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Essay on Ideal Student in Hindi

आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो हर क्षेत्र में अपने लक्ष्य को निर्धारित करके चले। आदर्श विद्यार्थी (Essay on Ideal Student in Hindi) पाठशाला में अपने कर्तव्य निभाता है बल्कि घर में भी अपने आदर्शो से प्रसिद्ध होता है। सभी बच्चों और छात्रों को आदर्श विद्यार्थी बनना चाहिए। आदर्श विद्यार्थी केवल पढ़ाई लिखाई में ही अच्छा नहीं होता परंतु सभी कार्यों में अपनी भूमिका निभाना जानता है। आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए छात्रों को कई सारे कार्य करने होते हैं। अपने मस्तिष्क को एकाग्र रख के कार्य करना ही आदर्श विद्यार्थी का लक्षण होता है। हम सभी स्कूल जाते हैं पढ़ते हैं और दूसरे कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते हैं परंतु हम सब एक आदर्श विद्यार्थी नहीं है आदर्श विद्यार्थी का लक्षण दूर से दिख जाता है। आप में से कई सारे छात्र आदर्श विद्यार्थी होंगे जिन्हें अपना कार्य समय पर करने की आदत होगी, जो अपने समय को निर्धारित करके कार्य करते होंगे। परंतु जो अपने शैक्षणिक जीवन में लापरवाही करे उसे आदर्श विद्यार्थी नहीं कहते हैं।

आदर्श छात्रों को आगे बढ़ाने में माता-पिता का योगदान:-

बच्चों के माता-पिता बच्चों को पाठशाला भेज देते हैं कि बच्चे वहां पढ़ लिख कर एक आदर्श विद्यार्थी बन पाए। आदर्श विद्यार्थी (Essay on Ideal Student in Hindi) बनना कोई आसान कार्य नहीं होता इसीलिए बच्चों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। बच्चों के माता-पिता मेहनत करके बच्चों को एक अच्छे पाठशाला में डालते हैं जिसे बच्चे ज्यादा और अच्छा ज्ञान प्राप्त कर सकें बच्चों के माता-पिता बच्चों को रोज सुबह तैयार करके समय पर पाठशाला भेज देते हैं और वह अपने तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ते। इन सब को देखते हुए हमें भी पाठशाला में जाकर एक आदर्श विद्यार्थी की तरह शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। माता पिता बच्चो के उज्जवल भविष्य के लिए अपना पूरा जीवन दांव पर लगा देते हैं जिससे उनका बच्चा आगे जाकर अपना और उनका नाम रोशन करें जिसकी वजह से बच्चों के माता पिता का नाम रोशन हो सके। हमारे माता पिता हमारे लिए कई सारे कार्य करते हैं जिससे हमारा जीवन आरामदायक हो और हम अच्छे से अपनी पढ़ाई में मन लगा सके और उनकी एक छोटी सी आशा हमसे होती है कि हम एक अच्छे व्यक्ति बन जाए और अपना और अपने देश का नाम रोशन करें। आदर्श विद्यार्थी बनकर छात्र अपने माता पिता का सपना पूरा कर सकते है।

आदर्श विद्यार्थी के पीछे शिक्षक की भूमिका:-

हमारे माता-पिता हमें बचपन से ही विद्यालय भेज दिया करते हैं और एक शिक्षक की जिम्मेदारी होती है कि वह छात्रों को पढ़ा लिखा कर एक अच्छा इंसान बनाकर वहां से भेजें। शिक्षक हमें ज्ञान वैराग्य देते है हमें एक अच्छा छात्र बनाते हैं। आदर्श विद्यार्थी वाले सारे लक्षण हमें एक शिक्षक ही सिखाते हैं जिसे छात्र अपना एक आदर्श विद्यार्थी (Essay on Ideal Student in Hindi) बनता है। आदर्श विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता की सीढ़ी चढ़ता जाता है उसके भविष्य की चिंता उनके माता-पिता को नहीं होती। एक शिक्षक हमे बचपन से ही ज्ञान के साथ-साथ आदर सम्मान सब कुछ सिखाता है। जो कि हमारे लिए बहुत जरूरी है जिससे हम एक आदर्श विद्यार्थी बन सकते हैं। आदर्श विद्यार्थी के पीछे एक शिक्षक की भूमिका सबसे ज्यादा होती है माता पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है जो हमें आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता दिखाता है। शिक्षक से हम बहुत कुछ सीखते हैं और यही सीख हमारे भविष्य को सवार देती है। परीक्षा के समय शिक्षक अपना पूरा प्रयास करके बच्चों को परीक्षा के काबिल बनाते हैं और पूरे साल की कड़ी मेहनत करके समय पर छात्रों को पढ़ाया करते हैं जिससे बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें समय पर शिक्षा देने वाले एक शिक्षक ही होते हैं। शिक्षक के बिना कोई भी छात्र आदर्श विद्यार्थी नहीं बन पाता।

एक आदर्श छात्र की विशेषताएं:-

आदर्शवाद में कई सारी महत्वपूर्ण विशेषताएं होती हैं। आदर्श छात्र अपने लक्ष्य को निर्धारित करके अपने भविष्य के लिए कार्य करते हैं और वह हर एक क्षेत्र में अवगत रहते है। आदर्श विद्यार्थी अपने अध्ययन से लेकर खेल कूद तक की गतिविधियों में खूब मेहनत करते हैं और बाकी छात्रों से आगे रहते हैं। इसके साथ ही अपने लक्ष्य को निर्धारित करना भी एक छात्र के लिए बहुत बड़ा कार्य होता है छात्र जीवन में हम केवल अध्ययन वे ध्यान देते हैं परंतु हमें आदर्श छात्र की तरह अपने लक्ष्य को निर्धारित करके पढ़ाई को साथ लेकर चलना चाहिए।

बहुत सारे छात्र अपने गृह कार्य को पूरा ना करके देर सवेर पाठशाला पहुंचते हैं परंतु एक आदर्श छात्र पूरी निष्ठा पूर्वक अपने कार्य को पूरा करके समय पर पाठशाला पहुंचता है आदर्श छात्र को समय की बहुत कदर होती है। आदर्श छात्र कठिनाइयों में समस्या का हल ढूंढता है और उसके निवारण करने के बाद ही शांतिपूर्वक बैठता है। आदर्श छात्रों (Essay on Ideal Student in Hindi) की विशेषताओं में यह भी कहा गया है कि वह छात्र बहुत ही भरोसेमंद होते हैं। अपने कर्तव्यों का पालन करना अच्छे से जानते हैं। आदर्श छात्र अपने मस्तिष्क को हमेशा सकारात्मक रूप से कार्य करते हैं। सकारात्मक सोचने की क्षमता हर किसी में नहीं होती परंतु एक आदर्श छात्र हमेशा हर बात को सकारात्मक रूप से लेता है और उसका निवारण करता है। आदर्श छात्र अपनी निजी जीवन और विद्यालय जीवन को अलग रखता है पूरी समानता पूर्वक बड़ों का आदर करता है और बच्चों के साथ स्वाभाविक पूर्ण व्यहवार करता है।

निष्कर्ष:-

एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। आदर्श विद्यार्थी की छवि लोगों के मन में बहुत ही जल्दी बन जाती है आदर्श विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर इतने ज्यादा साफ होते हैं कि उनसे पूछा गया सवाल वह आसानी से भी देते हैं। किसी भी कठिनाइयों से भागने के बजाए वह उसका निवारण ढूंढते हैं। आदर्श विद्यार्थी (Essay on Ideal Student in Hindi) के पीछे उसके मां-बाप और शिक्षक का सबसे बड़ा हाथ होता है सही मार्ग दिखाने के लिए, बड़े का होना बहुत जरूरी होता है। दिखाए गए मार्ग पर सोच समझ कर चलना ही आदर्श विद्यार्थी का कर्तव्य होता है। एक आदर्श विद्यार्थी हमारे भविष्य का उज्जवल रूप होता है। हर एक छात्र को आदर्श विद्यार्थी बनने का प्रयास जरूर करना चाहिए।

FAQ:-

1.प्रश्न:- आदर्श विद्यार्थी का अर्थ क्या है?

उत्तर:- आदर्श विद्यार्थी का अर्थ होता है जो अपने आदर्शों पर चलकर अपने लक्ष्य को निर्धारित करें और दूसरों का सम्मान पूर्वक सामना करें उसे आदर्श विद्यार्थी कहते हैं।

2.प्रश्न:- क्या हर छात्र आदर्श विद्यार्थी बन सकते हैं?

उत्तर:- अगर हर एक छात्र अपने माता पिता और शिक्षक के दिखाए गए मार्ग पर चलें तो हर एक छात्र आदर्श विद्यार्थी बन सकता है आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

3.प्रश्न:- आदर्श विद्यार्थी की मुख्य विशेषता क्या है?

उत्तर:- आदर्श विद्यार्थी अध्ययन के साथ-साथ खेलकूद में भी अपने रुचि रखता है और हर क्षेत्र में आगे जाने की मेहनत करता है यही इसकी मुख्य विशेषता है।

4.प्रश्न:- आदर्श विद्यार्थी कौन बन सकता है?

उत्तर:- आदर्श विद्यार्थी भी दूसरे लोगों की तरह ही एक मामूली मनुष्य होते है परंतु उनके आदर्श भरे गुणों को देखते हुए उन्हें आदर्श विद्यार्थी कहलाते हैं|

5.प्रश्न:- आदर्श विद्यार्थी के पीछे किसकी मुख्य भूमिका रहती है?

उत्तर:- आदर्श विद्यार्थी के पीछे उसके माता पिता और शिक्षक की मुख्य भूमिका रहती है।