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Essay on Energy Crisis in India in Hindi

भारत एक ऐसा देश है जिसमें हर कोई अपने अपने मुताबिक संभव कार्य करने की कोशिश करता है। आज के समय में जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ते जा रही है वैसे ही नई नई चीजों का अविष्कार होता जा रहा है। हर चीज के उपयोग के लिए सही और जरूरी उर्जा का होना आवश्यक हो जाता है। ऊर्जा एक ऐसी चीज है जिसके मदद से ही लोग किसी भी प्रकार का कार्य कर पाते हैं चाहे वह उनकी दिनचर्या का काम हो या फिर किसी बड़ी आविष्कार के बारे में  हो। आज के समय में विश्व का हर देश विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ते जा रहे हैं। अपने क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए लोग ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर रहे हैं ,जबकि पहले के समय में ऊर्जा का उपयोग केवल महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता था। जिस प्रकार से आज के समय में ऊर्जा का उपयोग हो रहा है उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ सालों में ही हमें अधिक उर्जा का आभाव हो जाएगा और इसी ऊर्जा के आभाव को ऊर्जा संकट या फिर एनर्जी कृतिस कहा जाता है।

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ऊर्जा संकट क्या है?:-

ऊर्जा के अभाव को ही उर्जा संकट कहते हैं जिस का सही उदाहरण हमें अपने ही देश में देखने को मिल सकता है। ऊर्जा संकट को ठीक से समझने के लिए हमें सबसे पहले ऊर्जा और उसकी मात्राओं को अच्छे से समझना होगा। ऊर्जा एक कैसे सकती है जिसकी मदद से ही किसी भी प्रकार की क्रिया संभव हो पाती है।जिस प्रकार मानव जाति को ऊर्जा लेने के लिए भोजन करने की आवश्यकता पड़ती है वैसे ही वैज्ञानिक स्थलों पर देखा जाए तो ऊर्जा के उपयोग के लिए वे सब आधुनिक चीजों का उपयोग करते हैं। जैसे की हम सब जानते हैं कि किसी भी चीज का ज्यादा उपयोग करने से वह खत्म हो जाता है।वैसे ही उर्जा का भी बहुत ज्यादा उपयोग यदि किया गया तो एक दिन यह भी पूरी तरीके से समाप्त हो जाएगा। ऊर्जा शक्ति का वैसे तो बहुत ज्यादा उपयोग है परंतु ज्यादा उपयोग करने से इसके समाप्त होने का संकट बढ़ जाएगा। ऊर्जा शक्ति का उपयोग बड़े-बड़े मशीनों में भी और तो और ऊर्जा प्राप्त करने वाली आधुनिक चीजों में भी उपयोग होता है, जबकि ऊर्जा प्राप्त करने का कोई अच्छा साधन नहीं है। वैज्ञानिक यंत्रों को सही तरीके से चलाने के लिए तेल, फ्यूल पेट्रोल-डीजल जैसे ऊर्जा की जरूरत होती है वैसे ही बड़े-बड़े उपकरणों को सही तरीके से चलाने के लिए ऊर्जा की मात्रा अधिक होने की आवश्यकता है। परंतु आज के समय में जैसे कि ऊर्जा का उपयोग इतना सारा होने लग गया है इस हिसाब से आने वाले कुछ ही सालों में हर जगह ऊर्जा का संकट बढ़ जाएगा।

ऊर्जा के स्रोत:-

पहले के समय में जैसे कोयले और आदि खनिजों का उपयोग ऊर्जा शक्ति को बनाए रखने के लिए किया जाता था परंतु आज के समय में भी इन सब चीजों का उपयोग किया जाता है जबकि कोयला और आधी खनिज एक परंपरागत ऊर्जा है। इन सब चीजों की सीमा निर्धारित है जिस दिन उस सीमा तक लोग पहुंच गए उसी दिन या खनिज आदि भी खत्म हो जाएंगे।कोयले और आधी खनिजों को जीवन इसमें संसाधन भी कहा जाता है जो कि अनुमान के हिसाब से 40 से 50 साल में ही समाप्त हो जाएंगे। यदि एक और से देखा जाए तो पूरा विश्व ही अपने-अपने देशों की इन्हीं ऊर्जा जैसे कोयले और बाकी खनिजों पर निर्भर करता है।ज्यादा महंगे होने की वजह से वह इसे खरीदना या बेचना पसंद नहीं करते। कारणवश इनके जमा किए गए खनिज दिन प्रतिदिन ख़तम होते जा रहे है।

ऊर्जा संकट के कारण:-

विश्व के हर देश में ऊर्जा की मांग इतनी अधिक बढ़ गई है कि यदि कोई छोटा मोटा कार्य भी हो तो उसमें ऊर्जा शक्ति की जरूरत पड़ती है। किसी भी देश में ऊर्जा इतनी ही पाई जाती है जितना उस देश की रखने की शक्ति हो ऐसे में यदि कोई भी उस उर्जा को लगातार उपयोग में लाएगा तो ऊर्जा समाप्त हो जाएगी। और महंगाई इतनी ज्यादा होने के कारण कोई देश इसे ना खरीदना चाहेगा और ना बेचना चाहेगा यही कारण है कि ऊर्जा का संकट धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। आज विश्व और भारत के जैसे कई विकसित देशों द्वारा ऊर्जा के उपयोग पर काफी जोर दिया जा रहा है।ऊर्जा के समाप्त होने की वैसे तो और भी बहुत सारे कारण हैं जिनमें से कुछ मुख्य कारण बिजली की खपत, बायोगैस का सही तरीके से ना बनना,हवा के सुद्धिकरण में बाधा आना यह सब भी है।

आज के समय में यदि देखा जाए तो लोग जितने ज्यादा आधुनिक हो गए हैं खनिज और ऊर्जा की ओर उनका ध्यान उतना ही कम जा रहा है। लोग घर में रहे या ना रहे बिजली की खपत उतनी ही होती है। परंतु उन्हें यह नहीं पता कि बिजली बनाने में भी ऊर्जा का ही प्रयोग होता है। Tindal energy नामक ऊर्जा से बिजली बनाई जाति है जो की बहुत ही कठिन और कभी मात्रा में निकलती है।और जहां तक देखा जाए तो विश्व के हर एक कोने में बिजली का उत्पादन उतना ही ज्यादा हो रहा है।  कुछ इन्हीं कारणों से ऊर्जा संकट बढ़ता जा रहा है।

ऊर्जा संकट से बचने का उपाय:-

ऊर्जा संकट आज एक ऐसी परेशानी बन चुकी है जिसका समाधान किसी के पास नहीं है। इसी संकट से बचने के लिए देश-विदेश में गैर पारंपरिक संशोधनों का उपयोग किया जा रहा है। गैर पारंपरिक संशोधनों के अंतर्गत बायोगैस, सूर्य ,वायु , भूताप आदि चीजें गेर प्रनमपरिक ऊर्जा का स्रोत है। देखा जाए तो भारत में भी इसका उपयोग किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां और फैक्ट्रियों में भी सूर्य ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है जिसे आज के समय में हम सोलर पैनल और हीट एनर्जी कहते हैं। परंतु यदि हमें ऊर्जा संकट से बचना है तो हमें इसके लिए खनिजों और ऊर्जा को उतना ही उपयोग करना चाहिए जितना हमें आवश्यकता हो। वैसे तो लोगों की आवश्यकता काम नहीं है परंतु यदि हम इसी गति से उठ जाओ का उपयोग करते गए तो कुछ ही समय की बात है हर जगह से उर्जा समाप्त हो जाएगा।

इन्हीं कुछ ऊर्जा के संकट से बचने के लिए देश-विदेश में कई सारे ऐसे आविष्कार भी किए जा रहे हैं जो बिजली और ऊर्जा को कम खींचते हैं। भारत में भी ऐसे कई सारे आविष्कारों को देखा जा सकता है जो ऊर्जा के बिना ही काम करते हैं जैसे कि टर्बाइन, विंडमिल, आदि जैसे उपकरणों के साथ हम उर्जा को कम से कम खपत कर सकते हैं।

निष्कर्ष:-

वैसे तो देश विदेश में हर कार्य को करने के लिए आधुनिकता का उपयोग किया जा रहा है परंतु ने इस चीज को अवगत करवाना बहुत जरूरी है कि ज्यादा खनिज और ऊर्जा का उपयोग करने से आगे आने वाले संकट बहुत बड़े बड़े हो जाएंगे। लोग छोटे से छोटे काम को करने के लिए भी बड़ी-बड़ी ऊर्जाओं की सहायता लेने लग गए हैं जैसे कि पेट्रोल-डीजल कोयला आदि यह सब खनिज बहुत ही ज्यादा महंगे और कम मात्रा में पाए जाते हैं जबकि लोगों को इनकी आवश्यकता ज्यादा से ज्यादा है। सरकार इन्हें बचाने के लिए वैसे तो उनके दाम बनाते रहती है परंतु फिर भी लोग इसे खरीदने से बाज नहीं आते। अगर लोग इसी तरीके से ना समझी और उठ जाओ का उपयोग करते रहे तो ऊर्जा शक्ति के समाप्त होने में ज्यादा समय नहीं रह जाएगा।

FAQ:-

1. ऊर्जा शक्ति क्या है?

उत्तर:- ऊर्जा शक्ति खनिजों द्वारा उत्पन्न किए गए शक्ति को कहा जाता है जिसकी मदद से लोग अपनी दिनचर्या के काम कर सकते हैं।

2. ऊर्जा शक्ति संकट क्या कहलाता है?

उत्तर:- ऊर्जा संकट का अर्थ है जैसे-जैसे उसका उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे उसके खत्म होने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही है। इसी को कहा जाता है ऊर्जा संकट।

3. गैर पारंपरिक ऊर्जा क्या है?

उत्तर:-गैर पारंपरिक ऊर्जा का मतलब है वायु सूर्य भूताप और बायोगैस जैसी उड़ जाएं जो कि खुद से बनाई जाती है ।

4. ऊर्जा संकट के सबसे मुख्य कारण कौन-कौन से हैं?

उत्तर:-ऊर्जा संकट के सबसे मुख्य कारण है छोटे-छोटे कामों के लिए बड़ी-बड़ी उठ जाओ का उपयोग करना जैसे कि पेट्रोल-डीजल आदि।

5. ऊर्जा शक्ति इतनी महंगी क्यों है?

उत्तर:- ऊर्जा शक्ति का महंगा होने का कारण है ऊर्जास्रोतों का कम होना जितना ज्यादा वह कम होते जाएंगे उतना ज्यादा उनका दाम बढ़ता जाएगा।