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Essay on Noise Pollution in Hindi

पृथ्वी एक ऐसी जगह है जहां पर रोजाना लाखों की संख्या में लोगों ने अपने मतों को ऊपर करके दिखाया है। जिस जगह इतनी ज्यादा आबादी है कि पैर रखने तक की जगह जमी नहीं उस देश में या उस पृथ्वी पर शांति का माहौल कैसे रह सकता है? वैसे तो हमारे सातों महाद्वीपों (Essay on Noise Pollution in Hindi) में बहुत सारी अलग-अलग तरह के राज्य बसे पड़े है। जिसमें हमारा भारत देश में एशिया के महाद्वीप में शामिल है। भारत एक ऐसी जगह है जहां पर 32 करोड़ लोगों की जनसंख्या एक साथ मिलजुल कर हंसते खेलते लड़ते झगड़ते और खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।ऐसे में इतने सारे लोगों का रोजाना बातचीत करना या किसी वाहन का उपयोग करना या फिर अन्य कार्य में आने वाली ध्वनियां एक प्रदूषण का रूप ले लेती है।

आमतौर पर देखा जाए तो केवल भारत ही नहीं हर एक देश और हर एक राज्य में ध्वनि प्रदूषण का कहर बरस रहा है। यदि कोई व्यक्ति धीरे से नहीं है बात भी करे तो उसकी आवाज इस प्रकार प्रतीत होती है जैसे कि वह किसी बड़े से भोपु में बोल रहा है। ऐसे में यदि इससे होने वाली परेशानियां और बीमारियां बढ़ जाए तो इसका कारण केवल और केवल हम सब हैं। इसके लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए और कैसे अपने देश को सुरक्षित करना चाहिए यह हमें खुद सीखना है। चलिए पहले जानते हैं क्या है ध्वनि प्रदूषण?

ध्वनि प्रदूषण सुनने में जितना छोटा शब्द है उतना ही ज्यादा घातक और निशब्द कर देने वाली प्रदूषण (Essay on Noise Pollution in Hindi) क्षेत्र में आती है। ध्वनि प्रदूषण किसी बाहरी दुनिया या फिर किसी और जगह से आया हुआ कोई दूसरी चीज नहीं है।यह हमारे मुख से निकला हुआ हर एक वाक्य गाड़ी घोड़ों की आवाज नदियों का बहता पानी और हल्ला करने की शोर शराबा की आवाज मिलकर बनती है। जरूरी नहीं है कि केवल इसमें यही सब चीजें हो ध्वनि प्रदूषण के और भी लाखों कारण है।आज के समय में जहां जागरूकता और बीमारियां इतनी ज्यादा बढ़ गई है ऐसे में लोग छोटी छोटी चीजों पर लड़ पढ़ते हैं। उस लड़ाई में होने वाले शोर शराब उसे आस-पड़ोस को जो तकलीफ होती है वही ध्वनि प्रदूषण है। यह केवल हमारी लड़ाई झगड़े से होने वाला नहीं है घर के बाजू से निकलती हुई गाड़ियां भी बहुत तकलीफ देती है।

एशिया महाद्वीप में ऐसे लाखों राज्य है जहां पर ध्वनि प्रदूषण के कारण लोग गंभीर संभावनाएं हो गई है। यदि हम अभी भी कोई हल्ला शोर शराबा सुन लेते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उठने वाले गुस्से को काबू करना हमारे बस में नहीं रहता। सोचिए यदि ऐसी चीजों से हम बीमार होने लग जाए तो क्या ही होगा? हां जरूरी नहीं है कि हम शांति रह पाए हो सकता है कि हम भी उन्हीं की तरह लड़ने झगड़ने लग जाओ और ध्वनि प्रदूषण के लिए एक और मोहरा बन जाए । ध्वनि प्रदूषण एक शोर से मिली हुई परेशानियों (Essay on Noise Pollution in Hindi) की अंकसूची है जिससे लोगों को तकलीफें और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नाइस पोल्यूशन (ध्वनि प्रदूषण)का केहर:-

यदि हम जानकारियों के द्वारा ध्वनि प्रदूषण की गणना देश-विदेश में करने लग गए तो लाखों की तादात में लोग इसके वजह से परेशान और बीमार पड़ जा रहे हैं। बीमार सुनकर सबके मन में यही उठता होगा कि ध्वनि से कौन बीमार हो सकता है? परंतु इसका उत्तर भी बहुत ज्यादा कठिन नहीं है रोज-रोज की होने वाली खेती और शोर-शराबे से किसी भी इंसान की ब्रेन की नसों में सूजन या रक्त की धारा बढ़ने की वजह से दिल की धड़कन बढ़ सकती है। यदि कोई हार्ड का पेशेंट (Essay on Noise Pollution in Hindi) है तो उसके लिए तो ध्वनि मानो जहर समान है। ऐसे में इन सब हानिकारक चीजों के लिए ही ध्वनि को प्रदूषण में परिवर्तित किया गया है। वर्तमान समय में नई-नई गाड़ियों का शौक चल रहा है लोगों को। परंतु गाड़ियों से निकलने वाली आवाज में मस्तिष्क के आर पार हो जाती है जिस कारण व्यक्ति को अंदर से एक किशोर देने वाली असमिया ध्वनि का सामना करना पड़ता है।

ध्वनि प्रदुषण के कारण:-

ध्वनि प्रदूषण के तो लाखों करोड़ों कारण है परंतु जो हम अपने रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे ज्यादा दिखते हैं वह हैं:- घर के बाहर होने वाली लड़ाई झगड़े, आवाज करती वाहनों का तेजी से गुजर जाना, किसी शीशे या बोतल का टूटना, बेवजह की बातें और हंसना, आदि। हम अगर इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे तो और भी न जाने कितने कारण उत्पन्न हो जाएंगे। ज्यादातर हम अपनी जिंदगी में उन चीजों का सामना करना पड़ता है जिन चीजों से हमें हद से ज्यादा परेशानी होती है। आजकल के आधुनिक जमाने में लोग नई नई चीजों को अपना पेशा बनाने की जिद पर अड़े हैं। ऐसे में नई-नई गाड़ियों का आविष्कार जो कि बिना साइलेंसर की चलाई जाती है उससे निकलने वाली आवाज नहीं मानो एक तीर का काम करती है। जरूरी नहीं है कि कोई यदि अपनी गाड़ी की आवाज ही सुना दे तो वह अमीर या लुभा वर्क लगे। उसको नहीं पता कि वह क्या गलती कर रहा है परंतु यदि हम उसे बताना चाहते हैं तो वह हमें ही मूर्ख समझता है। इन्हीं सब कारणों की वजह से ध्वनि प्रदूषण आज एक बड़े भयानक दानव का रूप लेकर के हमारे शहरों को निकलने आ रहा है।

ध्वनि प्रदूषण से होने वाली बीमारियां :-

ध्वनि प्रदूषण वैसे तो बहुत छोटा शब्द है परंतु इससे होने वाली बीमारियां बहुत गंभीर और जानलेवा है। ध्वनि प्रदूषण से हमें बहुत प्रकार की परेशानियां और बीमारियां हो सकती है जैसे कि अधिक शोर के कारण सिरदर्द, थकान,अनिद्रा,श्रवण क्षमतामें कमजोरी पड़ना, उत्तेजना,आक्रोश चिर्चिरापं आदि बीमारियां हो सकती है।ध्वनि प्रदूषण के कारण उपापचयी प्रक्रियाओ में भी बाधा आती है ।हार्मोन की गति भी बढ़ जाताहै जिससे नसो में कोलेस्ट्रोल का जमाव होने लगता है। इससे काम करने की क्षमता कम हो जाती है।

ऊपर बताए गई परेशानियां तो केवल मानव शरीर की परेशानियां परंतु इससे और भी घर और जगहों को भी दिक्कत होती है जैसे कि तेज आवाज से दीवारों में दरार पड़ जाना। बड़े-बड़े चट्टानों का खिसकना। और तो और जमीन का बीज से फट जाना। यह सब ही ध्वनि प्रदूषण के खामियां हैं।

ध्वनि प्रदूषण से बचाव:-

ध्वनि प्रदूषण वैसे तो एक ऐसी आक्रमक शैली है जिसके अंदर ऐसी ध्वनियां प्रस्तुत होती हैं जो व्यक्तिगत जीवन को बहुत प्रभावित करती है। इससे बचने का सही और सटीक उपाय यदि किया जाए तो हम ध्वनि प्रदूषण के चपेट में आने से बच सकते हैं। इसके बचाव के लिए हमें सबसे पहले जो फैक्ट्री और इंडस्ट्रीज हमारे घर के आमने सामने रहते हैं उसे किसी ऐसे इलाके में बनाना चाहिए जहां जनजीवन कम है। पेड़ों को काटना या गोलियों की आवाजों को उन्हीं जगह पर उपयोग करना चाहिए जहां पर उसकी अधिकतम जरूरत है। गाड़ियों को साइलेंसर रही थी चलाना चाहिए अथवा यदि कोई मानवीय परेशानी है तो उसे प्यार से और आराम से बात करके सुलझा लेना चाहिए। इन सब के परिवर्तित होने से परेशानिया और बीमारियां कम से कम हो सकती है।

ध्वनि प्रदूषण कैसे तो लाखों कारण है परंतु इससे होने वाली परेशानियां भी गंभीर है अगर इसको हम नजरअंदाज करते रह गए तो 1 दिन या जानलेवा और घातक हो जाएगी।ध्वनि प्रदूषण से बचना या उस को बढ़ाना हमारे हाथ में हैं यदि हम सब मिलकर ध्वनि प्रदूषण का विरोध करने लग गए थे एक दिन इसका कहर कम हो जाएगा।धीरे-धीरे खत्म होने वाली ध्वनि प्रदूषण को दिन प्रतिदिन बढ़ाए जाने से हमारे लिए या और भी ज्यादा वितरा (Essay on Noise Pollution in Hindi) और घातक हो रहा है।इसे बचाओ केवल और केवल मानव जाति के हाथ में है और यदि हमने इसे हल्के में ले कर छोड़ दिया तो 1 दिन ऐसा आएगा जिस दिन ध्वनि प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों की तादाद हजारों में दिखेगी। इसीलिए ध्वनि प्रदूषण का खात्मा और इस को बढ़ाना हमारी समझदारी का परीक्षण होगा।