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Essay on Girls Power in India in Hindi

प्राचीन समय से ही भारत में नारियों को किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं दिया गया है जबकि जरूरत पड़ने पर वही नारी अपना और लोगों का बचाव करती आई है। यदि पुराणों और ग्रंथों में देखा जाए तो हर बार नारी ने हीं बड़े-बड़े राक्षसों को हराकर दुनिया की रक्षा की है। आज के समय में भी अगर देखा जाए तो नारी कुछ कम नहीं है पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चलने वाली नाइयों की शक्ति को आंकना किसी के भी बस की बात नहीं है। पर अगर आप कुछ जगह देखा जाए तो नारियों को उनकी शक्तियों से दूर रहकर की उन्हें घर गृहस्ती के कामों में व्यस्त कर दिया जाता है जबकि उनकी जरूरत कहीं और होती है। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो औरतों को बस काम करने की मशीन समझते हैं उन्हें किसी प्रकार की कोई भी छूट नहीं देते जबकि उनके पूरे घर भी हस्ती को चलाने के बाद भी औरत अपने लिए समय है।

जब आज के समय में नारी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है तो उन पर किसी प्रकार का रोक लगाना उचित नहीं है। नारी शक्ति कैसे सकती है जिसके ऊपर ही सब कुछ निर्भर करता है यदि वह चाहे तो किसी भी जगह को स्वर्ग बना सकती है और किसी भी जगह को नर्क। यदि नारी अपने पर आ जाए तो कोई हक नहीं समझती की सही क्या है और गलत क्या। समाज ऐसे ही नारी शक्ति के बारे में बात करने वाले हैं।

नारी शक्ति क्या है?:-

देश विदेश में औरतों द्वारा किया गया हर संभव कार्य नारी शक्ति है। नारी शक्ति का मतलब है धैर्य ,सम्मान, संतोष, और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्य को निभाती है यही नारी शक्ति है परंतु यदि उनके खिलाफ कोई दूर बर्ताव या फिर उनकी भावना रखता है तो यह अपने इन गुणों को अपना हथियार भी बना सकती है। नारी शक्ति से बहुत सारे कार्य संपन्न कराए जा सकते हैं जैसे कि यदि किसी को किसी चीज का निवारण नहीं मिल रहा तो वह यदि नारी से उस चीज को पूछे तो उसका उत्तर वह आसानी से दे सकती है। वैज्ञानिकों द्वारा यह प्रमाणित किया गया है कि पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमता और तुम्हें पाया जाता है। जहां पुरुष छोटी-छोटी बात पर हताश और निराश हो जाते हैं वही औरत उस चीज को शांति और ठंडे दिमाग से सोच कर उसका निवारण निकाल लेती है। यही नारी शक्ति है।नारी शक्ति का यदि कोई एक उदाहरण हो तो बताया जाए लेकिन नारी शक्ति के जैसे लाखों-करोड़ों उदाहरण है जिसे पढ़ते-पढ़ते इंसान की पूरी जीवन बीत जाएगी।

यदि प्राचीन काल की बात की जाए तो तीनों ही पुराने युगो में नारी शक्ति के ऐसे कई सारे उदाहरण देखे गए हैं जो हम आज पढ़ते हैं। सतयुग में सीता माता द्वारा नारी शक्ति का एक सबसे बड़ा उदाहरण पेश किया गया है जिसमें वे अपने सच्चाई और पवित्र होने की सारी परीक्षाएं निसंकोच दे देती है और सत्य को स्थापित करती हैं। वही द्वापरयुग में भारत सम्राट की पत्नी द्रोपदी ने अपने स्वाभिमान के लिए और अपने प्रतिज्ञा के लिए हर संभव प्रयास किया यहां तक अपने सारे पुत्रों को खो कर के भी उसने अपने संकल्प को पूरा किया। वही देखा जाए तो त्रेता युग में भी माता दुर्गा द्वारा नारी शक्ति का सबसे बड़ा और शक्तिशाली उदाहरण देखने को मिलेगा।

कलयुग में नारी शक्ति:-

नारी शक्ति वैसे तो हर युग में देखा गया है परंतु यदि कलयुग की बात की जाए तो आज के समय की नारी पुरुषों का मुकाबला बतौर कर रही है। आज के समय में अगर देखा जाए तो नारी वह हर चीज कर रही है जो एक पुरुष करता है।घर को संभालने से लेकर के देश को संभाल लेता का साहस करने वाली नारी अपने बुद्धि और शक्ति के साथ नारी शक्ति को स्थापित कर रही है।जहां पहले नारियों को सिर्फ घर गृहस्ती संभालने के लिए लाया लगा था वही आज देश संभालने के लिए भी नारी की जरूरत पड़ रही है। एक कलेक्टर से लेकर के प्रधानमंत्री तक के पद को नारी बखूबी संभाल सकती है और अच्छे से चला कर के देश के भविष्य के लिए अपने योगदान को दे सकती हैं। कलयुग में जैसे जैसे आधुनिकता बढ़ गई वैसे वैसे ही लोग अपनी सोच और समाज की सोच को बदलने की कोशिश करने लग गए।जहां किसी ने बात मानी तो किसी ने उस बात का मजाक उड़ा दिया लेकिन इतना ही ऐसी है जो अपने इरादों पर खड़ी हो पाई। नारी शक्ति से भला क्या नहीं किया जा सकता है। हर काम को ही करने के लिए किसी भी इंसान को नारी की जरूरत पड़ती है चाहे फिर वह एक छोटा सा छोटा काम ही क्यों ना हो।

घर में खाना बनाने से लेकर बच्चों को बड़ा करने तक और दफ्तर जाने से लेकर के अपने पद को सही तरीके से संभालने तक नारी अपनी पूरी शक्ति लगा देती है। वहीं पर यदि पुरुष यह सब काम करने लग जाए तो वह इतना सारा तनाव महसूस करते हैं कि दूसरे किसी कार्य को करने में सक्षम ही नहीं रह पाते। वहीं नारी घर के काम से लेकर दफ्तर तक के सारे काम आसानी से संभाल लेती है।

नारी शक्ति को बढ़ावा कैसे दें?:-

आज के समय में नारी शक्ति इतनी जागृत है कि किसी भी कार्य को अकेले करने में सक्षम है। वही देश में नारी शक्ति को अगर बढ़ावा देना है तो हमें उनको प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके सही करत की सलाह देना चाहिए। यदि कोई नारी किसी भी फैसले को कर रही है तो हमें उसका सहयोग करना चाहिए और एक बार उसकी बात मान कर उस चीज को भी कर कर देखना चाहिए जो वह सोच रही है।सरकार द्वारा आजकल तो वैसे बचपन से ही लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है जबकि गरीब लड़कियों को तो सरकार वह सारी सुविधाएं दे रही है जो उन्हें कहीं और से नहीं मिल सकती। नारी शक्ति वैसे तो कभी कम नहीं होती लेकिन कहीं कहीं पर जाकर वह रुक जाती है जिस कारण अपने हक में आवाज उठाना भूल जाती है यह सब ही नारी शक्ति की भूल है। नारी शक्ति का मतलब है अपने हक के लिए लड़ना और लोगों को अपने बारे में सही बात समझाना।

निष्कर्ष

जब जब देश को किसी मदद की जरूरत पड़ती है सबसे पहले जो हाथ खड़ा होता है वह किसी औरत का होता है कभी भी अगर किसी परेशानी का सामना करना होता है तो उसमें औरत कदम से कदम मिलाकर चलती है। किसी भी दुख को बांटने में वह सक्षम रहती हैं और हर दुविधा का संभव हल निकालने में पुरुषों की मदद करती है। परंतु आज का समाज नारी के ऊपर उठने नहीं दे रहा है बस वह उनकी बुराइयां करते रहता है और घर की चारदीवारी में बंद करना चाहता है। लेकिन ऐसा करके वह अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है यह नहीं जानता। यदि देश में एक भी नारी ना रही तो ना दे चल सकेगा और ना ही घर।तो जिन लोगों को भी इन सब चीजों के बारे में पता नहीं है वह अपनी जागरूकता को बढ़ाएं और नारी का सहयोग करें। इसीलिए नारी शक्ति को बढ़ावा देना और उनके सभी फैसलों में अपनी राय देना नारी शक्ति को बढ़ावा देने जैसा ही है।

FAQ:-

1. नारी शक्ति क्या है?

उत्तर:- श्रद्धा विश्वास सामर्थ्य और सद्भावना से लोगों की सेवा करना नारी शक्ति के नाती है परंतु यदि वह उनके विपरीत हो तो अपनी सुरक्षा करना भी नारी शक्ति का ही रूप है।

2. नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए देश क्या कर रहा है?

उत्तर:- नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए देश छोटी-छोटी बच्चियों को बचपन से ही पढ़ना और ऐसी सुविधा प्राप्त कर आ रहा है जो उनके परिवार वाले नहीं दे सकते।

3. नारी शक्ति का उदाहरण किस किस युग में देखने को मिला है?

उत्तर:- सतयुग द्वापर युग और त्रेता युग तीनों युगों में ही नारी शक्ति का सबसे सटीक उदाहरण लिखा गया है।

4. समाज से नारी को क्या हानि हो रही है?

उत्तर:- समाज नारी को आगे बढ़ने नहीं दे पा रहा है वह उसके हर कदम को रोकने की कोशिश कर रहा है कभी उससे गलत इल्जाम लगाकर तो कहीं उसका मजाक उड़ा कर।

5. यदि नारी देश में ना हो तो क्या होगा?

उत्तर:- यदि देश में नारी ना हो तो नारी शक्ति की कमी से देश और घर को चलाना मुश्किल हो जाएगा।