देखा जाए तो विदेशों की तुलना में हमारे भारत देश में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है। लोग शहरीकरण को अपनाने के लिए ग्रामीण जीवन व गांव को छोड़कर शहरों में बस्ते जा रहे हैं। और वे अपनी सुख-सुविधाओं के लिए वातावरण की चिंता ना करते हुए प्रदूषण के स्तर को बढ़ाते जा रहे हैं। और पेड़ पौधों को बिना सोचे समझे काटते जा रहे हैं जिसके कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि होते जा रहा है। वैसे तो प्रदूषण बहुत प्रकार के होते हैं जैसे कि वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण, साउंड प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण (Essay on Plastic Pollution in Hindi) इत्यादि। परंतु आज हम देश में बढ़ते जा रहे प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जानेंगे, लोग किस प्रकार अपनी सुविधा के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं उसके बारे में जानेंगे। तो आइए हम प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण क्या है:-
प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन काफि तेजी के साथ पृथ्वी पर बढ़ते जा रहा है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का जमीन या जल में इकट्ठा होना ही प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। प्लास्टिक पदार्थों से उत्पन्न होने वाले खचरों का निस्तारण बहुत ही कठिन से होता है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का महासागर, समुद्र,व नदियों में इकट्ठा होने के कारण जल प्रदूषण का स्तर भी बढ़ते जा रहा है। लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों जैसे -प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक बर्तन, प्लास्टिक फर्नीचर ,इत्यादि के इस्तेमाल के कारण प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) के कचरे का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। लोगों की इन लापरवाही के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसे समस्याओं का स्तर भारत में बहुत तेजी के साथ बढ़ते जा रहा है। पृथ्वी को प्रदूषित करने में प्लास्टिक के साथ-साथ लोगों का भी अहम योगदान है। और यह दिन प्रतिदिन एक वैश्विक चिंता का विषय बनते जा रहा है।
प्लास्टिक का प्रयोग दैनिक जीवन में किस प्रकार बढ़ते जा रहा है:-
भारत जहां एक ओर तरक्की के साथ-साथ नए-नए आविष्कार कर के देश का नाम रोशन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर लापरवाही करके बाकी देशों से अपने देश को पीछे करते जा रहा है। आजकल के लोगों को अपनी सुख-सुविधाओं के अलावा और कुछ दिखाई हि नहीं देता। वे अपनी सुख-सुविधाओं के चलते प्लास्टिक का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं। आज के युग में प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक अहम हिस्सा कायम कर चुका है। लोगों को मानो जैसे प्लास्टिक की चीजें इस्तेमाल करने की आदत सी हो गई है। आज के युग में हर एक व्यक्ति प्लास्टिक का किसी ना किसी रूप में उपयोग कर रहा है। जिसके कारण प्लास्टिक की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है ।
प्लास्टिक यानी कि पॉलीमर यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि बहुत ही हल्का होता है, टिकाऊ होता है ,और हर मौसम को सहने में सक्षम होता है, और यह बहुत ही सरलता से उपलब्ध किया जा सकता है, और यह बहुत कम दाम में मार्केट में बिकता है, और प्लास्टिक को बड़ी सरलता के साथ किसी भी रूप में ढाला जा सकता है। इसी कारण प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण जगह बना चुका है। प्लास्टिक का प्रयोग लगभग देश के सभी लोग अपने दैनिक जीवन में जाने -अनजाने में किसी ना किसी रूप में करते रहे हैं। जो कि वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। लोग प्लास्टिक की चीजे जैसे -पॉलिथीन ,पैकेजिंग, प्लास्टिक की थैली ,प्लास्टिक की बोतल, इत्यादि जैसे चीजों का इस्तेमाल करते हैं। और लोग इन प्लास्टिक से बने चीजों का एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं और फिर यही प्लास्टिक की चीजें कचरे के रूप में इकट्ठा होकर भूमि तथा समुद्र को दूषित करता है। प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) एक ऐसा पदार्थ है जो कि कभी नष्ट नहीं होता है इन्हे नष्ट होने में बहुत वर्ष लगता है। इसीलिए यह पृथ्वी और पृथ्वी के लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।
प्लास्टिक का प्रकार:-
वैसे तो प्लास्टिक कई प्रकार की होती हैं परंतु मुख्यता इन्हें दो प्रकार का माना जाता है।
1. थर्मोप्लास्टिक
2. थर्मोसेटिंग
1. थर्मोप्लास्टिक:- थर्मो प्लास्टिक वो प्लास्टिक होता है जिन्हें गर्म करके विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है। इसे रिसाइकल करके अलग-अलग तरह के चीजें बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है जैसे की प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के खिलौने, प्लास्टिक के थैले, इत्यादि।
2. थर्मोसेटिंग:- थर्मोसेटिंग वह प्लास्टिक होती है जो गर्म होने पर सेट हो जाती है और ठोस पदार्थ बन जाती है ।इस प्लास्टिक का इस्तेमाल अक्सर ठोस पदार्थ बनाने में किया जाता है। जैसे यूरिया, फॉर्म एल्डिहाइड ,और पॉली यूरिथेन आदि।
लोगों की उपयोगिता के आधार पर भी प्लास्टिक को दो भाग में बांटा गया है।
1. कम घनत्व वाले प्लास्टिक , 2. उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक
लोग अपने जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल बड़ी सरलता के साथ कर रहे है ।इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनिया प्लास्टिक का निर्माण दिन प्रतिदिन तेजी के साथ करते जा रहे है। लोग अक्सर घरों में छोटे-छोटे कामों के लिए कम घनत्व वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं यह एक ऐसा प्लास्टिक है जो कि हल्की हल्की चीजों को उठाने में काम आते हैं। और इनका उपयोग ज्यादातर मार्केट में किया जाता है ।और इस प्रकार के प्लास्टिक का इस्तेमाल लोग अपने जीवन में ज्यादा करते हैं।
उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक होते हैं जो कि किसी भी ठोस पदार्थ का निर्माण करने में काम आते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी इस्तेमाल लोग अपने जीवन में करते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी एक महत्वपूर्ण जगह लोगों के जीवन में है।
उपसंहार:-
जिस प्रकार लोग अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं उस प्रकार से इस पृथ्वी का जीवन बहुत ही छोटा होता जा रहा है। प्रदूषण मानव जीवन के लिए बहुत हानिकारक है इस बात से सभी लोग भलीभांति परिचित हैं फिर भी लोग अपनी सुख-सुविधाओं को ज्यादा महत्व देते हुए प्लास्टिक जैसी चीजों का इस्तेमाल करके पृथ्वी को दूषित कर रहे हैं जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। लोग एक बार प्लास्टिक का इस्तेमाल करके उन्हें इधर-उधर फेंक देते हैं और वह कचरे के रूप में इकट्ठा होकर समुद्रों में जाकर जल को दूषित करती है।
इसीलिए लोगों को प्लास्टिक के कचरो को डस्टबिन में डालना चाहिए क्योंकि इन प्लास्टिक की चीजों को रिसाइकल करके हम इस्तेमाल कर सकते हैं ।भारत सरकार द्वारा ऐसे बहुत से कई सारी संस्थाएं बनाई गई है जो कि लोगों को प्लास्टिक के प्रदूषण के प्रति जागरूक करके प्लास्टिक के पदार्थ (Essay on Plastic Pollution in Hindi) का कम इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। परंतु यदि हमें प्रदूषण को कम करना है तो हम सब को मिलकर लोगों को प्लास्टिक से हो रहे घातक बीमारियों तथा असुविधा के बारे में बताते हुए जागरूक करना होगा ।तभी हम एक स्वच्छ भारत का निर्माण कर पाएंगे और हमारे आने वाले पीढ़ियों को इसका लाभ मिल पाएहैं।