Home निबंध Essay on Poverty in India in Hindi

Essay on Poverty in India in Hindi

भारत में जिस प्रकार आबादी बढ़ती जा रही है उसके साथ साथ बहुत जगह गरीबी भी बढ़ती जा रही है। प्रदेश में गरीबी पढ़ना देश के विकास में बाधा साबित हो रही है। और दूसरे देशों के मुताबिक भारत में गरीबी बहुत ज्यादा है। गरीबी जीवन की एक भयावह समस्या है, इस समस्या को दूर करने के लिए विश्व भर में कई सारे प्रयास किए गए है परंतु ये समस्या दूर नहीं हो रही है। आज भी हम रास्ते में निकले तो ऐसे कई सारे गरीब हमें दिख ही जाते है जो  अपना जीवन सड़क पर व्यतीत कर रहे हो । गरीबी बहुत ही गंभीर परिस्थिति है जो कि एक व्यक्ति और उसके पूरे परिवार का भविष्य खराब कर के रख देती है। गंभीरता से देखे तो गरीबी लोगो को अंदर से खोखला बना कर रख देती है जीवन चर्या को जीने का कोई सहारा ही नहीं बचता, फिर भी वह जैसे तैसे अपना दिन काट ही लेते है। दिन ब दिन जिस प्रकार अमीर व्यक्ति अपने स्वार्थ से सिर्फ अपना विकाश कर रहा है, वही देश में गरीबी विलुप्त होने का नाम नहीं ले रही। गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या बनकर देश के सामने खड़ी है।

गरीबी क्या है?

भारत देश में लोगो की गरीबी एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें उन्हें उनकी जरूरतों का सामान भी प्राप्त नहीं हो पाता। रहने के लिए छत तो दूर की बात है उन्हें दो वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं होती । गरीबी में व्यक्ति हर चीज़ से वंचित हो जाता है, जिस उम्र में बच्चे को शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए उस उम्र में वह घर-घर भटक के दो वक़्त के खाने का इंतजाम करते रहते है, क्युकी जीवन में कुछ मिले या ना मिले खाने कि भूख तो अमीर और गरीब दोनों को ही होती है। गरीबी लोगो को मानसिक और शारीरिक दोनों रुपो से अधूरा छोड़ देती है, दवाई और टीका जो सभी के स्वस्थ के लिए समय पर लेना जरूरी होता है वो उन्हें नहीं मिल पता और उन्हें गरीबी के साथ साथ कई सारे बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस निर्धनता में अगर व्यक्ति को एक दिन पेट भर के खाना मिल जाए तो उसे वो बहुत बड़ी खुश नसीबी समझते है। रहने के लिए छत ना होने के कारण उन्हें फुटपाथ में ही सोना पड़ता है। फुटपाथ पर सोना उन व्यक्तियों के लिए घातक भी साबित हो जाती है क्युकी मेन रोड से आने जाने वाली गाड़ियों का संतुलन बिगड़ने से गरीबी की जान भी चली जाती है। यह समस्या  दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और देश की आर्थिक व्यवस्था में हानि का कारण बनती जा रही है।

गरीबी बढ़ने के कारण:-

भारत में गरीबी बढ़ने के कई सरे कारण है। इन्हीं कारणों से गरीबी बढ़ती जा रही है और रुकने का नाम नहीं ले रही। गरीबी बढ़ने के बहुत से कारण है जैसे –

  • भारत की जनसंख्या का दिन प्रतिदिन बढ़ना भी गरीबी का कारण बन गया है। हर व्यक्ति को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए नौकरी या काम की जरूरत पड़ती है।  भारत देश में जनसंख्या के कारण सभी की नौकरी नहीं मिल पाती और नौकरी ना मिलने के कारण गरीबी बढ़ने लगती है।
  • देश की आर्थिक स्थिति खराब होने से भी गरीबी बढ़ जाती है। पैसे की कमी होना गरीबों में अनिवार्य सा होगया है।
  •  दैनिक जीवन को व्यतीत करने के लिए जरूरतों का पूरा नहीं होना जैसे भोजन पानी , कपड़ा ,दवाइयां और मकान इस सब की कमी के कारण भी गरीबी कई हद तक बढ़ जाती है।
  • भारत देश में कृषि का बहुत महत्व है परंतु किसानों की आर्थिक व्यवस्था खराब होने के कारण उनका काम रुक जाता है। वैसे तो किसानों की जिंदगी बहुत ही साधारण होती है सिर्फ खाने के लिए खाना मिल गया वही बहुत है। परंतु कृषि का काम रुक जाने से उनके पास कोई काम नहीं बचता और उनकी स्थिति गरीबी में बदलने लगती है।
  • लोगों का शिक्षित होना भी गरीबी का एक कारण बन गया है। शिक्षा से ही काम मिलता है हर क्षेत्र में शिक्षा का महत्व है परंतु जिन व्यक्तियों को शिक्षा प्राप्त नहीं होती उन्हें काम नहीं मिलता  और इस कारण उन्हें गरीबी का सामना करना पड़ता है।

भारत में गरीबी को खत्म कैसे किया जाए :-

भारत में गरीबी जिस प्रकार बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए इसे खत्म करने का उपाय भी हमें सोचना पड़ेगा। गरीबी को खत्म करने के कई सारे उपाय हैं जैसे –

  • भारत में जनसंख्या को नियंत्रण करने से भी गरीबी काम होगी। जनसंख्या को नेतृत्व विकास के लिए जो लोग बढ़ावा देते हैं उन सब पर रोक लगाया जाए ।
  • भारत देश में रोजगार के अवसर को बढ़ाने से हर व्यक्ति को रोजगार मिल सकेगा और उससे गरीबी कम होगी और देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी सुधारों होगा ।
  • विदेशी लोगों को आमंत्रित करने से भी देश का आर्थिक स्थिति सुधरेगी पर यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, दूसरे देशों के साथ रोजगार करने में देश का भी फायदा होगा।
  • गरीबों के लिए नई नई स्कीम निकालकर राज्यों के साथ मिलकर गरीबों को रियासत देना चाहिए।भ्रष्टाचार और राजनीति को गरीबों से दूर रख कर उन पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
  • भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कम से कम रुपए में खाद्य पदर्थों गरीबों के लिए होनी चाहिए जिससे उन्हें दो वक्त की रोटी में सके और वह अपना काम बहुत ही अच्छे से करें और उन्हें रोजगार प्राप्त हो ।
  • सिर्फ मध्यम और उच्च वर्ग को ना देखते हुए गरीबों की भी मदद की जानी चाहिए। जिसे देश की गरीबी मिटेगी और हर किसी के पास खाने के लिए दो वक्त की रोटी मिल सकेगी।

निष्कर्ष:-

गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका सामना नीचे वर्ग वाले लोगों को बहुत करना पड़ता है। गरीबी के कारण लोगों की अर्थव्यवस्था बहुत ही बिगड़ जाती है उन्हें दो वक्त का खाना नहीं मिलता किसी तरीके से आधे पेट उन्हें सो जाना पड़ता है, पहनने के लिए कपड़े नहीं रहते एक कपड़े में ही वह अपनी पूरी जिंदगी गुजार लेते हैं, रहने के लिए छतरी होते हैं आधा जीवन तो वह सड़क पर ही गुजार देते हैं, उन्हें सही समय पर शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती जिसके कारण रोजगार भी उन्हें नहीं मिल पाता। राजनीति तौर पे गरीबों को दूर करने के लिए नेताओं को आगे आना पड़ेगा तब जाकर गरीबी को खत्म किया जा सकता है। भारत देश में जनसंख्या बढ़ने के कारण गरीबी की भी  ऊंचे स्तर में वृद्धि होती जा रही है।