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Essay on Doordarshan in Hindi

विज्ञान की मदद से मनुष्य को कई सारे अद्भुत उपकरण व यंत्र प्राप्त हुए हैं। आज के समय में लोगों के लिए कई सारे मनोरंजन यंत्र बनाए गए हैं परंतु विज्ञान का सबसे अनमोल उपकरणों में से दूरदर्शन है। दूरदर्शन जब इस दुनिया में आया था तो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया था उस समय महंगा हुआ करता था परंतु यह धीरे-धीरे सस्ता होता गया और आज हम हर घर में दूरदर्शन देख सकते हैं। दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) लोगों के लिए बहुत ही अच्छा मनोरंजन यंत्र है। आज के समय में दूरदर्शन केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं परंतु शिक्षा क्षेत्र में भी काम आने लगा है। दूरदर्शन धीरे-धीरे हर क्षेत्र में पहुंचता गया और आज हर व्यक्ति इसका उपयोग आसानी से कर रहा है।

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दूरदर्शन का आविष्कार:-

दूरदर्शन का आविष्कार सबसे पहले 1924 में जॉन लोगी वेयर्ड ने किया था। भारत में दूरदर्शन 15 सितंबर 1959 में आया था। दूरदर्शन को एक कार्यक्रम के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था इसे प्रयोगात्मक आधार पर आधे घंटे के लिए शैक्षणिक और विकास रूप से चलाया गया था जिससे लोग इससे देख सके और इसके प्रति जागरूक हो सके। यह हर सप्ताह में 3 दिन आधे आधे घंटे के लिए चलाया जाता था धीरे-धीरे हर कोई टेलीविजन को जानने लगा| भारत में आने से पहले दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) को टेलीविजन कहा जाता था भारत में आने के बाद 1975 में इसे दूरदर्शन का नाम दिया गया। भारत की हिंदी सभ्यता ने इसे बहुत ही अच्छे से अपनाया था। भारत में यह अविष्कार देखकर लोग बहुत ही खुश हुए। टेलीविजन देखने के लिए लोग दूर दूर से आया करते थे अगर किसी क्षेत्र में एक टेलीविजन हुआ करता था तो आस-पड़ोस के सभी व्यक्ति एक समय में इकट्ठा होकर टेलीविजन देखा करते थे। भारत में टेलीविजन को लेकर भी एकता दिखाई जाती थी।

दूरदर्शन का बढ़ता उपयोग:-

दूरदर्शन मनोरंजन के लिए एक उत्तम साधन है आज यह शिक्षा क्षेत्र में भी काम आने लगा है ज्ञानवर्धक बातें दूरदर्शन में भी बताई जाती हैं। दूरदर्शन के द्वारा लोग समाचार भी सुन सकते हैं जिसमे लोगों को देश और दुनिया की सभी खबरें दी जाती है। दूरदर्शन धीरे धीरे हर क्षेत्र में बढ़ गया है और लोग इसका उपयोग अधिक मात्रा में करने लगे हैं। दूरदर्शन में कई सारे चैनल लाए गए हैं और सभी चैनल को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है जिस प्रकार बड़े हो या बच्चे अपने हिसाब से दूरदर्शन देख सकते हैं। दूरदर्शन में सभी के लिए बहुत ही अच्छी-अच्छी चीजें सिखाई जाती हैं जो लोगों के लिए बहुत ही मददगार हो सकती है। दूरदर्शन का बढ़ता उपयोग पूरे देश और दुनिया में लोगों को इसके प्रति और भी ज्यादा जागरूक कर रहा है। मनुष्य के दिन भर की थकान में मनोरंजन का एक रास्ता दूरदर्शन बनता है।

दूरदर्शन का प्रभाव:-

दूरदर्शन जिस प्रकार सभी व्यक्ति को पसंद आता है चाहे वह छोटा बच्चा हो या वृद्ध पुरुष सभी को दूरदर्शन देखना बहुत ही अच्छा लगता है। दूरदर्शन में दिखाई जाने वाली सांस्कृतिक कथाएं लोगों को उनके धर्म और संस्कृति से जोड़ती है। पुराने समय से ही दूरदर्शन में महाभारत रामायण जैसे बड़ी-बड़ी अनेक कथाएं दिखाई जाती है जिसे छोटे बच्चे देखकर अपनी संस्कृति को सीखते हैं और वृद्ध अपने भगवान की भक्ति में विलीन हो जाते हैं। दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) का प्रभाव सबसे ज्यादा मनुष्य में तब पड़ता है जब वह इसे अपने जीवन काल से जोड़कर देखते हैं। दूरदर्शन में दिखाया जाने वाला हर एक कार्यक्रम मनुष्य से जुड़ा होता है। बौद्धिक स्तर पर देखा जाए तो दूरदर्शन में ऐसी कई सारे कार्यक्रम बनाए गए हैं जिससे छात्रों को पढ़ने में भी आसानी होती है। शुरू से ही दूरदर्शन की मान्यता अधिक दिखाई गई है और आज भी दूरदर्शन का पद कम नहीं हुआ है।

अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा है तो वह दूरदर्शन के सामने कुछ समय बैठ जाए तो उसकी सारी थकान दूर हो सकती है जैसा कि हम सब जानते हैं दूरदर्शन के सामने बच्चे से लेकर बड़े कोई भी बैठते हैं तो अपने आसपास की सभी चीजों को भूल जाते हैं। इसका प्रभाव मनुष्य पर ना पड़े इसके लिए बीच-बीच में विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं जिससे मनुष्य को कुछ समय का आराम मिले।

दूरदर्शन के लाभ:-

दूरदर्शन सभी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रूप में लाभदायक होता है आज के समय में दूरदर्शन एक बहुत ही सस्ता और सुलभ मनोरंजन यंत्र है। प्राचीन समय में इसे खरीदने के लिए बहुत पैसे लगते थे जोकि लोगों के आय के ऊपर हुआ करता था। हर कोई इसे खरीदने में असमर्थ हो जाते थे| एक पूरे क्षेत्र में एक से दो ही दूरदर्शन दिखते थे। लोग एक जगह से दूसरी जगह सिर्फ दूरदर्शन को देखने आया करते थे, परंतु आज के समय में हर घर में एक दूरदर्शन मिल ही जाता है। क्योंकि दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) हर जगह पर है तो मनुष्य इसका लाभ आसानी से उठा पाते हैं जैसे कि दूरदर्शन से हमें यह पता चलता है की मार्केट में महंगाई कितनी ज्यादा बड़ी और घटी है इसके साथ साथ किन देशों में क्या चल रहा है यह भी हमें दूरदर्शन की मदद से आसानी से पता चल जाता है। वर्तमान कोरोना महामारी के समय में भी दूरदर्शन में एक अहम भूमिका निभाई है जिन भी घरों में स्मार्टफोन नहीं हुआ करता था, उनके लिए दूरदर्शन पर ही घर बैठे पढ़ाई करवाई गई। दूरदर्शन के सामने कुछ समय बैठ जाने से ही मानसिक तनाव कम हो जाता है।

दूरदर्शन की हानियां:-

क्योंकि दूरदर्शन हर किसी के घर में हो गया है तो लोग इसका उपयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं जिस प्रकार के लाभ है उसी प्रकार इसकी हानियां भी बहुत है। अक्सर लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रम को देखने बैठ जाते हैं तो उसी में वो खो जाते है। टेलीविज़न देखने के लिए लोग अपना काम भी टालने लग जाते है जिससे उनका काम असफल रह जाता है। ज्यादा दूरदर्शन देखने से आंखों में भी असर होने लगता है। दूरदर्शन की हानियां अनेक है। दूरदर्शन के सामने घंटो बैठने से स्वास्थ्य में भी परेशानियां होने लगती है। दूरदर्शन की हानियां से बचने के लिए इसका उपयोग कम से कम करें और केवल मनोरंजन के लिए कुछ समय ही इससे जुड़े रहे।

निष्कर्ष:-

दूरदर्शन शुरू से ही लोगों के मनोरंजन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बना है शुरू में दूरदर्शन बड़े आकार के होते थे जिन्हें रखने के लिए बड़ी जगह चाहिए होती थी परंतु आज के समय में दूरदर्शन बहुत ही छोटी जगह में आ जाता है। इसके साथ ही वर्तमान समय में दूरदर्शन के कई सारे प्रकार आ गए हैं और आज हर घर में दूरदर्शन को देखा जा सकता है। दूरदर्शन शुरू से ही बहुत ही लोकप्रिय रहा है और यह आगे भी अलग-अलग रूप में दिखाई दे सकता है।

FAQ:-

1.प्रश्न:- दूरदर्शन का आविष्कार कब और किसने किया था?

उत्तर:-  दूरदर्शन का आविष्कार सबसे पहले 1924 में जॉन लोगी वेयर्ड ने किया था।

2.प्रश्न:- भारत में दूरदर्शन को कब लाया गया था?

उत्तर:-  भारत में दूरदर्शन 15 सितंबर 1959 में आया था। दूरदर्शन को एक कार्यक्रम प्रसारण के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था ।

3.प्रश्न:- दूरदर्शन का अर्थ क्या है?

उत्तर:- दूरदर्शन में हम एक स्थान में बैठ कर किसी दूसरे स्थान की स्थिति को देख सकते है इसे ही दूरदर्शन कहा जाता है अर्थात दूर के स्थान, जीव व वस्तु के दर्शन।

4.प्रश्न:- दूरदर्शन के लाभ क्या है?

उत्तर:-  दूरदर्शन मनुष्यो के मनोरंजन का साधन है थकान से आया हुआ व्यक्ति अगर दूरदर्शन के सामने कुछ घंटे बैठ जाए तो उसकी थकान कम हो सकती है, इसके अलावा समाचार और शिक्षा के लिए भी दूरदर्शन प्रसिद्ध है।

5.प्रश्न:- दूरदर्शन की हानिया क्या है?

उत्तर:- दूरदर्शन के सामने घंटो बैठने से मानव शरीर में बहुत सी बीमारियां होने लगती है और आंखों पर भी असर इसका देखने को मिलता है।