Home निबंध Essay on Domestic Violence in India in Hindi

Essay on Domestic Violence in India in Hindi

भारत एक ऐसा देश है जहां पर कई प्रकार के नियम और नीष्ठान जैसी चीजों का विवरण मिलता है । भारत जितना ज्यादा विकसित और प्रचलित है उतना ही ज्यादा अपराध करने के लिए भी जाना जाता है।वैसे तो भारत में हर वर्ष होने वाले अपराध की गणना बढ़ते जाती है परंतु कुछ ऐसे भी अपराध है जिनको बताना और लिखना आसान नहीं है। इन्हीं अपराधों की गिनती में आजकल ऐसे अपराध भी जुड़ने लग गए हैं जो समाज और समाज सुधारक द्वारा किया जाता है। समाज में होने वाली ऐसी बहुत सारी अवहेलना है और दुर्घटनाएं हैं जो हिंसक तरीके से देखा जाता है। यहां पर तो वैसे ही अपराधों की गणना में बहुत सारे अपराध और अपराधियों की गिनती हो जाती है परंतु उन अपराधियों को कभी नहीं पकड़ा जा सकता जो मानसिक क्षति और शारीरिक क्षति देती हो।

कुछ ऐसे ही दूर अवहेलना अभी देखी जा रही है समाज में परंतु ना कोई इसके खिलाफ बोलता है और ना कोई आवाज उठाता है। बेशक यह सब डर के कारण से हो सकता है परंतु यहां पर हर किसी को अपने से मतलब है। यही कारण है कि उन्नति पूर्व क्षेत्रों में समाज को खली और डरपोक होती जा रही है जबकि छोटे-छोटे कस्बों में समाज एक दूसरे से मिल कर आगे बढ़ रही है। ऐसे नहीं आजकल हर घर में घरेलू हिंसा बढ़ती जा रही।

घरेलू हिंसा क्या है :-

घरेलू हिंसा का तात्पर्य है घर के अंदर होने वाली शारीरिक या मानसिक तनाव या फिर कोई ऐसी क्षति जो आपके शरीर पर गंभीरता से पड़ी हो यह सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं।2005 के डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट के तहत देखा जाए तो अपराधियों को इसमें आईपीसी 498 ए के तहत अपराधी को कठिन सजा दी जाएगी। घरेलू हिंसा का शिकार होने वाले लोगों की गणना में सबसे पहले आती है घर की महिलाएं। घर की महिलाओं पर किए जाने वाला शोषण और देने जाने वाला तकलीफ सब ही घरेलू हिंसा का एक उदाहरण है। वैसे तो घरेलू हिंसा सहना अपराध है परंतु आज के समय में जहां औरतें आदमियों से कदम से कदम मिलाकर चल रही है वहां घरेलू हिंसा जैसा अपराध होना भी गंभीर बात है।

अधिकांश महिलाएं घरेलू हिंसा के कारण आत्महत्या जैसी घिनौनी चीजों के बारे में सोचते हैं परंतु वह इसका कोई निवारण नहीं करना चाहती। यदि वह इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनके आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जाती है। पहले के समय में जहां औरतों को सिर्फ काम करने की मशीन और घर में रखी जाने वाली अनपढ़ नारी समझा लगा था वही आज वह नारी घर के बाहर की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर लेकर चल रही है। इन सब का खिलाफ करना ही घरेलू हिंसा है। किसी भी कारण से बदसलूकी या बदतमीजी करना घरेलू हिंसा में आता है।  

घरेलू हिंसा का कारण और होने वाले शिकार:-

घरेलू हिंसा के जैसे लाखों कारण है परंतु यदि दूसरे नजरिए से देखा जाए तो घरेलू हिंसा के बहुत सारे कारण है जैसे कि औरतों का घर से बाहर जाना, पुरुषों के साथ बहस करना , दहेज के कारण, लड़कियों को जन्म देने के कारण, परिवार के हित में बोलने के कारण,आदि जैसी समस्याओं पर महिलाओं के साथ घरेलू शोषण किया जाता है परंतु या शोषण पुरुषों के साथ भी होता है जैसे की बेरोजगारी के कारण, सही ढंग से काम ना करने के कारण, बात ना करने के कारण, आदि जैसे चीजों पर पुरुषों के साथ भी शोषण होता है। इस भैया व शोषण का शिकार बालिकाएं भी होती है जोकि किसी का पीछा करने के कारण, छेड़छाड़ करने के कारण, जल्दी विवाह कर देने के कारण, आगे की शिक्षा प्राप्त करने के कारण, आदि जैसी चीजों पर छोटी छोटी लड़कियों के साथ भी शोषण होता है।

शोषण का अधिकतम शिकार महिलाएं और बेरोजगार पुरुष तथा छोटी छोटी बालिका ने भी होती है जो कि अन्य सामाजिक करतूतों के कारण शोषित होती हैं। यही सब कारण बाद में हिंसा के रूप में बदल जाता है।

घरेलू हिंसा से होने वाले नुकसान:-

घरेलू हिंसा से वैसे तो देश और परिवार को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचती है परंतु इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होता है जो इसके शिकार होते हैं जैसे कि महिलाएं और छोटी लड़कियां। इससे वैसे तो परेशान होने के बाद लोग आत्महत्या तक का चुनाव करते हैं परंतु यदि किसी को मानसिक क्षति पहुंचती है तो वह पागल तक हो जाता है। बाद में वह खाना-पीना छोड़ कर डरा सहमा रहने लगता है और लोगों से दूर रहना पसंद करने लगता है।धीरे-धीरे वह अपनी हालत को बद से बदतर करके अपने प्राण को त्याग देता है जिस कारण उसके अपराधी को किसी भी प्रकार का कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। ज्यादातर पीड़ित को मार दिया जाता है परंतु उसे इस प्रकार साबित कर देते हैं कि वह खुद से मरा है।अधिकतर मारपीट के मामले दहेज और महिलाओं के साथ ही होते हैं जबकि छोटी छोटी बालिकाओं के साथ बलात्कार जैसे दुष्कर्म सामने आते हैं। अधिकांश लोगों के अंदर इस चीज की कोई भी जानकारी ना होने के कारण किसी भी प्रकार की मदद करने में सक्षम नहीं रहते।

घरेलू हिंसा से बचाव:-

घरेलू हिंसा वैसे तो एक अपराध है परंतु इसका बचाव करना हमारी जिम्मेदारी है।कहां जाता है किसी भी अपराध को सहना अपराध ही होता है इस कारण घरेलू हिंसा से बचाव करना उसी की जिम्मेदारी है जो उसे सह रहा है।यदि किसी पर घरेलू हिंसा हो रहा है तो उसके बचने की कई सारे तरीके हैं।हर क्षेत्र में घरेलू हिंसा के कारण ऐसे लाखों केस दर्ज कराए जाते हैं जो  पेटियो में और फाइलो में बंद होकर रह जाती है।घरेलू हिंसा से यदि कोई बचना चाहता तो सबसे पहले उसे इतना मजबूत होना चाहिए जितना आज की महिलाएं हो गई है। पहले के समय में तो महिलाओं को किसी भी चीज का अधिकार नहीं था परंतु आजकल सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों का महिलाओं को जोर-शोर से फायदा उठाना चाहिए।हर क्षेत्र में उन्नति कर रही महिलाएं किसी भी तरह कमजोर नहीं है यह साबित करने का सबसे अच्छा मौका आज है। यदि किसी के साथ किसी प्रकार का शोषण या हिंसा हो रहा है तो उसे पुलिस को 999 नंबर डायल करके अपनी कंप्लेंट लिखवाने की पूरी आजादी है। और पकड़े जाने पर कठिन से कठिन सजा देना पुलिस की जिम्मेदारी है। समाज को भी इसके लिए लोगों की मदद करनी चाहिए मिलजुलकर उन्हें उनकी परेशानियों से निकालना चाहिए।

निष्कर्श:-

यदि हिंसा से बाहर आना है तो लोगों की बातों को मानना छोड़ दो क्योंकि जितना हम उनसे डरेंगे और उनकी बातों को मानेंगे लोग उतना ही हमारे ऊपर दबाव डालते जाएंगे। आज की जनता चाहती है कि अपने अंदर हर किसी को दबाकर रखें परंतु उभरकर निकलना हमारी जिम्मेदारी है। यदि कोई हम पर शोषण करता है तो हमें उसी खिलाफ आवाज उठाने की पूरी छूट है। चाहे फिर वह कोई बड़ा से बड़ा अधिकारी या फिर अपना खुद का परिवार ही क्यों ना हो। यदि किसी को आप से दिक्कत है तो उसकी दिक्कत को हटाओ ना कि खुद को। घरेलू हिंसा का साथ देना उतना ही बड़ा अपराधी जितना घरेलू हिंसा करना। इसे सहना भी एक अपराध है इसलिए सहना बंद करो और अपने हक के लिए लड़ो। बता दो सबको कि हम किसी से कम नहीं है और चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं।

FAQ:-

1. घरेलू हिंसा का सीधा मतलब क्या है?

उत्तर:  घरेलू हिंसा का मतलब है किसी को भी मानसिक या शारीरिक क्षति देना। कुछ इस प्रकार का तनाव जिस कारण उसे ज्यादा परेशानी हो।

2. घरेलू हिंसा के सबसे शिकार बनने वाले व्यक्ति कौन है?

उत्तर: घरेलू हिंसा महिलाओं को सबसे ज्यादा शिकार बनाया जाता है क्योंकि वह तो ना पढ़ी लिखी होती है और ना ही अपना बचाव करने में सक्षम।

3. बालिकाओं पर किस प्रकार से शोषण होता?    

उत्तर: बालिकाओं पर सबसे ज्यादा प्रताड़ना जैसे गलत काम किए जाते हैं और इसी कारण उनके ऊपर भाषण दबाव डाला जाता है जो कि एक शोषण का ही हिस्सा है।

4. घरेलू हिंसा का कारण क्या है?

उत्तर:यदि देखा जाए तो घरेलू हिंसा के बहुत सारे कारण हैं जिनमें से सबसे आगे दहेज है।

5. क्या पुरुषों पर भी घरेलू हिंसा जैसा दूर बर्ताव होता है?

उत्तर: पुरुषों पर भी बेरोजगार होने पर घरेलू हिंसा जैसे कि मानसिक तनाव दिया जाता है।