कल्पना चावला पूरे विश्व में जानी मानी महिला में से एक है। कल्पना चावला भारत की शान थी जिनका नाम आज भी पूरे गर्व के साथ लिया जाता है। कल्पना चावला को हर एक व्यक्ति जानते ही होगा क्योंकि छोटे से छात्रों को भी बचपन से इनके बारे में बताया जाता है। महिलाओं के नाम पर यह एक प्रेरणादायक महिला रही है। इनकी कहानी लोगों को अधिक प्रेरित करती है। कल्पना चावला एक भारतीय महिला थी परंतु फिर भी इनका नाम देश-विदेश (Essay on Kalpana Chawla in Hindi) हर जगह प्रसिद्ध हुआ था इनके कार्यों से छोटे से छोटा बच्चा भी प्रेरित है। जीवन में संघर्ष के साथ-साथ इन्होंने कई सारी कठिनाइयों का सामना किया और फिर चांद तक पहुंच गई। इन्होंने अपने साथ-साथ पूरे भारत देश का नाम रोशन किया। अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला कल्पना चावला को आज भी याद करके बच्चों को इनसे अवगत किया जाता है।
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कल्पना चावला का जन्म:-
सन 1965 में 17 मार्च को कल्पना चावला का जन्म करनाल हरियाणा में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम सज्योति देवी था। इनके परिवार में 6 सदस्य थे, उनके माता-पिता और चार भाई बहन। कल्पना चावला अपने घर में सबसे छोटी थी। इन्हें हर कोई बहुत प्यार करता था। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हरियाणा में लड़की को कमजोर माना जाता था और उन्हें सिर्फ घर तक सीमित रखा जाता था परंतु कल्पना चावला के माता पिता ने उनकी पढ़ाई (Essay on Kalpana Chawla in Hindi) के लिए हमेशा उनका साथ दिया। कल्पना चावला सदैव से ही अंतरिक्ष में जाने की इच्छा रखती थी, इनके सपने को देखते हुए उनके माता-पिता ने इन्हें प्रोत्साहन दिया और सपना पूरा करने के लिए अच्छी शिक्षा दी। कल्पना चावला शुरू से ही अपने शिक्षा को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर थी और पढ़ लिख कर उन्होंने अपना सपना भी पूरा किया।
कल्पना चावला का शिक्षा :-
कल्पना चावला का जन्म जहां से हुआ था उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से शुरू कर दी। टैगोर पब्लिक स्कूल प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद पंजाब के इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से वैमानिक अभियांत्रिकी में प्रवेश लिया। जिसके बाद 1982 मी टेक्सास विश्वविद्यालय में अपनी बाकी की पढ़ाई की। वहां से शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने सन 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय वोल्डर से विमान की अभियांत्रिकी में विद्याचस्पती की उपाधि प्राप्त की, जो कि इनके लिए एक बहुत बड़ी उपाधि थी।
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद यह अपने सपने की ओर बढ़ गई और धीरे-धीरे नासा में काम करना शुरू कर दिया। क्योंकि नासा के कार्य अंतरिक्ष के लिए सफल माने जाते थे। इन्हें नासा में जाने के बाद अपना सपना पूरा होते दिखा। कल्पना चावला शिक्षा के बाद खूब तरक्की करती गई। नासा ने इनका जस्बा देखते हुए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना। जिसके बाद यह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला साबित हुई।
कल्पना चावला का सपना :-
कल्पना चावला का सपना शुरू से ही अंतरिक्ष में जाने का रहा था, इन्होंने बचपन से अपना सपना पूरा करने के लिए बड़ी सोच समझ के शिक्षा स्तर को भी चुना था। अपने माता पिता के आशीर्वाद से इन्होंने बड़ी बड़ी उपलब्धियों को पाया था। शिक्षा प्राप्त करने के बाद कल्पना चावला देश का नाम रोशन करने के लिए आगे बढ़ती गई। नासा में शामिल होने के बाद 1995 में ये अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुई। इनका पहला अंतरिक्ष मिशन सन 1997, 19 नवंबर को था जिसमें छह अंतरिक्ष यात्रियों ने हिस्सा लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी। इससे पहले मिशन के बाद कल्पना चावला हमारे देश की ऐसी पहली महिला बन गई जिन्होंने अंतरिक्ष पर कदम रखा। इनका पहला मिशन बहुत ही लंबा चला था परंतु यह कामयाब होकर धरती पर वापस लौंटी। कल्पना चावला (Essay on Kalpana Chawla in Hindi) बहुत ही बहादुर महिला के नाम से जानी जाती है इन्हें कई सारे सम्मान पुरस्कार दिए गए जैसे –
- नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक
- कांग्रेसनल अंतरिक्ष पदक
- विशिष्ट सेवा पदक
कल्पना चावला का विवाह:-
कल्पना चावला शुरुआती समय से ही अपने काम के प्रति जागरूक रहती थी। इन्होंने अपने जीवन में कई सारे व्यक्तिगत कार्य किए हैं। अपने देश को अंतरिक्ष के प्रति जागरूक होने के लिए कई सारे लोगों को शिक्षा भी प्रदान किया है। इन्होंने अपने सपनों को देखते हुए शिक्षा प्रदान करके जब अपने आप को स्थापित कर दिया, तब उनका 1983 में एक उड़ान प्रशिक्षक वह विमान लेखक जीन पियरे हैरिसन से मुलाकात हुई। मुलाकात के कुछ दिन बाद ही इन् दोनों ने मिलकर विवाह कर लिया। दोनों का क्षेत्र एक ही था इसलिए दोनों ने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया। कल्पना चावला विवाह के बाद 1990 में संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता को स्वीकार कर लिया और वहीं पर नासा में काम करने लगी।
कल्पना चावला की मृत्यु:-
मृत्यु से पहले कल्पना चावला ने 1991 और 92 में भारत में आखरी बार कदम रखा था। क्योंकि इन्हे भारत से बहुत लगाव था और उनका पूरा परिवार भारत में ही रहता था इसलिए यह हमेशा मिलने आया करती थी। क्योंकि यह अमेरिका की निवासी बन गई थी और वहीं पर अपना करियर शुरू कर लिया था इसी कारण वह भारत बार-बार नहीं आ पाती थी। नासा में इनका अंतरिक्ष यात्रा शुरू हो गया था जिसके बाद यह भारत आ नहीं पाई। कल्पना चावला का पहला उड़ान सफल रहा था जिसके बाद यह दूसरा उड़ान भरने के लिए सन 2003, 16 जनवरी को शटल कोलंबिया से गई थी। यह उनका बहुत ही महत्वपूर्ण उड़ान था।
यह अंतरिक्ष यान आसानी से अंतरिक्ष के कक्ष में प्रवेश कर चुका था इनकी यात्रा सफल भी हो गई थी परंतु 1 फरवरी 2003 को धरती पर वापस लौटते वक्त अंतरिक्ष में ही यान टूट कर बिखर गया। और इसी कारण कल्पना चावला के साथ 6 अंतरिक्ष यात्रियों का निधन हो गया।
निष्कर्ष:-
कल्पना चावला भारत देश के साथ पूरे विश्व में जानी-मानी बन गई। अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला कल्पना चावला का नाम देश और दुनिया हर जगह प्रसिद्ध हो गया। इनकी मृत्यु के बाद नासा के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में एक अंतरिक्ष यान का नाम कल्पना चावला के नाम पर रखा गया। कल्पना चावला ने हमेशा से ही भारत का नाम रोशन किया है और यह आज भी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
FAQ:-
1.प्रश्न:- करना चावला का जन्म कब हुआ था?
उत्तर:- कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1965 को हुआ था।
2.प्रश्न:- कल्पना चावला का जन्म कहां हुआ था उनके माता पिता का नाम क्या था?
उत्तर:- कल्पना चावला का जन्म करनाल हरियाणा में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम सज्योति देवी था।
3.प्रश्न:- कल्पना चावला की प्राथमिक शिक्षा कहां से शुरू हुई?
उत्तर:- कल्पना चावला की प्राथमिक शिक्षा उनके जन्मस्थान करनाल हरयाणा से शुरू हुई थी।
4.प्रश्न:- कल्पना चावला पूरे भारत में कैसे प्रसिद्ध हुई थी?
उत्तर:- कल्पना चावला भारत की ऐसी पहली महिला थी जिन्होंने अंतरिक्ष पर कदम रखा था।
5.प्रश्न:- कल्पना चावला की पहली और आखिरी अंतरिक्ष यात्रा कब हुई थी?
उत्तर:- कल्पना चावला की पहली अंतरिक्ष यात्रा 19 नवंबर 1997 को हुई थी और दूसरी व आखरी अंतरिक्ष यात्रा 2003 16 जनवरी को हुई थी।