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Essay on Ganga River in Hindi

भारत एक बहुत बड़ा देश है जहां पर कई प्रकार की प्राकृतिक चीजों का संगम होता है। भारत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और यहां के सुंदर वातावरण के लिए भी बहुत ज्यादा प्रचलित है। यह एक ऐसा देश है जहां पर हजारों पेड़ पौधे हैं और ऐसे कई सारी नदियां है जो इस देश को इतना सुंदर बनाती है। इन्हीं कुछ नदियों में से एक नदी ऐसी है जो हर किसी के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक है जिसका नाम है गंगा।यहां पर वैसे तो नदियों को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है परंतु गंगा (Essay on Ganga River in Hindi) एकमात्र ऐसी नदी है जिस को यहां के लोग पूजते हैं। यह तो हर कोई जानता है कि प्राकृतिक संगमों के लिए पानी का होना कितना सादा आवश्यक है गंगा हिमालय से बहती है कैसी धारा है जो बिना रुके स्वतंत्रता से बहते जाती है और पूरे भारत देश को पवित्र करने में लगी हुई है।

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गंगा नदी:-

गंगा एक बहुत ही पवित्र नदी है और भारत में इसे हिंदू धर्म की सबसे पवित्र नदी और देवी के रूप में पूजा जाता है। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसमें लोग अपने पाप को धो कर पुण्य में बदल सकते हैं। भारत देश की सबसे लंबी नदी होने के साथ-साथ यह बहुत ही ज्यादा चंचल और महत्वपूर्ण भी है। दुनिया के सबसे लंबी नदियों में से गंगा का नाम भी आता है। गंगा नदी करीबन 838200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ ऐसी नदी है जो कि स्वतंत्रता से बहती जा रही है। यह नदी (Essay on Ganga River in Hindi) हिमालय से निकलती है जो कि कई सारे राज्यों से होते हुए भारत देश के महान साधनों में मिलती है। गंगा नदी को ही भारत की राष्ट्र नदी के रूप से जाना जाता है। गंगा नदी बांग्लादेश और भारत दोनों से होकर के बहती है जो कि लगभग 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह एक ऐसी नदी है जो बंगाल की खाड़ी में जाकर के गिरती है और हिमालय से प्रवाहित होती है इसकी कई सारी और भी नदियां है जो इसमें संगम करती है जैसे कि घरारा यमुना रामगंगा आदि। इसको भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है।

भारत देश में गंगा नदी का महत्तव:-

हिंदू धर्म और मान्यताओं के हिसाब से गंगा नदी इतनी पवित्र है कि यहां पर रहने के बाद हर किसी के पाप धुल जाते हैं। गंगा नदी को देवी और नदियों की माता माना जाता है जिसकी पूजा और संस्कार किए जाते हैं। गंगा नदी का पावन जल पूरे भारत देश की मिट्टी को उपजाऊ और शुद्ध करता है साथ ही इसमें फसलों की प्रचुर मात्रा भी बढ़ जाती है।गंगा नदी का भारत देश में बहुत बड़ा महत्व है गैर हिंदू और हिंदू दोनों ही इस नदी को बहुत ही ज्यादा मूल्यवान महसूस करता है और देश के प्रतीक के रूप में कार्य करता है। इस नदी का (Essay on Ganga River in Hindi) उपयोग हिंदू अपने पापों को मिटाने के लिए करते हैं तथा स्वर्ग की प्राप्ति के लिए भी इसको बहुत ही ज्यादा मान्यता प्राप्त है। लाखों हिंदू हर साल इस नदी में खुद को साफ करने के लिए आते हैं और इसकी लंबी और चंचल धाराओं में अपने ह्रदय की मैलो को धोते हैं।

गंगा सबसे प्रसिद्ध नदी:-

गंगा नदी एक ऐसी नदी है जिसमें हमेशा पानी रहता है और क्योंकि यह बारहमासी नदी है इसको हर कोई बहुत ही ज्यादा उपयोग में लाता है साथ यह बहुत ही ज्यादा उपजाऊ वार्ड के मैदानों का गठन करती है।इसका पानी व्यापक रूप से सिंचाई और कृषि कार्यों में उपयोग किया जाता है साथ ही इसका उपयोग पीने के लिए भी करते हैं।भारत की राष्ट्रीय जल मार्ग के रूप में भी गंगा को दिखा जाता है जो कि हरिद्वार तक लेकर जा सकती है। गंगा (Essay on Ganga River in Hindi) पुनीत प्रति वैसे रहती है इस कारण उसका पानी हमेशा ही सांप रहता है और उसमें कई प्रकार की ऐसी चमत्कारी प्रभाव को देखा गया है जिससे उसमें कभी भी कोई घातक बीमारी के लक्षण नहीं मिलते।हमारे या नदी के विभिन्न प्रकार के विशेषताएं हैं परंतु मुख्य रूप से इसके द्वारा बनाए गए ऐसी विशेषताएं हैं जो हर नदी में देखने को मिलती है।गंगा नदी के प्रसिद्धि का कारण यह सब भी है और भी ऐसे कई कारण है जिसके वजह से गंगा नदी इतनी ज्यादा प्रचलित और प्रख्यात है।

गंगा नदी या देवी:-

गंगा को हमारे भारत देश में नदी के रूप में जाना जाता है परंतु यहां के लोग उसको देवी के रूप में देखकर इसकी पूजा करते हैं।गंगा को देवी कहने का केवल एक ही कारण है क्योंकि यह हमारे देश की सबसे पवित्र और प्राचीन नदी है जो कि हिमालय के गर्भ में से निकल कर सीधा हरिद्वार (Essay on Ganga River in Hindi) तक का रास्ता तय करती है।गंगा हमारे पापों को धो करके हमारे सभी पाप को बोलने में बदलती है तथा कई प्रकार की रोगों से हमें मुक्ति दिलाती है। इतनी कल्याणकारी होने के कारण ही लोग इसकी पूजा करते है।इतना ही नहीं इसके प्राचीन कथाओं को सुनकर के भी गंगा को देवी का रूप दिया गया है और शिवजी की जटा से निकलने के कारण गंगा को माता का पद प्राप्त हुआ है। गंगा को माता इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह हम सब के कष्टों को दूर करके हमारे मन की चंचलताओं को शांत करती है।

उपसंहार:-

वैसे तो गंगा बहुत ही ज्यादा कल्याणकारी है परंतु लोग यदि इसका अपमान करते हैं तो यह बहुत ही ज्यादा विनाशकारी भी हो जाती है। हाल ही में गंगा का स्त्रोत कम होने लग रहा है और यदि यह यह विलुप्त हो रही है। यदि हमारे भारत देश की सबसे मूल्यवान नदी ऐसे विलुप्त हो जाएगी तो हमारे देश की सुंदरता को एक भारी घाट पहुंचेगा।लोगों को अपनी क्रियाओं पर संतुलन रखकर के गंगा से जोड़ना चाहिए जिससे वे गंगा को रोकने में सबकी सहायता कर सकें। गंगा इतनी पवित्र है कि वह हर किसी के लिए अपने सुचारू रूप को सामने रखती हैं और अपने आक्रमक रूप को पीछे रखती है परंतु यदि लोग उनसे गलत व्यवहार करते है तो वे अपने प्रचंडता को अपना लेती है।

FAQ:-

1. गंगा नदी का प्रवाह कहा से शुरू होता है?

उत्तर:- गंगा नदी का प्रवाह हिमालय की घाटियों से शुरू होता है।

2. गंगा को देवी क्यों कहा जाता है?

उत्तर:-गंगा को देवी कहने का केवल एक ही कारण है क्योंकि यह हमारे देश की सबसे पवित्र और प्राचीन नदी है जो कि हिमालय के गर्भ में से निकल कर सीधा हरिद्वार तक का रास्ता तय करती है।

3.गंगा नदी इतनी ज्यादा प्रसिद्ध किस लिए है?

उत्तर:- गंगा पुनीत प्रति वैसे रहती है इस कारण उसका पानी हमेशा ही सांप रहता है और उसमें कई प्रकार की ऐसी चमत्कारी प्रभाव को देखा गया है जिससे उसमें कभी भी कोई घातक बीमारी के लक्षण नहीं मिलते।हमारे या नदी के विभिन्न प्रकार के विशेषताएं हैं परंतु मुख्य रूप से इसके द्वारा बनाए गए ऐसी विशेषताएं हैं जो हर नदी में देखने को मिलती है।गंगा नदी के प्रसिद्धि का कारण यह सब भी है और भी ऐसे कई कारण है जिसके वजह से गंगा नदी इतनी ज्यादा प्रचलित और प्रख्यात है।

4. गंगा किन किन देशों को जोड़ता है?

उत्तर:- गंगा नदी भारत और बांग्लादेश को जोड़ते हुए बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित होता है।