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Essay on My Water Heritage in Hindi | मेरा जल विरासत पर निबंध हिंदी में

Essay on My Water Heritage in Hindi

Essay on My Water Heritage: पृथ्वी पर जीवन की मौजूदगी के लिए हवा के बाद जो दूसरा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है वह पानी है। पानी के वजह से पृथ्वी के सभी जीवधारी, वनस्परियाँ विकास कर रहे हैं और इतने वर्षों से जीवित है।

Essay on My Water Heritage in Hindi में आज हम बात करेंगे Importance of water की। पानी कितना अमूल्य है यह हम सब जानते हैं, लेकिन पानी एक दिन खत्म भी हो सकता है यह मानते नही है।

Essay on my water heritage in hindi में पानी के महत्व के बारे में जानेंगे। इस निबंध को आप अपनी परीक्षाओं में भी उपयोग कर सकते हैं।

इसे बहुत ही आसान भाषा मे लिखा गया है ताकि समझने में आसानी रहे।

Essay on My Water Heritage in Hindi (मेरा जल विरासत पर निबंध हिंदी में) – (300 शब्द)

इस दुनियाँ में जीवित रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीजों में से एक पानी है। पानी के बिना किसी भी तरह के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है।

शायद इसीलिए जब वैज्ञानिक किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज शुरू करते हैं तो सबसे पहले पानी को खोजने की कोशिश करते हैं।

क्योंकि उन्हें पता है कि यदि किसी भी वातावरण में पानी मौजूद रहा तो उसमें जीवन भी जरूर रहेगा।

पानी न सिर्फ हमारे पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि हमारे शरीर के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

न सिर्फ पृथ्वी पर पानी बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद है, बल्कि हमारे शरीर मे मौजूद सभी तत्वों में से पानी सबसे ज्यादा है।

हमारे खून में 55% ब्लड प्लाज्मा रहता है। इसका 92% भाग पानी से बना होता है। यानी हमारे खून में भी पानी बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद रहता है।

पानी का उपयोग.

पानी के बिना हमारे कई सारे काम रुक जाते हैं या यह भी कह सकते हैं कि हम अपने जीवन मे कोई भी काम पानी के बिना कर ही नही सकते।

सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक जितनी भी हमारी जरूरतें है उन सब मे पानी कही न कही जरूर उपयोग होता है।

नहाने, कपड़ा धोने, खाना बनाने से लेकर वाहनों की धुलाई, घर की साफ सफाई आदि कामों में पानी लगता ही है।

जल संरक्षण का महत्व.

हम सब जानते हैं कि पृत्वी के 71% भाग में पानी है लेकिन पृथ्वी पर मौजूद सारा पानी हमारे उपयोग के लायक नही है।

पृथ्वी पर मौजूद समस्त पानी का करीब 1%ही हम उपयोग कर सकते हैं। इसीलिए पानी के संरक्षण पर हमेशा जोर दिया जाता है।

निष्कर्ष.

पानी को बचाना आज हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यदि हम पानी बर्बाद करते रहेंगे तो वह दिन दूर नही है जब दुनियाँ की आधी आबादी स्वच्छ पानी के लिए तरस जाएगी और हो सकता है इन लोगो मे आप और मैं भी रहूं।

फिर उस वक़्त हमारे पास पछताने के अलावा कुछ शेष नही रहेगा। इसलिए हमें अभी से जल को बचाने के उपाय शुरू कर देना चाहिये।

Essay on My Water Heritage in Hindi (मेरा जल विरासत पर निबंध हिंदी में) – (400 शब्द)

प्रस्तावना.

प्रकृति ने हमें कुछ अनमोल चीज़े उपहार के तौर पर दी हैं जिनमे से एक जल है। जल का महत्व पृत्वी पर कितना ज्यादा है इस चीज़ का आकलन हम इस बात से कर सकते हैं कि यहां जीवन की शुरुआत ही जल से हुई थी।

जल के बिना सब कुछ सूना है। हमारी सारी तरक्की, पैसा, खोज, आविष्कार व्यर्थ है, यदि हम जल को नही बचा पाए क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है।

जल प्रकृति का एक वरदान है जो हमें मिला है, पर यदि हमने इसे बर्बाद किया तो एक दिन हमारा अस्तित्व भी नही बचेगा।

जल कम क्यों हो रहा है?

जल बेशकीमती है लेकिन डराने वाली बात यह है कि स्वच्छ जल की मात्रा दिनोदिन कम होती जा रही है। हमारी पृथ्वी पर पानी की कमी नही है, लेकिन अधिकतर पानी हमारे किसी काम का नही है।

समुद्री जल बहुत खारा होता है। यदि उसको किसी मशीनी प्रक्रिया से पीने योग्य बनाया भी गया तो बहुत खर्चीला काम होगा।

हम अपने रोजमर्रा के कामों के लिए उस पानी पर निर्भर रहते हैं जो ग्लेशियर से मिलता है या फिर जमीन के नीचे से मिलता है।

कुल पानी का 3 प्रतिशत पानी ही ग्लेशियर में मौजूद है। ग्लेशियर भी धीरे धीरे गर्मी के कारण पिघलने जा रहे है।

वही दूसरी तरफ भूमिगत जल भी कम होता जा रहा है क्योंकि यह इतना नीचे जा चुका है जहां से पानी खींचकर लाना आसान नही है।

भूमिगत जल का स्तर और नीचे ही गिरता जा रहा है। वहीं जो पानी हमे नदियों में मिलता है उसे भी हम लोग खुद दूषित कर देते हैं, जिससे कि वह भी दूषित हो जाता है और उपयोग करने लायक नही रह जाता।

पानी कितना महत्वपूर्ण है? (Essay on my water heritage)

जल के बिना कोई जीवन नही है। आज जितनी तेजी से प्रदूषित जल की समस्या बढ़ती जा रही है, उसे देखकर यह लगता है कि हमारा भविष्य बहुत डरावना है।

हम बहुत बड़े जल संकट की तरफ बढ़ रहे हैं। यदि इस तरफ दुनियाँ ने जल्दी ध्यान नही दिया तो यह बात निश्चित है की एक दिन हमें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

उपसंहार.

जल को बर्बाद नही किया जाना चाहिए, इस बात को अब समझने की जरूरत है। हमें अपने कामों में पानी का उपयोग कम से कम करना चाहिए, ताकि पानी बर्बाद न हो।

आज दुनियाँ की एक बड़ी आबादी को पीने का स्वच्छ पानी नही मिल पा रहा है। वो गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है। यदि जल प्रदूषण से निजात पाने की तरफ प्रयास नही किये गए तो सबसे बड़ा संकट शुद्ध पेय जल का उत्पन्न हो जाएगा।

Essay on My Water Heritage in Hindi (मेरा जल विरासत पर निबंध हिंदी में) – (1000 शब्द)

प्रस्तावना.

कहा जाता है कि जल ही जीवन है, यह बात पूरी तरह सत्य है। पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत तब तक नही हुई थी जब तक जल रूपी अमृत पृथ्वी पर नही आ गया।

जल इस ग्रह की कुछ अनमोल धरोहरों में से एक है, क्योंकि जिस दिन इस नीले ग्रह से जल विलुप्त हो जाएगा, उसी दिन से पृथ्वी में जीवन के अंत की शुरुआत हो जाएगी।

इसीलिए कहा गया है कि जल ही जीवन है। जल को जीवन की संज्ञा दी गई है। पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत भी जल में ही हुई थी। इसलिए जल का महत्व बहुत अधिक है।

यदि आयतन की दृष्टि से बात करें तो पृथ्वी के 71%भाग पर जल मौजूद है लेकिन यदि उपयोग योग्य जल की बात करें तो यह पूरे जल का मात्र 2.7% है।

इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है जीवन के लिए सबसे उपयोगी चीज़ कितनी कम मात्रा में मौजूद है।

हमारे जीवन मे जल का महत्व. (Importance of water in our life)

हमारे जीवन के लिए भोजन जितना महत्वपूर्ण है, जल उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि बिना भोजन किए इंसान 1 सप्ताह तक जीवित रह सकता है लेकिन बिना जल के 3 दिन भी जीवित रहना बहुत मुश्किल है।

इसीलिए जल को बहुत महत्व दिया जाता है। हम खाना दिन में दो बार ही खाते हैं लेकिन दिन भर में कई बार पानी पीते हैं क्योंकि हमारे शरीर को चलाने के लिए पानी बहुत ज्यादा जरूरी है।

एक स्वस्थ वयस्क मनुष्य के लिए जरूरी है कि वह प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी का सेवन करें। क्योंकि हमारे शरीर का 80% हिस्सा जल ही है, जिसमे से खून में करीब 7% जल की मात्रा मौजूद रहती है।

शरीर के अंदरूनी अंगों के लिए भी जल बहुत जरूरी है। जल के माध्यम से ही शरीर के अंदर मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल पाते हैं।

इसीलिए स्वच्छ जल हम इंसानों के लिए बहुत जरूरी है। स्वच्छ जल के अभाव में हमें पेचिश, दस्त, पीलिया जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं।

पेड़-पौधों और वनस्पतियों के लिए जल का महत्व.(Importance of water for plants and flora.)

जल के बिना इन सब का भी कोई अस्तित्व नही है, क्योंकि जल के कारण ही सभी पेड़ पौधे जीवित रहते हैं। ये अपनी जड़ों से जल को खींचते हैं और मध्यभाग में एकत्रित करके रखते हैं।

फिर जरूरत के मुताबिक जल का वितरण करते रहते हैं। लेकिन यदि इन्हें पर्याप्त जल ही नही मिलेगा तो ये सूख जाएंगे या फिर पूर्ण रूप से विकसित नही हो पाएंगे।

हालांकि मरुस्थलीय इलाकों में कुछ ऐसे भी पेड़ पाए जाते हैं जो कम पानी मे भी जीवित रहते हैं। इंसानों का भी पेड़ पौधों से गहरा नाता है। हमारी फसलें, फल इत्यादि भी इन्ही का हिस्सा है। यदि इन्हें पानी नही मिलेगा तो ये नष्ट हो जायेंगे, जिस वजह से हमारा जीवन भी प्रभावित होगा।

जीव जंतुओं के जीवन मे जल का महत्व.(Importance of water in the life of living animals)

इंसानो और वनस्पतियों के जीवन मे जल जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही ज्यादा महत्वपूर्ण जानवरों और जीव-जंतुओं के लिए भी है।

जानवर भी अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पर निर्भर रहते हैं। कुछ जानवर एक बार मे ज्यादा पानी पी लेते हैं, जिससे कि वो अपनी पानी की जरूरत को कई दिनों तक पूरी कर सकते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें फिर से पानी की जरूरत पड़ेगी ही। ऊंट एक ऐसा ही जानवर है तो एक बार में करीब 50 लीटर पानी ली लेता है।

लेकिन अधिकतर जानवरों को रोज पानी की जरूरत तो पड़ती है। ऐसे में यदि पानी कम हुआ या दूषित हुआ तो उनका जीवन खतरे में पड़ जायेगा।

जल संरक्षण क्यों जरूरी है? (Water conservation important)

हम लोग सोचते हैं कि हमारे पास पानी की कोई कमी नही है क्योंकि पृथ्वी के 71%भाग में पानी मौजूद है। लेकिन सिर्फ 2% पानी ही है जो आज बर्फ के रूप में सुरक्षित है, बाकी का 97% पानी खारा पानी है जो समुद्र में मौजूद है।

समुद्र का पानी हमारे किसी उपयोग का नही है। यदि हम इस पानी का उपयोग करते हैं तो बीमार पड़ सकते हैं। सभी पेड़, पौधे, जीव-जंतु और इंसान सिर्फ उस 3% पानी पर निर्भर है जो ग्लेशियर में मौजूद है।

3% पानी मे से हमारे पीने के लिए सिर्फ 0.05% पानी ही उपलब्ध है। लेकिन यह 0.05% पानी भी दिनोदिन दूषित होता जा रहा है, जिसकी वजह से आज दुनियाँ के सामने स्वच्छ पानी की दिक्कत आ रही है।

जल प्रदूषण के कारण. (Water pollution causes)

जल दिनोदिन प्रदूषित होता जा रहा है इसके कारण निम्नलिखित है:-

  • गंदे पानी को नदियों में छोड़ना.

पानी का उपयोग खेती में, घर के कामों में, उद्योगों में होता है। यही उपयोग किया हुआ पानी जब गंदा हो जाता है तो इसे नदियों में, या तालाबों में छोड़ दिया जाता है, जिससे कि पीने योग्य पानी मे भी केमिकल मिल जाता है और वह खराब हो जाता है।

  • ठोस कचरे को पानी मे डालना.

पानी में ग्लास, प्लास्टिक, एल्युमीनियम, पॉलीथिन, जैसा ठोस कचरा डाल दिया जाता है। इस कचरे का प्रभाव तुरंत नही दिखता है लेकिन वक़्त के साथ ये सभी अपने हानिकारक प्रभाव पानी मे छोड़ने लगते है जिससे जल दूषित हो जाता है।

  • इंड्रस्ट्रीयल कचरा.

पीने योग्य पानी सबसे ज्यादा इसी वजह से खराब होता है। इंड्रस्ट्रीयल कचरे को पानी मे डाल दिया जाता है जिसमे मर्करी, पेट्रोकेमिकल, लेड जैसे कई हानिकारक चीज़े मिली रहती है, जो पानी को विषैला बना देती है।

  • पानी मे तेल मिलने से.

समुद्री जल यातायात का एक प्रमुख मार्ग है। यही से पेट्रोलियम के टैंक आते हैं। पर कभी कभी इन टैंकों से तेल निकालकर समुद्र में फैल जाता है। इस वजह से वह जल प्रदूषित हो जाता है।

  • पेड़ों का कटाव.

पेड़ों का कटाव भी एक बड़ा कारण है। पेड़ों की खासियत होती है कि उसकी जड़ें आसपास के जल को खींचकर रखती हैं, जिससे कि भूमिगत जल ज्यादा नीचे नही जाता है। लेकिन पेड़ो के कटने से यह जल नीचे चला जाता है, जो हम इंसानों के द्वारा फिर उपयोग में नही लाया जा सकता है।

जल प्रदूषण को कैसे रोके?(How to stop water pollution)

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय निम्नलिखित है:-

  • कम पानी का उपयोग करें.

हम लोग पानी की बहुत बर्बादी करते हैं। जो काम एक मग पानी से हो सकता है उसके लिए आधा बाल्टी पानी गिरा देते हैं,इसे रोकना जरूरी है। जल का संरक्षण तभी संभव है जब इसकी कीमत को समझेंगे और जितना जरूरी है उतना ही पानी उपयोग करेंगे।

  • पेड़ लगाए.

सतही जल, भूमिगत जल और समुद्री जल में से सतही जल और भूमिगत जल ही हमारे उपयोग में आते हैं। भूमिगत जल को बचाना है तो अधिक से अधिक पेड़ लगाना जरूरी है। वनों का कटाव रोकना भी जरूरी है, ताकि भूमिगत जल का स्तर ऊपर बना रहे और हमें भूमिगत पानी मिलता रहे।

  • जल स्त्रोतों की सफाई.

सतही जल को स्वच्छ बनाने के लिए जरूरी है कि जल स्त्रोत साफ हों। जो भी कचड़ा नदियों में मिलाया जाता है वह तुरंत बंद होना चाहिए। उसके लिए एक अलग व्यवस्था करना जरूरी है।

शहर में मौजूद सभी नालों का पानी किसी नदी में नही डालना चाहिए, बल्कि उसके लिए एक जल शोधन केंद्र बनाया जाए, जहां उस पानी का ट्रीटमेंट किया जाए और पुनः उपयोग में लाया जाए।

उपसंहार.

एक कहावत बहुत प्रचलित है कि तब पछताय होत का जब चिड़िया चुग गई खेत। यानी कि जब सब कुछ अपने हाथ से निकल जाए उसके बाद पछताने से कुछ नही बदल सकता है।

इसलिये कोई भी काम हमेशा वक़्त रहते ही कर लेना चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए अभी भी वक़्त है। इसलिए इसके लिए तुरंत उपाय करना चाहिए, ताकि भविष्य हमारे किये चुनौतीपूर्ण न हो और आगे आने वाली पीढ़ी पानी की कमी के लिए हमें जिम्मेदार न ठहराए।