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Essay on My House in Hindi

हम सब मानव को जनजातियों के लिए रहने और आश्रय लेने के लिए एक निवास स्थान की जरूरत होती है जिसे हम सब घर कहते हैं। केवल हम ही नहीं जीव जंतु और पेड़ पौधों के लिए भी एक स्थाई स्थान को भी घर माना जाता है। घर का अर्थ होता है हमें हर प्रकार से सुरक्षित और संक्षिप्त रूप में आश्रय देना। कई बार देखा गया है कि जिन लोगों के पास रहने के लिए अपना खुद का घर नहीं होता वह लोग किराए पर घर लेकर ही अपना गुजर-बसर करते हैं। तत्काल में ही सरकार (Essay on My House in Hindi) द्वारा आवास योजना जैसी बहुत सारी नीतियों का निर्माण किया गया है जिसकी मदद से भी उन लोगों को घर की सुविधा दी जाती है जो बेघर है। वैसे तो हर किसी का अपना अपना घर अपने अपने हिसाब से होता है परंतु हर किसी के घर में कई प्रकार की सुविधाएं नहीं होती है। आज हम इस आर्टिकल में मेरे घर के बारे में बताने वाले है

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मेरे घर के बारे में :-

मेरा घर एक छोटा सा घर है जिसमें 3 रूम, 1 हॉल, 1 किचन, गेस्ट रूम और बाथरूम है। क्योंकि हम मध्यम वर्ग की श्रेणी में आते हैं इसीलिए हमारा घर छोटा सा ही है। इस घर में मेरा पूरा परिवार एक साथ निवास करता है। हमारा परिवार एक लघु परिवार है जहां पर मेरे माता पिता बड़े भाई और मैं रहती हूं। इस छोटे से घर में परिवार का पूरा प्यार प्राप्त होता है। अपना घर सभी को प्यारा होता है क्योंकि अपने घर में ही सभी की जिंदगी खुशहाल व्यतीत होती है। हमारे घर में कई सारे पेड़ पौधे भी लगाए गए हैं। हमारे घर में हर साल पेंट और साफ सफाई करवाई जाती है। हमारे घर का वातावरण एक दम शुद्ध है।

हमारा घर बाहर और अंदर दोनों तरीके से बहुत ही सुंदर नजर आता है। घर का निर्माण बिल्कुल समझदारी से करना चाहिए चाहे वह छोटा घर हो या बड़ा। एक घर का निर्माण घर के सदस्यों पर भी निर्भर करता है। लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार घर का बदलाव भी कर सकते हैं।

मेरे घर का विवरण :-

मेरे घर का निर्माण सन 2000 में हुआ था। घर के निर्माण के बाद हम यहां रहने लगे थे। जब मेरा घर बना था उस समय मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, मेरे माता पिता और मेरे बड़े भाई ही इस घर में रहते थे। हमारा घर शहरी इलाके में स्थित है। क्योंकि बचपन से मैं इसी घर में रही हूं इसलिए इससे हमारी भावनात्मक कड़ियां भी जुड़ी हुई है। हमारे घर के आस-पास का वातावरण भी बहुत ही अच्छा है। मेरे घर के आस-पास कई सारे पेड़ पौधे भी है जिससे हवाओं में शुद्धता बनी रहती है। सभी त्योहार हमारे घर में ही परिवार के साथ बनाए जाते हैं। घर (Essay on My House in Hindi) व्यक्ति के जीवन का एक छत ही नहीं होता यह उनके लिए आशियाना जैसा होता है। अगर परिवार की स्थिति सही है तो वह छोटे से घर में भी हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर लेता है परंतु अगर परिवार खुश नहीं है तो बड़ा सा महल भी खण्डर बन के रह जाता है।

मेरे घर का वातावरण:-

मेरे घर का वातावरण बहुत ही शुद्ध और सकारात्मक है। हमारे घर में दिन भर परिवार का प्यार मिलता है और सब खुशी से एक साथ रहते है। मेरे घर (Essay on My House in Hindi) के सामने एक बगीचा है जहां पर कई सारे फूल के पौधे लगे हुए हैं। सुबह के समय फूलों को देखने का दृश्य बहुत ही मनमोहक लगता है क्यूंकि पत्तिया और फूल हीरे के समान चमकती हुई नजर आती है। मेरा बगीचा बहुत ही बड़ा है उसमें बड़े-बड़े पेड़ भी लगे हुए हैं। घर के पास बगीचा रहने के कारण हमारे घर में फूलों की खुशबू बनी रहती है। मेरे कमरे की खिड़की से बगीचे का दृश्य बहुत ही सुंदर नजर आता है। मेरे घर का वातावरण बहुत ही शांत है यहां पर हर सदस्य एक दूसरे की मदद करता है। हमारा घर और घर के आसपास का वातावरण दोनों ही अनुकूल तरीके से बनाया गया है।

मेरे भविष्य के घर का सपना :-

मेरे पिता द्वारा बनाया गया यह घर जिसमे मैं बचपन से रहती आ रही हूं। ठीक इसी तरीके से मैं भी एक अपना घर बनाने की चाह रखती हूं। भविष्य में हमारा घर कैसा होगा इसकी कल्पना हम आज से ही कर सकते हैं। मेरी कल्पना अनुसार मेरे घर में जरूरत की हर चीज होगी और वह परिवार के नजरिए से बनाई जाएगी। हमारा घर (Essay on My House in Hindi) एक शहरी इलाके में बनाया जाएगा जहां पर सभी जरूरतों का साधन हो। मेरे घर में परिवार के 1 सदस्यों के लिए एक-एक कमरा बनाया जाएगा और अतिथियों के लिए एक कमरा अलग से होगा। वातावरण को शुद्ध रखने के लिए वहां रोज साफ सफाई करवाई जाएगी। घर के बाहर एक छोटा सा बगीचा होगा जहां पर कई सारे पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। मेरे कमरे के बाहर एक बालकनी होगी जिससे घर के बाहर का दृश्य और मेरे बगीचे का दृश्य साफ नजर आएगा। घर पर पानी की पर्याप्त सुविधा करवाई जाएगी। भविष्य में जब भी मेरा खुद का घर बनेगा तो उसमें सभी सुविधा के साथ लोगों की आवश्यकता भी देख कर बनाई जाएगी।