Home निबंध Essay on Indian Economy in Hindi | भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध हिंदी...

Essay on Indian Economy in Hindi | भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध हिंदी में

Essay on Indian Economy in Hindi

Essay on Indian Economy in Hindi: एक विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराती है जो मुख्य रूप से हमारी अर्थव्यवस्था से संबंधित है। यदि आप Essay on Indian Economy के बारे में जानना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बेहद लाभदायक होगा। इसमें हम Indian Economy in hindi के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

Essay on Indian economy in hindi का अर्थ है भारतीय अर्थव्यवस्था। किसी भी देश के विकास में देश की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हाथ होता है। Indian economy विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं में से तीसरे नंबर पर है । 1991 में indian economy में आर्थिक सुधार की नीति अपनाई गई और उसके परिणामस्वरुप भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरकर आया। 

Essay on Indian Economy in hindi के द्वारा आपको बता दें कि पूर्व काल में भारत सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। 10 वीं सदी तक indian economy विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। पहली सदी में भारत का सिर्फ घरेलू उत्पादन विश्व के घरेलू उत्पादन का 32.9% था। ब्रिटिश काल में Indian economy को काफी तोड़ा गया। 

आजादी के बाद भारत में सार्वजनिक उद्योगों को बढ़ावा दिया गया, परंतु 1991 में भारत को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। अमेरिका इकोनामी संस्था के द्वारा वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के निर्देशन में Indian economy में काफी सुधार आया है। इसके पश्चात अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी भारत में पूंजी निवेश शुरू किया।

वैसे देखा जाए तो GDP के संदर्भ में Indian economy दुनिया की सबसे बड़ी इकोनामी है। महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि में भारत सरकार ने कई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चलाया है। बेरोजगारी कम करने के लिए भी भारतीय सरकार ने काफी कार्यक्रम चलाए हैं जिससे युवा लाभान्वित हुए। भारत सरकार ने आजादी के बाद पंचवर्षीय कार्यक्रमों का भी  क्रियान्वयन किया है। जिसमें Indian economy आज भारत में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष रुप से निवेश हो रहा है। Essay on Indian economy in Hindi से पता चलता है कि 2019 में सर्वोच्च सेवा निर्यातकों में से भी भारत एक रहा है।

Role of agriculture in Indian economy in Hindi:

भारत एक कृषि प्रधान देश है। Indian economy का बहुत बड़ा हिस्सा कृषि  से बंधा हुआ है| Essay on Indian Economy in hindi के अनुसार देखा जाए तो कृषि Indian economy की रीढ़ की हड्डी है| कृषि से ना केवल खाद्य आपूर्ति होती है बल्कि देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा  आमदनी के लिए भी इस पर निर्भर करता है।

सरकार भी कृषि पर काफी ध्यान देती है| विभिन्न नीतियों के द्वारा कृषि उत्पादन बढ़ाया जाता है | वर्ष 2010 -11  में 6 मिलियन का एक रिकॉर्ड खाद उत्पादन हुआ था| जिसके अंदर बेहतरीन गेंहू , मोटा अनाज व दालों का उत्पादन हुआ था | कृषि Indian economy का 22% जीडीपी प्रदान करता है| भारत में उत्पन्न किए गए अनाज आज कई देशों में निर्यात किए जाते हैं। यहां चावल और गेहूं के साथ-साथ तिलहन भी अधिक मात्रा में उत्पन्न किया जाता है।

भारत का ग्रामीण क्षेत्र मुख्य रूप से आजीविका के लिए कृषि पर ही निर्भर है| खाद्य सुरक्षा पर्यावरण तकनीकी ,मृदा संरक्षण संसाधन, प्रबंधन, कृषि समग्र भारतीय क्षेत्र के विकास के लिए अति आवश्यक है। Role of agriculture in Indian economy in hindi के अंतर्गत देखा जा सकता है कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति,  में विकास का एक बड़ा हाथ  रहा है | भारतीय सरकार ने कृषि नीतियों के आधुनिकीकरण के अलावा पशुपालन, मत्स्य पालन, नीति पर भी काफी ध्यान दिया है जिससे Indian economy में बढ़ोतरी हुई। 

सरकार द्वारा किसानों के लिए हेल्प लाइन नंबर आदि का भी इंतजाम किया गया है, जिसमें कृषि के एक्सपर्ट्स किसानों की समस्याओं का हल करते हैं| इसके अलावा Essay on Indian Economy in hindi के अनुसार कृषि विभाग सहकारिता मंत्रालय द्वारा वेबसाइट की भी सुविधा प्रदान कर दी गई है जिस पर समय-समय पर तरह तरह के कार्यक्रम व सरकार की नीतियों का अनावरण किया जाता है और वहां पर भी किसान अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

राष्ट्रीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला का भी सरकार ने निर्माण किया जिसके अंतर्गत युवा भी किसानों की मदद कर सकते हैं। सभी नीतियों से Indian economy की विकास दर में भारी इजाफा हुआ है।

Essay on present indian economy in hindi:

Indian economy इस समय काफी कमजोर है। Indian economy अपनी तेजी धीरे-धीरे कर रही है। आरबीआई के अनुसार Indian economy की जीडीपी ग्रोथ की दर घटकर 6.9% रह गई है। देश की कई बड़ी प्रभावशाली कंपनी इस आर्थिक मंदी को झेल रहे हैं, जैसे निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज बंद हो चुकी है | टेलीकॉम क्षेत्र की एक बड़ी सरकारी कंपनी बीएसएनएल भी अपना अस्तित्व खो रही है| 

वित्तीय वर्ष 2019 में भारतीय डाक सेवा का भी पंद्रह सौ करोड़ का घाटा हुआ| एचएएल जो कि रक्षा क्षेत्र की एक बहुत बड़ी कंपनी है उसे भी हजार करोड़ का कर्ज लेकर अपने कर्मचारियों का वेतन का भुगतान करना पड़ा| भारतीय  बैंकिंग क्षेत्र भी एनपीए की मार को झेल रहा है। वर्तमान स्थिति में कुल एनपीए 9,50,280 देखा गया है।

Impact of covid-19 on Indian economy:

कोरोना  एक वैश्विक महामारी है। कोरोना को Covid -19 के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय सरकार ने कोविड-19 को रोकने के लिए लॉकडाउन भी जारी किया। Essay on Indian Economy in hindi में देखा जाए तो इसने Indian economy पर बड़ा जबरदस्त वार किया। चीन से आयात करने के क्षेत्र में भारत की निर्भरता बहुत बड़ी है।  चीन के सामानों के आयात में भारत सबसे महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। लगभग 65 परसेंट फार्मास्यूटिकल सामग्री और 90% मोबाइल फोन चीन से भारत में आते हैं। covid -19 से उद्योगों पर भारी नुकसान हुआ जिसके कारण उत्पाद क्षेत्रों में भारी गिरावट आई। covid-19 के कारण impact of covid-19 on Indian economy की जीडीपी दर गिरकर 3% रह गई है। विश्व बैंक के अनुसार देखा जाए तो Indian economy का परिदृश्य अच्छा नहीं है। काफी बड़ी प्रभावशाली कंपनियों के हालात बंदी तक पहुंच चुके हैं|

Effect of coronavirus on Indian economy: 

covid-19 के कारण देश में बेरोजगारी को बढ़ावा हुआ। लघु उद्योग जो Indian economy का बड़ा भाग है, वह भी बंदी की कगार पर पहुंच चुके हैं। अगर हम देखें तो स्ट्रीट फूड्स, फल, सब्जी इत्यादि के विक्रेताओं को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मैरिज हॉल, होटल जो कि effect of coronavirus on indian economy के बड़े भाग थे। उनके कार्य पर काफी बुरा असर पड़ा। लोगों ने केवल जरूरी सामग्री पर पैसा खर्च करना शुरू कर दिया है। 

Essay on Indian Economy in hindi के अनुसार बाजार में मुद्रा दर गिर गई है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी गिरावट आई। कोविड-19 के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में भी मजदूरों का पलायन हुआ, जिसके कारण उत्पादन दर में काफी गिरावट आई भारतीय बाजार में मांग कम होने के कारण आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हीरों जैसी बड़ी कंपनी ने भी कोविड-19 में मंदी के बादलों को झेला। उसने अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया और अपनी फैक्ट्री को बंद कर दिया।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की अधिकारी ने यह कहा है कि “शायद स्वतंत्रता के बाद भारत का यह सबसे बड़ा बुरा दौर है। लोगों के पास पैसा नहीं है। निवेशक भी निवेश की स्थिति में नहीं है।” वैश्विक अनुभवों के अनुसार देखा जाए तो जीडीपी की वृद्धि दर अप्रैल 2020 में मार्च 2021 के दौरान घटकर 0.8% रह जाएगी। यह इंडियन essay on Indian Economy in hindi पर काफी नकारात्मक प्रभाव डालेगी। फार्मा फोटो कंज्यूमर ड्युरेबल्स वर्ल्ड टूरिज्म Indian Economy की रीढ़ की हड्डी माने जाते थे, उन पर भी आर्थिक मंदी का बहुत बड़ा असर हुआ है।

On get and its impact on Indian economy:

Essay on Indian economy in hindi में देखेंगे कि Indian economy पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है। बेरोजगारी ने भारत में पहले ही पैर पसार रखे थे। कोविड-19 के कारण बेरोजगारी काफी बढ़ गई जो कि एक बड़ा चिंता का विषय है। उद्योगों में आई भारी गिरावट के कारण जीडीपी की दर गिर गई। वैश्विक स्तर पर भारत एक बहुत बड़ी परिस्थिति से गुजर रहा है।

Essay on Indian Economy in hindi में देखेंगे कि भारत का एक हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे का है जो कि अब बढ़ता जा रहा है। मंदी के कारण कंपनियों ने जिन कर्मचारियों को काम पर रखा हुआ है। उनको भी वह आधे ही वेतन दे रहे हैं जिसके कारण लोगों के पास मूलभूत जरूरतों के लिए भी पैसा पूरा नहीं बढ़ पा रहा है।

एक ओर देखा जाए तो impact on indian economy का सबसे बड़ा नुकसान रेलवे के बंद होने से है। आम लोगों की आवाजाही में कमी होने के कारण पर्यटन इत्यादि का भी संचार रुक गया। औद्योगिक व प्रौद्योगिक दोनों ही क्षेत्रों में आर्थिक मंदी की काफी मार पड़। गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर भी अपने हाथों को रोकता जा रहा है। नई भर्तियों पर भी रोक लग गई है जिससे युवाओं में आक्रोश का भाव है।

Indian economy slowdown:

साल 2009 में वैश्विक मंदी में indian economy 3.1% की दर से बढ़ी थी। 2019 में आर्थिक विकास दर घटकर 5% बढ़ी थी। वैसे तो सभी देश आर्थिक मंदी को झेल रहे हैं परंतु भारत की हालत अधिक चिंताजनक है क्योंकि भारत के अंदर गरीबी दर काफी ज्यादा है। इससे पहले 2007 में indian economy slowdown को बहुत नुकसान पहुंचाया था। 1930 की मंदी के बाद यह सबसे अधिक चिंताजनक आर्थिक मंदी है।

जीडीपी तिमाही गिरावट की ओर बढ़ती जा रही है। आम जनता द्वारा दैनिक ज़रूरतों  का भी खपत रुक सी गई है। वाहनों की बिक्री का कम होना भी भारतीय अर्थव्यवस्था को गिरा रहा है क्योंकि अर्थशास्त्रियों के अनुसार जब गाड़ियों की बिक्री कम हो जाती है तो इसका सीधा संकेत है कि लोगों के पास पैसे की कमी हो रही है और जो कि उत्पादन कम होने के कारण कई सेवाओं पर असर पड़ रहा है। जैसे माल ढुलाई बीमा वितरण आदि सेवाओं पर सीधा असर पड़ रहा है। आम जनता का रुझान बचत की ओर बढ़ता जा रहा है जिससे पैसे का उपयोग निवेश में रुक गया है। अर्थव्यवस्था के लिए क़र्ज़ का आदान प्रदान  दोनों होना बहुत आवश्यक है।

शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आ रही है। शेयर बाजार में उन्हीं कंपनियों का शेयर बढ़ता था  जिनका मुनाफा अधिक होता था, परंतु अब कंपनियों में मंदी होने के कारण मुनाफे की दर काफी गिर गई है जिससे शेयरों में भी कोई उछाल नहीं आ रहा है। आम जनता के अंदर इंडियन इकोनामी के गिरने का डर काफी अंदर तक पहुंच चुका है। बीते 5 सालों में स्लोडाउन को गूगल पर सर्च करने की दर 102% थी जो कि अब 85 % तक पहुंच चुकी है अर्थात आम जनता के अंदर भारतीय अर्थव्यवस्था के गिरने का डर काफी अंदर तक पहुंच चुका है।

Future of Indian economy in India:

ऐसा  नहीं है कि essay on Indian economy in Hindi में सब कुछ नकारात्मक ही है। जहां भारत की अर्थव्यवस्था गिर रही है वहीं कहीं ना कहीं इसका भविष्य उज्जवल है क्योंकि जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि लॉकडाउन के बाद माननीय प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की और आत्मनिर्भरता पर ध्यान दिया है, जिसके अंतर्गत हम छोटे छोटे लघु उद्योगों का कार्य कर सकते हैं।

Future of Indian Economy in india in hindi से पता चलता है कि सहायता के लिए बैंकों से कर्ज की भी घोषणा की गई है जिससे हमारे युवा दल जो बेरोजगार हैं या जो नौकरी की तलाश में है वह अपने दिमाग का अच्छा इस्तेमाल करके देश को आगे बढ़ा सकते है, जिससे भारत का पैसा भारत के अंदर ही घूमेगा और वह बाहर नहीं जाएगा। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, वह अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी । जब एक व्यक्ति अपना कोई भी उद्योग लगाएगा तो उसे और भी कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी जिससे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। 

ह पता लगा कि हमारे देश में किसी भी चीज की कमी नहीं है जैसे जो वेंटीलेटर हमारे देश में चाइना से मंगवाई जाते थे उन वेंटिलेटर का निर्माण खुद से करना शुरू हुआ। हैंड सैनिटाइजर मास्क इत्यादि छोटी-छोटी चीजों का निर्माण भी हमारे देश के अंदर ही हुआ और इससे लोगों के उद्योगों को काफी फायदा मिला। जब आत्मनिर्भरता बढ़ेगी तो अवसरों की भी बढ़ोतरी होगी। आर्थिक मंदी का सीधा असर विदेशी पूंजी से भी होता है।

जब हमारे देश का पैसा हमारे ही देश में होगा तो हमें आर्थिक मंदी जैसी परेशानियों का कभी भी सामना नहीं करना पड़ेगा। कोरोना काल के महीने यदि देखा जाए तो हमें बहुत सारे रोजगार के अवसरों की प्राप्ति हुई।