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Essay on Navratri in Hindi

हमारे भारत देश में कई सारे त्योहारों को मनाया जाता है जिनमें से दिवाली, होली, दशहरा और कई सारे ऐसे बड़े बड़े त्यौहार है जिसको पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। हमारे देश में और भी ऐसे कई सारे त्यौहार है जो दूसरे धर्मों पर भी आधारित है। भारत देश में हिंदू धर्म के बहुत सारे लोग हैं जो देवी देवताओं को बहुत ज्यादा मानते हैं। हर पर्व को यह देवी-देवताओं पर आधारित समझते हैं। ऐसा ही एक महान पर्व है नवरात्र का। नवरात्रि में होने वाले हर्ष और उल्लास को देखने के लिए लोग दूर-दूर से भारत देश में आते हैं और नवरात्रि के पावन समय को धूमधाम से बिताते हैं। नवरात्रि के रहस्य बहुत सारे होते है और लोग इसे जानने को बहुत ज्यादा उत्सुक भी होते हैं। आमतौर पर नवरात्र (Essay on Navratri in Hindi) को भारत के कई सारे ऐसे इलाकों में मनाए जाते हैं जहां पर देवी माताओं की बहुत ज्यादा पूजा की जाती है।

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नवरात्रि क्या है?:-

नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है यह एक 9 दिनों का त्यौहार होता है जिसमें लोग नवरात् तक जाग कर देवी माता की आराधना करते हैं। इसके अलावा लोग देवी माता की पूजा अर्चना भी करते हैं साथ ही उनके द्वारा दिए गए कई सारे ऐसे उपहार भी होते हैं जो वह देवी माता को भेंट करते हैं। नवरात्र का अर्थ होता है नव मतलब नौ और रात्रि का अर्थ होता है रात। देवी माता की पूजा लगातार 9 दिन और रात चलती है। इन9 दिनों में देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है जिसे हम नव दुर्गा (Essay on Navratri in Hindi) के नाम से भी जानते हैं। देवी माता के इन नौ स्वरूपों में तीन स्वरूप सबसे मुख्य है पहला महालक्ष्मी दूसरा महासरस्वती और तीसरा साक्षात महादुर्गा है। इन 9 दिनों में माता की उपासना की जाती है और इनके नाम के कलश बिठाए जाते हैं जिसमें माता को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती है।

नवरात्रि की कथा:-

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की बहुत पावन कथा है जोकि देत्यो और राक्षसों के वध के लिए किया गया था। कथा के अनुसार एक महिषासुर नामक राक्षस जो कि ब्रह्मा जी का बहुत बड़ा उपासक था उसने ब्रह्मा जी से कई सारे वरदान प्राप्त कर लिए थे और वह हर किसी पर अत्याचार करने लगा था। समय के प्रभाव के साथ साथ वह देवी देवताओं को भी अपने वश में करना चाहता था इसलिए उसने ब्रह्मा विष्णु महेश आदि सब का आवाहन करना शुरू कर दिया। उस के प्रकोप से बचने के लिए हर किसी ने माता दुर्गा (Essay on Navratri in Hindi) का आवाहन किया और उनकी उपासना की। अंत में जाकर की माता लक्ष्मी सरस्वती और पार्वती की ऊर्जा की रोशनी से मां अंबे अर्थात दुर्गा माता प्रकट हुई। प्रकट होने के साथ ही उन्होंने महिषासुर पर हमला बोल दिया और 9 रातो तक महिषासुर के साथ भयंकर युद्ध किया। दसवीं दिन मां दुर्गा ने महिषासुर को युद्ध में पराजित करते हुए उसका वध किया और बुराई पर अच्छाई की जीत को साबित किया।

शास्त्रों की दूसरी कहानी के अनुसार भगवान श्री राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी जब रावण के साथ युद्ध करने जा रहे थे तो समुद्र के तट पर उन्होंने माता दुर्गा के 9 दिन और नवरात्रि तक आराधना की थी। माता दुर्गा ने प्रसन्न होकर उन्हें विजय होने का वरदान दिया था और दसवे दिन उन्होंने रावण की सेना पर चढ़ाई की थी। यह माना भी जाता है कि माता दुर्गा के आशीर्वाद से ही राम ने रावण पर विजय पाई थी। यही कारण है कि लोग माता की आराधना और स्तुति करते हैं।

नवरात्रि की पूजा:-

नवरात्रि के पावन पर्व की सबसे ज्यादा हर्ष उल्लास बंगाल, गुजरात, और उत्तर भारत में होती है। 9 दिनों में नौ देवियों की पूजा की जाती है जिसमें से प्रथम दिन शैलपुत्री का होता है। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चौथे दिन माता कुष्मांडा रूप की स्तुति करते हैं और पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना की जाती है। छठवें दिन माता कात्यायनी रुप को अर्जित करते हुए सातवें दिन कालरात्रि की उपासना की जाती है। आठवें दिन माता की सबसे शांत रूप महागौरी की पूजा होती है और 9वे दिन माता की सबसे पावन रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों में अलग अलग माताओं की पूजा की जाती है। बंगाल में इसी पूजा को अलग तरीके से मनाया जाता है। वहां के लोग देवी माता पर सबसे अधिक श्रद्धा रखते हैं इसलिए उनके द्वारा माता की आराधना और पूजा बहुत ही धूमधाम से की जाती है।

नवरात्र का महाउत्सव:-

नवरात्र को एक महा उत्सव के रूप में देखा जाता है सर्वप्रथम बंगाल में माता की ऐसी पूजा की जाती थी जिसमें माता की मूर्ति और उनका स्थापना कि जाती थी 9 दिनों तक उनकी धूमधाम से पूजा करने के बाद उन्हें पानी में विसर्जित कर दिया जाता था। परंतु आज के समय में गली-गली और मोहल्ले मोहल्ले में माता की मूर्ति को स्थापित करते हैं। नवरात्रि के समय में मंदिरों और मेले में बहुत ज्यादा धूम मची होती है। लोग दूर-दूर से माता (Essay on Navratri in Hindi) की स्तुति करने के लिए आते हैं। किसी उत्सव में माता के नौ रूपों को ध्यान में रखते हुए कन्याओं को भोजन कराया जाता है। माता को कई सारे भेंट चढ़ाए जाते हैं और पूरी लगन से उनकी उपासना की जाती है। इनके लिए पंडाल को सजाकर 9 दिन का कार्यक्रम भी होते हैं जिसमें भजन और गरबा जैसे अहम नृत्यों को रखा जाता है। नवरात्रि के समय में हर कोई देवी माता की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद पाने के लिए उनकी उच्च स्थिति भी करते हैं।

निष्कर्स:-

नवरात्र की पूजा इतनी पावन होती है कि इसे हर कोई आसानी से कर सकता है परंतु कई सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो नवरात्रि में माता के भयानक रूपों की स्तुति करते हैं। लोग इसी समय काले जादू और टोना टोटका कुनीति रीति अपनाते हैं। ऐसे लोग ही समय विकराल रूप ले कर के बहुत सारे हवन और पाठ करवाते हैं। इसी समय प्राप्त हुई शक्तियों को वे आगे चलकर गलत उपयोग में लगाते हैं और देवी माता की दी गए आशीर्वाद का गलत फायदा उठाते हैं। इन सब चीजों की खोज सबसे ज्यादा बंगाल और गुजरात में देखी जाती है। नवरात्र एक महान पर्व है इसे हर किसी को बहुत ही शुद्धता और साधारण भावना से मनाना चाहिए।

FAQ:-

1. नवरात्र का पर्व भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा मनाया जाता है?

उत्तर:- नवरात्र पर्व भारत के बंगाल, गुजरात और उत्तरी इलाकों में सबसे ज्यादा मनाया जाता है।

2. 9 दिनों में माता के किन किन रूपों की आराधना की जाती है?

उत्तर:- 9 दिनों में नौ देवियों की पूजा की जाती है जिसमें से प्रथम दिन शैलपुत्री का होता है। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चौथे दिन माता की कुष्मांडा रूप की स्तुति करते हैं और पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना की जाती है। छठवें दिन माता की कात्यायनी रुप को अर्जित करते हुए सातवें इन कालरात्रि की उपासना की जाती है। आठवें दिन माता की सबसे शांत रूप महागौरी की पूजा होती है और 9वे दिन माता की सबसे पावन रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

3. नवरात्र के समय में कैसी कैसी तैयारियां की जाती है?

उत्तर:- नवरात्रि के समय में पंडाल बनाए जाते हैं जिसमें माता की मूर्ति को स्थापित किया जाता है साथ ही मेले लगाए जाते हैं जहां पर बहुत ज्यादा हर्ष और उल्लास की अनुभूति होती है।

4. लोग इस त्यौहार का गलत फायदा कैसे उठाते हैं?

उत्तर:- लोग इसी समय काले जादू और टोना टोटका ऊपर नीति रीति अपनाते हैं। ऐसे लोग ही समय विकराल रूप ले कर के बहुत सारे हवन और पाठ करवाते हैं। इसी समय प्राप्त हुई शक्तियों को वे आगे चलकर गलत उपयोग में लगाते हैं और देवी माता की दी आशीर्वाद का गलत फायदा उठाते हैं।

5. दुर्गा की उत्पत्ति कैसे हुई है?

उत्तर:- माता दुर्गा का आवाहन देवी देवताओं ने किया था जिसके बाद महालक्ष्मी महासरस्वती और माता पार्वती ने मिलकर अपनी ऊर्जा शक्ति से माता दुर्गा को प्रकट किया था।