भारत में स्वतंत्र दिवस की मान्यता सबसे ज्यादा है क्योंकि इस दिन हमारे देश भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। भारत देश में कई सारे राष्ट्रीय त्योहार मनाए जाते हैं जैसे कि गांधी जयंती, गणतंत्रता दिवस, और स्वतंत्रा दिवस। यह सारे त्यौहार भारत देश की स्वतंत्रता और लाखों महान पुरुषों के बलिदान को दर्शाता है। हम सभी को पता है कि भारत देश को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली थी। ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद हर साल हम स्वतंत्रता दिवस (Essay on Independence Day in Hindi) इसी दिन पूरे धूमधाम से मनाते हैं भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर ब्रिटिश शासन कई सालों तक राज किए। अंग्रेजों के जाने के बाद से हमारा देश बिल्कुल आजाद हो गया और हर साल इस आजादी का जश्न स्वतंत्र दिवस के दिन मनाया जाता है।
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स्वतंत्र दिवस किस दिन को कहा जाता है?
भारतीय सभ्यता में ऐसा माना जाता है कि दूसरे देश से आने वाले अतिथि भगवान स्वरूप होते हैं जिनकी खातिरदारी में भारतीय कोई भी कमी नहीं आने देते। ठीक उसी प्रकार जब अंग्रेज़ो ने भारत में कदम रखा तो पहले भारतीयों ने भी उनका आदर सत्कार किया परंतु अंग्रेज़ो ने इसे भारतीयों कि कमजोरी समझ कर इन्हे गुलाम बनाना चाहा, और कई सालो तक भारत के नागरिक अंग्रेज़ो के गुलाम बने रहे उसके बाद बहुत महान पुरुषों के अनेक कोशिश के बाद भारत देश को आजादी मिली जिसे हम स्वतंत्रता दिवस (Essay on Independence Day in Hindi) के रूप में जानते है। स्वतंत्र दिवस हर साल 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है। यह दिन बहुत ही खुशियों भरा होता है और साथ ही इस दिन अनेक शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है।
भारत के लिए स्वतंत्र दिवस बहुत ही मायने रखता है क्योंकि इस दिन के बाद से ही भारत अंग्रेजों से मुक्त हुआ था और अपने कानून की स्थापना इस दिन के बाद से ही शुरू की गई थी। स्वतंत्र दिवस भारतीयों के लिए एक बहुत बड़ा दिन है जिसके लिए अनेक महान पुरुषों ने अपनी जान भी न्योछावर कर दी।
हमारे देश की आजादी :-
करीब 200 वर्ष तक अंग्रेजों ने भारतीयों को गुलाम बनाये रखा था इनके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग बहुत ही कम थे धीरे-धीरे अनेक क्रांतिकारियों (Essay on Independence Day in Hindi) ने एकजुट होकर अंग्रेजों को देश से भगाने का निर्णय लिया परंतु यह कोई आसान खेल नहीं था। महान पुरुषों ने एक साथ मिलकर इनके खिलाफ आवाज उठाई और कई सारे आंदोलन के सहारे हमारे देश को आजादी मिली। हम 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मनाते हैं परंतु असल में भारत को आजादी 14 अगस्त के मध्य रात्रि 12:00 बज के 1 मिनट पर मिली थी। 14 अगस्त के मध्य रात्रि के बाद अगले दिन से हमारे भारत देश में किसी भी अंग्रेजों या ब्रिटिश समराज्यो का डर नहीं था हमारा देश पूरी तरीके से आजाद हो चुका था, यहां के वातावरण में हवाएं भी आजाद होकर बह रही थी। पूरे भारतीयों के लिए इससे बड़ा खुशी का दिन और कोई नहीं हो सकता था।
वर्तमान में रहने वाले लोग यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते की गुलामी में व्यक्ति अपना जीवन कैसे व्यतीत करते थे। महान पुरुषों के संघर्ष को हम सिर्फ किताबों में ही पढ़ कर पता लगा सकते हैं परंतु इसे सहकर जो अपने आंदोलन में डटे रहे वो हमारे वीर क्रांतिकारी तथा वीर जवान है, जिन्हें हर साल स्वतंत्र दिवस के दिन श्रद्धांजलि और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
स्वतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
भारत में स्वतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्र दिवस भारत के हर क्षेत्र में तिरंगा लहराया जाता है। इस दिन स्कूल व कॉलेज और सभी शिक्षा व संस्थाओं में स्वतंत्र दिवस मनाया जाता है। बच्चों को इस दिन स्कूल में स्वेत वस्त्र के साथ बुलाया जाता है और तिरंगा झंडा लहरा कर झंडे को सलामी दी जाती है। सभी लोग इस दिन सफेद या तिरंगा रंग का कपड़ा पहनते हैं इस दिन सभी के चेहरे में आजादी की मुस्कुराहट नजर आती है। स्वतंत्र दिवस शिक्षा क्षेत्र में इसलिए मनाया जाता है क्युकी छात्र बचपन से ही स्वतंत्र दिवस की महत्वता को समझ पाए यह हमारा एक राष्ट्रीय त्योहार है जो कि हर क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। इस दिन भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जवानों द्वारा परेड भी किया जाता है और हमारे देश के प्रधानमंत्री सबसे पहले लाल किले पर तिरंगा झंडा फहरा कर इस दिन की शुरुआत करते हैं उसके बाद दूसरे जगहों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। झंडा फहराने के साथ-साथ शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है।
स्कूल में अनेक सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा देश भक्ति गीत भी गाए जाते हैं और संस्कृति से जुड़ी नृत्य भी प्रस्तुत किए जाते हैं। यह दिन बहुत ही सुनहरा होता है और देशभक्त के लिए स्वतंत्र दिवस का दिन बहुत ही बड़ा होता है।
स्वतंत्र दिवस का प्रतीक:-
स्वतंत्रता दिवस के दिन हवा में लहराता तिरंगा सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इसे स्वतंत्र दिवस (Essay on Independence Day in Hindi) का प्रतीक माना जाता है। तिरंगे के तीन रंगों का अलग अलग महत्व है। पहला रंग केसरी का अर्थ होता है बलिदान जो कि हमारे देश को आजादी दिलवाने के लिए जितने भी लोगों ने अपनी जान का बलिदान दिया है यह उसका प्रतीक होता है। दूसरा सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है और तीसरा हरा रंग संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। तिरंगे में इन सभी के अलावा भी एक अशोक चक्र होता है जो भारत का राष्ट्रीय चिन्ह भी माना जाता है। स्वतंत्र दिवस के दिन तिरंगा आसमान में लहराता हुआ आजादी को दर्शाता है। तिरंगा झंडा स्कूल कॉलेज और सभी शिक्षा संस्था में लहराया जाता है यहां तक कि सरकारी ऑफिस में भी तिरंगा झंडा स्वतंत्र दिवस के दिन फहराया जाता है। हमारे देश को आजादी कई सारी बलिदानों से प्राप्त हुई है इसलिए इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
निष्कर्ष:-
15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था इसके बाद से इस देश का निर्णय इस देश के अंदर लिया जा सकता है। आजादी के बाद से हर कोई भारत देश में स्वतंत्रता पूर्वक रह सकता है। स्वतंत्र दिवस के दिन बहुत सारी चीजों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे बहुत सारी कंपनियां बच्चों के लिए छोटे-छोटे कागज के झंडे बनाते हैं और बच्चे उन्हें लेकर खेल कर फेंक देते हैं परंतु इससे हमारे तिरंगे झंडे का अपमान होता है ऐसा करना राष्ट्र के खिलाफ है। इसलिए तिरंगे झंडे का सम्मान करें और इस दिन को स्वतंत्रता पूर्वक हर्ष और उल्लास के साथ मनाए।
FAQ:-
1.प्रश्न:- स्वतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर:- स्वतंत्र दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है।
2.प्रश्न:- हमारा देश कब आजाद हुआ था?
उत्तर:- सन् 1947 ,14 अगस्त मध्य रात्रि 12 बजकर 1 मिनट पे हमारे देश आजाद हुआ था।
3.प्रश्न:- सबसे पहले तिरंगा झंडा भारत में कहां फहराया जाता है?
उत्तर:- सबसे पहले तिरंगा झंडा भारत के लाल किले में प्रधानमंत्री द्वारा फेहराया जाता है।
4.प्रश्न:- भारत में आजादी के बाद सबसे पहले तिरंगा झंडा कहां फहराया गया था और किसने फहराया था?
उत्तर:- भारत में आजादी के बाद सबसे पहले तिरंगा झंडा लाल किले में हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा फहराया गया था।
5.प्रश्न:- स्वतंत्र दिवस का महत्व क्यों है?
उत्तर:- भारत में स्वतंत्र दिवस को इसलिए महत्व दिया जाता है क्योंकि कई सालों से अंग्रेजों का गुलाम रहने के बाद हमारा देश इस दिन आजाद हुआ था।