होती है कि वह हमारे नर्वस सिस्टम के संदेश को नजरअंदाज कर दे और अपना विकास लगातार करती रहे।

जबकि एक सामान्य कोशिका सिर्फ उतनी ही विकसित होती है जितना शरीर के लिए जरूरी होता है इसके बाद नर्वस सिस्टम उसे वृद्धि करने से रोक देता है।

कैंसर की कोशिका सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है साथ ही साथ ये खुद को जीवित रखने के लिए हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी उपयोग करती हैं।

Stages Of Cancer | Cancer की अवस्थाएँ.

Essay on Cancer in Hindi के इस भाग में हम TNM System के बारे में जानेंगे। कैंसर की स्टेज जानने के लिए डॉक्टर्स और भी कई तकनीक का उपयोग करते है लेकिन यह सबसे ज्यादा प्रचलित है।

कैंसर के स्टेज का निर्धारण के लिए डॉक्टर सामान्यतया टीएनएम(TNM) सिस्टम का उपयोग करते हैं। टीएनएम सिस्टम के तहत डॉक्टर कुछ प्रश्नों के उत्तर खोजते हैं जिसके आधार पर ट्यूमर की अवस्था पता चलती है यह प्रश्न कुछ इस प्रकार हैं:-

ट्यूमर कितना बड़ा है और यह किस जगह पर है? ( Tumor,T)

क्या ट्यूमर लसीका पर फैला हुआ है?यदि यह फैला है तो कितना फायदा है? (Node, N)

क्या ट्यूमर शरीर के बाकी अंदरूनी अंगों में भी फैल चुका है? यदि फैला है तो कितना फैला है? (Metastasis, M)

Tumor,(T)

यहाँ ‘T’ के साथ 0 से 4 के बीच एक नंबर दिया रहता है जो यह बताता है कि ट्यूमर का साइज कितना बड़ा है। ट्यूमर का साइज सेंटीमीटर में मापा जाता है।

ऐसा ट्यूमर जिसका साइज बहुत बड़ा है और अपने आसपास की जगह को पूरी तरह से घेरकर रखता है उसे सबसे ज्यादा चार अंक दिया जाता है। वहीं शुरुआती स्टेज पर यदि कोई ट्यूमर है तो उसे 0 और 1 अंक दिया जाता है।

Node, (N)

लसीका एक अंदरूनी अंग है जो किसी संक्रमण से लड़ने में शरीर की मदद करता है। कोई भी कैंसर लसीका के जितने करीब होगा उसे उतना ज्यादा खतरे वाला माना जाता है, इसलिए ‘N’ के साथ 0 से 3 के बीच कोई अंग रहता है जो बताता है कि लसीका कैंसर से कितना प्रभावित है।

Metastasis, (M)

यह बताता है कि कैंसर जिस जगह शुरू हुआ था वहाँ से कितना ज्यादा फैल चुका है और बाकी अंदरूनी अंगों तक इसकी पहुँच कितनी ज्यादा है। यदि कैंसर नही फैला है तो इसे M0 का लेबल दिया जाता है। वही यदि यह फैल चुका है तो M1 का लेबल दिया जाता है।

T,N,M पद्धति के आधार पर कैंसर को 4 अलग अलग अवस्था मे विभाजित किया गया है:-

Zero Stage Of Cancer in Hindi | कैंसर की शून्य अवस्था.

यह कैंसर की शुरुआती अवस्था होती है जिसमें यह उसी जगह पर रहता है जहाँ से इसकी शुरुआत हुई थी। कैंसर से बाकी अंदरूनी अंग इस अवस्था मे प्रभावित नही होते, इस वजह से यहाँ से कैंसर मुक्त की संभावना बहुत अधिक रहती है।

यदि किसी के कैंसर की पकड़ जीरो अवस्था मे ही आ जाए, तो ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से पूरी तरह हटाया जा सकता है।

First Stage Of Cancer in Hindi | कैंसर की प्रथम अवस्था.

कैंसर की प्रथम अवस्था मे ट्यूमर तो बन जाता है लेकिन इसका आकार बहुत ही छोटा रहता है। इस अवस्था मे कैंसर बाकी दूसरे अंगों में भी नही फैला होता है, और लसीका भी कैंसर के प्रभाव से बचा रहता है।

यदि इस अवस्था मे भी कैंसर की पहचान हो जाए तो सर्जरी के द्वारा इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

Second and Third Stage Of Cancer in Hindi | कैंसर की दूसरी और तीसरी अवस्था.

कैंसर की दूसरी और तीसरी अवस्था मे लसीका कैंसर से प्रभावित हो जाता है। कैंसर का प्रभाव आसपास के अंदरूनी अंगों में भी बहुत गहरा दिखाई देने लगता है, लेकिन दूर के अंदरूनी अंग अभी भी कैंसर के प्रभाव से मुक्त रहते हैं।

Forth Stage Of Cancer in Hindi| कैंसर की चौथी अवस्था.

यह कैंसर की अंतिम अवस्था कहलाती है, जिसमे यह शरीर के बाकी अंदरूनी में बहुत गहराई से फैल चुका होता है। इस अवस्था से मरीज को बचा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। कैंसर की इस अवस्था को Metastatic Cancer भी कहते हैं।

हर ट्यूमर कैंसर नही है।

कैंसर की कैंसर की शुरुआत जरूर एक ट्यूमर के रूप में ही होती है इसलिए हमारे मन में यह भ्रांति भी जन्म ले लेती है कि शरीर में पनपने वाले हर एक ट्यूमर का संबंध कैंसर से है पर यह सत्य नहीं है।

कुछ ऐसी बीमारियां भी होती है जिनमें शरीर की कोशिकाओं का विभाजन सामान्य गति की तुलना में बहुत तेजी से होता है ।

जब इन्हें माइक्रोस्कोप के जरिए देखा जाता है तो यह कैंसर की भांति ही हमें दिखाई देते हैं पर असल में यह कैंसर नहीं होता।

हालांकि हमारे शरीर में कोई भी ट्यूमर यदि जन्म लेता है तो उसको दिखाने में हमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए डॉक्टर के पास जाकर उचित सलाह लेनी चाहिए और उसका सही से इलाज करवाना चाहिए।

कैंसर से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां.

तंबाकू का उपयोग ना करें

यदि कैंसर से बचना है तो किसी तरह के तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान का सेवन भी कई तरह के कैंसर को जन्म दे सकता है, जैसे मुख का कैंसर, गले का कैंसर, पैंक्रियास कैंसर, किडनी कैंसर, आदि.

अच्छा भोजन ग्रहण करें

यदि आपका खान-पान अच्छा है तो कैंसर जैसी कई बीमारियों को आप हमेशा खुद से दूर रख सकते हैं। खाने में हमेशा पत्तेदार सब्जियों एवं फलों का उपयोग करें।

उच्च कैलोरी वाला भोजन ग्रहण करने से बचें साथ ही साथ यदि आप को अल्कोहल लेने की इच्छा है तो इसे बहुत ही सीमित मात्रा में लें। वैसे अल्कोहल किसी भी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं होता.

शारीरिक रूप से क्रियाशील रहे.

यदि हम अपने वजन को नियंत्रित करके रखते हैं और शारीरिक रूप से क्रियाशील रहते हैं तो हम कई तरह के कैंसर को अपने आप से दूर रह सकते हैं।

जैसे प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, किडनी का कैंसर इन सब की वजह कहीं ना कहीं शारीरिक क्रियाशीलता की कमी होती है।

टीकाकरण करवाएं

कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनके होने के कारण हमारे अंदर कैंसर पनपने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। जैसे हेपेटाइटिस बी, लिवर कैंसर होने की संभावना को बढ़ा देती है।

इस बीमारी से बचने के लिए हम हेपेटाइटिस बी का टीका लगा सकते हैं ठीक इसी तरह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है जो की गुप्तांगों में कैंसर को जन्म दे सकता है। इससे बचने के लिए भी टीका लगवाना बहुत जरूरी है।

समय-समय पर शरीर की जाँच करवाते रहें.

कहते हैं इलाज से बेहतर सावधानी है, इसलिए एक नियमित अंतराल के बाद अपने शरीर की जांच जरूर करवाएं।

इससे किसी भी तरह की बीमारी की जानकारी हमें पहले से पता चल जाती है। साथ ही साथ कैंसर जैसे जटिल बीमारी भी अपने शुरुआती अवस्था में ही पकड़ में आ जाती है जिससे इलाज करना ज्यादा आसान हो जाता है।

Cancer Awareness Day | कैंसर जागरूकता दिवस.

लोगो मे कैंसर के प्रति जागरूकता हो और सही जानकारी के साथ वह खुद को कैंसर से बचा सकें, इसके लिए हमारे देश मे प्रतिवर्ष कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है।

यह प्रतिवर्ष 7 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन आधिकारिक रूप से कैंसर के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं। वही विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है।

उपसंहार

कैंसर के प्रति लोगो मे जागरूकता बढ़ाई जा रही है लेकिन फिर भी यह देखने मे आता है कि लोग जानकारी होने के बाद भी उतनी सावधानी नही बरतते हैं।

नशे की लत, गुटखा, तम्बाखू का सेवन करने से सदा बचना चाहिए। यदि किसी को इनकी लत लग भी गई है तो उसे तुरंत छोड़ना चाहिए, क्योंकि यह जहर के सामान है जो हमारे जीवन को बीमारियों के नजदीक पंहुचा देती है।

Essay on Cancer in Hindi में कैंसर बीमारी की वजह, सावधानियां और निदान के बारे में विस्तार से जाना है। आशा है यह कैंसर पर निबंध आपके लिए उपयोगी होगा।