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Essay on Human Trafficking in India in Hindi

आप सब तो जानते ही हैं कि हर सिक्के का दो पहलू होता हैं। ठीक उसी प्रकार भारत का भी दो पहलू हैं। जहां एक ओर भारत नए नए अविष्कार करके तरक्की के मार्ग पर अग्रसर है। तो वहीं दूसरी ओर घिनौने अपराध करके अपने आपको बाकी देशों से पीछे करते जा रहा है। इन्हीं सब घिनौने अपराध में शामिल मानव तस्करी भी है। मानव तस्करी दुनिया भर में एक गंभीर समस्या बन कर उभरी है। पिछले कुछ सालों में भारत में मानव तस्करी जैसे अपराध बड़ी तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि आज के समय में भारत सरकार द्वारा इस  घिनौने अपराध को कम करने की हर संभव प्रयास की जा रही है।

इस प्रकार के घिनौने अपराध की कार्यवाही करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रोत्साहित करने हेतु मानव तस्करी जैसे घिनौने अपराध से निपटने के लिए वैश्विक योजनाओं को अपनाया था। तो आइए हम मानव तस्करी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मानव तस्करी क्या होता है:-

मानव तस्करी एक ऐसा अपराध है, जिसके अंतर्गत लोगों को उनके शोषण के लिए खरीदा और बेचा जाता है। शारीरिक शोषण और देह व्यापार के साथ साथ बंधुआ मजदूरी तक के लिए मानव तस्करी किया जाता है। 80% मानव तस्करी जिस्मफरोशी के लिए किया जाता है। मानव तस्करी के अंतर्गत अपराधियों द्वारा मानव को एक देश से दूसरे देश में  पैसे के लिए बेचा और खरीदा जाता है। मानव तस्करी में अधिकांश बच्चे गरीब इलाके के होते हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा गांव की लड़कियां शामिल होती हैं। गांव जैसे छोटे इलाकों में अत्यधिक गरीबी ,शिक्षा की कमी, सरकार द्वारा नीतियों का लागू ना होना, हि बच्चियों को मानव तस्करी का शिकार बनाने की सबसे बड़ी वजह बनते हैं। एशिया की अगर बात करें तो भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मानव तस्करी जैसे अपराध होते है। ऐसे में भारत के लिए यह बहुत ही शर्मनाक बात है। मानव तस्करी हमारे भारत देश के लिए एक बहुत बड़ा सोचने का विषय है कि किस तरह हम इस समस्या से छुटकारा पाएं।

भारत में मानव तस्करी के आंकड़े:-

ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के बाद मानव तस्करी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अपराध है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़ों के अनुसार ट्रैफिकिंग में ह्यूमन ट्रैफिकिंग तीसरे नंबर पर है। मानव तस्करी पर वैश्विक रिपोर्ट अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है, जिसके अंतर्गत मानव तस्करी के स्तर पर व्यापक मूल्यांकन प्रदान करता है। मानव तस्करी के शिकार लोगों में से 20% बच्चे शामिल हैं। जो कि पिछले 10 सालों में 14 गुना बढ़ा है। और साल 2014 में इसके आंकड़े 65% से भी ज्यादा थे। हुमन ट्रैफकिंग के अंतर्गत ज्यादातर लड़कियों और महिलाओं की तस्करी की जाती है जिसकी पिछले कुछ सालों में 76% केसेस्  सामने आए हैं।

भारत में ह्यूमन ट्रैफकिंग की बात की जाए तो यह दीमक की तरह हर राज्य में फैला हुआ है। यह भारत के लिए बहुत शर्मनाक बात है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अंतर्गत ज्यादातर छोटे गांव और बस्ती की लड़कियों को शिकार बनाया जाता हैं । भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की बात की जाए तो तमिलनाडु सबसे ऊपर में है। तमिलनाडु में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 9701 केस सामने आए हैं। इसी के साथ-साथ भारत के अलग-अलग राज्यों में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अलग-अलग  आंकड़े सामने आए हैं जैसे कि- आंध्र प्रदेश में 5861, कर्नाटका में 5443, पश्चिमी बंगाल में 4190, और महाराष्ट्र में  3628। यह के 5 राज्य पांच राज्य ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में सबसे आगे है। भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले 70% इन 5 राज्यों से जुड़े हुए हैं। साल 2009 से लेकर 2014 के बीच हुमन ट्रैफिकिंग के मामले भारत में बड़ी तेजी के साथ बढ़ोतरी हुई। साल 2014 में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 39 प्रतिशत केस रजिस्टर किए गए थे। जबकि साल 2005 से लेकर 2009 के बीच ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में 55% की गिरावट देखी गई। परंतु पिछले 6 वर्षों में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में 92% बढ़ोतरी हुई है। जो कि हमारे भारत देश के लिए एक बहुत बड़ा समस्या का कारण है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग का निवारण:-

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लगातार बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए यह साबित होता है, कि यह एक आम व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक है । और यह देश के लिए भी बहुत ही चिंताजनक बात है। इसीलिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग के निवारण के लिए भारत में कुछ प्रकार के नियम, कानून व उपाय बनाए गए हैं। जिससे कि लोगों का जीवन सुरक्षित हो सके।

बचाव के उपाय:- 

ह्यूमन ट्रैफिकिंग को कम करने के लिए जिला और राज्य स्तरीय एंटी ट्रैफिकिंग कमिटीयों के द्वारा बचाव के उपाय किए हैं ,जिनसे गरीब और अति संवेदनशील व्यक्ति को सुरक्षा मिले और उन्हें ह्यूमन तस्करी का शिकार होने से रोका जा सके। ह्यूमन तस्करी से बचाव के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जैसे कि- अति संवेदनशील और गरीब लोगों के लिए जीविकोपार्जन और शैक्षणिक कार्यक्रम चलाया गया है। ह्यूमन तस्करी से बचने और रोकने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के कार्यों को आसान बनाया गया है। और तस्करी को जड़ से खत्म करने और रोकने के लिए कानून व्यवस्था द्वारा संबंधित फ्रेमवर्क बनाया गया है।

कानून व्यवस्था:-

जैसा कि हम जानते हैं भारत में अलग – अलग अपराधों के लिए अलग-अलग प्रकार की सजाएं निर्धारित की गई है। ठीक उसी प्रकार भारत में ह्यूमन तस्करी को रोकने के लिए कुछ नियम कानून बनाए गए हैं। तस्करी जैसे गंभीर अपराध के लिए कानून ने 10 साल की कार्यवाही के साथ साथ ₹100000 तक का जुर्माना रखा है। लोगों की तस्करी करने के लिए 7 से 10 साल तक का कारावास निर्धारित किया गया है। और बार-बार गंभीर अपराध करने वाले दर्शनों के लिए उम्र कैद की सजा रखी गई है।

भारत सरकार द्वारा ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए कुछ प्रकार के नियम कानून तो बनाए गए हैं। परंतु यह जरूरी नहीं है, कि इन कानून व्यवस्था के कारण ह्यूमन ट्रैफिकिंग जड़ से खत्म हो जाए। इसीलिए यह एक आम व्यक्ति के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी है ,कि वे सतर्क , सावधान और सुरक्षित रहे। हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी खुद उठानी होगी। सरकार द्वारा ह्यूमन ट्रैफिकिंग को खत्म करने के उपाय लगातार किए जा रहे हैं ।परंतु जब तक ह्यूमन ट्रैफिकिंग पूरी तरह से खत्म नहीं होता, तब तक हर एक व्यक्ति को सावधान और सतर्क होना बहुत ही जरूरी है।

 FAQ in Hindi ( विषय के संबंध में प्रश्न):-

1 प्रश्न:- ह्यूमन ट्रैफिकिंग क्या होता है?

उत्तर:- ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक प्रकार का घिनौना अपराध है। जिसके अंतर्गत मनुष्य को पैसों के लिए एक देश से दूसरे देश में खरीदा और बेचा जाता है ।जो कि देह व्यापार, शारीरिक शोषण और बंधुआ मजदूरी के लिए किया जाता है।

2. भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले कौन से पांच राज्यों से जुड़े हुए हैं?

उत्तर:- भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े मुख्य पांच राज्य शामिल  हैं जोकि तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश, कर्नाटक , पश्चिमी बंगाल और महाराष्ट्र  है।

3. भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग में बढ़ोतरी कितना हुआ है?

उत्तर:- भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 92%  प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

4. ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार कैसे लोग होते हैं?

उत्तर:- ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार अक्सर गरीब और अति संवेदनशील लोग होते हैं। जिनमें ज्यादातर अशिक्षित लड़कियां शामिल होती हैं।

5. ह्यूमन ट्रैफिकिंग से बचने के क्या तरीके हैं?

उत्तर:- ह्यूमन ट्रैफिकिंग से बचने का केवल एक ही तरीका है और वह है मानव द्वारा अपना सुरक्षा स्वयं करना और हमेशा सतर्क और सावधान रहना