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Essay on Republic Day | Gantantra Diwas Par Nibandh | गणतंत्र दिवस पर निबंध

gantantra diwas par nibandh

Essay on Republic Day : देश मे हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है, इसलिए इस दिन देश भर में राष्ट्र से संबंधित कार्यक्रम किये जाते हैं। गणतंत्र दिवस के अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भी एक राष्ट्रीय पर्व है। राष्ट्रीय पर्व होने के कारण 26 जनवरी को पूरे देश मे अवकाश रहता है। हर कोई बस देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहता है।

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Table of Contents

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (250 Words)

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस, देश मे गणतंत्र लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को देश का गणतंत्र लागू हुआ था। ठीक इसी दिन देश मे गणराज्य लागू हुआ था।

इसी वजह से हर साल इस दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के पीछे का इतिहास.

देश जब आजाद हुआ था तो देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि वह किस तरह से अपनी शासन व्यवस्था संभालेगा। इसी चिंता को दूर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉ भीम राव अम्बेडकर को बनाया गया था।

भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में इस कमेटी ने एक ड्राफ्ट प्रस्तुत किया, जिसके बाद आखिर में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन के बाद संविधान बनकर लागू हुआ।

उपसंहार

गणतंत्र दिवस का उत्सव पूरे देश मे काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी स्कूल कॉलेज में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें स्कूल के बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, और पूरे उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (300 Words)

देश का संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। सभी देशवासी इस दिन पूरे उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।

देश भर में इस दिन अवकाश रहता है। 26 जनवरी को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। सभी विद्यालयों में, कॉलेज में और सरकारी कार्यालयों में इस दिन ध्वजारोहण किया जाता है।

दिल्ली में होती है परेड.

26 जनवरी का सबसे आनंद दिल्ली में मिलता है क्योंकि यहाँ देश की सेना के तीनों अंग राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। देश की सेना के साथ साथ NCC और पुलिस के जवान भी इस दिन परेड में हिस्सा लेते हैं।

सेना के तीनों अंग विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक परेड करते हैं। लालकिला में देश के प्रधानमंत्री के भाषण भी ईद दिन आकर्षण का केंद्र होता है।

सेना के परेड में जल सेना, थल सेना और वायु सेना तीनो शामिल होती है, जिसमे वायु सेना कई तरह के करतब दिखाती है।

इस परेड का सबसे ज्यादा आकर्षण होते हैं सेना के वो जवान जो बाइक में तरह तरह के करतब दिखाते हैं। ये करतब कुछ इस तरह के होते हैं कि देखने वाला यकीन नही कर पाता।

इन सबसे अलावा इस परेड में सेना अपने आधुनिक हथियारों, मिसाइल ले साथ साथ सेना से जुड़े विभिन्न तरह के हथियारों का प्रदर्शन करती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम.

सांस्कृतिक कार्यक्रम भी 26 जनवरी के एक मुख्य हिस्सा होते हैं। परेड में हर राज्य की संस्कृति से जुड़ी कुछ झाकियां निकाली जाती है। स्कूलों में भी कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाये जाते हैं।

उपसंहार.

देश का यह पर्व सही मायनों से देश की विविधिता में एकता को पूरे तरीके से दिखाता है। इस दिन दुनियाँ भी देखती है कि भारत अंदर से कितना मजबूत और समृद्ध देश है। देश की आन,बान और शान पर कोई खतरे के सामने हमारी सेना कितनी पराक्रमी है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (400 Words)

जैसा कि आप सभी को पता है कि भारत का संविधान 14 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था लेकिन इसे लागू किया गया 26 जनवरी 1950 को इसी दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप रूप में मनाया जाता है।
अगर हम गणतंत्र का शाब्दिक अर्थ निकाले तो वो होता है समूह के द्वारा,समूह के हित मे,समूह का शासन।

क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस-

चूंकि जनता को अगर शांतिपूर्वक कहीं रहना है तो उनकी सहूलियत के लिए कानून बेहद जरूरी है वैसे ही भारत जब आजाद हुआ तो विद्वानो ने विचार किया कि कानून होना चाहिए और कई वर्षों की मेहनत के बाद संविधान कमेटी ने कई देशों से अच्छे नियमो को लेकर और अपने स्वमं के कुछ नियमों को मिलाकर एक शक्तिशाली कानून का निर्माण किया और इसे लागू किया,जिस दिन ये लागू हुआ तब से उस दिन को यादगार बनाने के लिए 26 जनवरी(जब देश का कानून लागु हुआ) को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे।

भारत मे किस तरह मनाते है गणतंत्र दिवस-

गणतंत्र दिवस जो कि भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण ये सभी को बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि बिना नियम के कोई कार्य हो तो सकता है मगर ठीक ढंग से नही हो सकता।
चूंकि यह एक राष्ट्रीय त्यौहार भी है तो आम लोग इसे अपने हिसाब से भी मनाते हैं और सारे सरकारी संस्थाओं में इस राष्ट्रीय त्यौहार के दिन झंडा रोहन के साथ-साथ मिठाईयां बांटकर आपस मे बधाई भी दी जाति है,स्कूल और कॉलेजों में बच्चो के द्वारा हमारे पूर्वजों के बलिदानों को यादकर उनकी झांकिया निकाली जाती है और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है।

दिल्ली में इस दिन क्या होता है खाश-

चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है और गणतंत्र दिवस सम्पूर्ण भारत का राष्ट्रीय त्यौहार तो दिल्ली में इस त्यौहार को बहुत ही अलग अंदाज से मनाया जाता है दिल्ली का इंडिया गेट रात 12 बजे से ही तिरंगे को रौशनी से जगमगा उठता है और 26 जनवरी की सुबह के बाद भारतीय सैनिकों की परेड शुरू होती है जो राष्ट्रपति हाउस से राष्ट्रपति जी को सलामी देने से शुरू होकर लालकिले तक होती है,परेड के बाद तीनों सेनाओं के द्वारा तैयार किए गए अपने-अपने करतब दिखाए जाते हैं जो बाकई बहुत खूबसूरत होते है,कोई बाइक पर स्टंड करता है तो कोई खुले आसमान में अपने रॉकेट के पंखों को फैलाकर करतब दिखाते नजर आते हैं।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (500 Words)

गणतंत्र शब्द के शाब्दिक अर्थ को निकाले तो इसका मतलब है जनता के द्वारा,जनता का शासन,लेकिन क्या आपको पता है कि कैसे हमे गणतंत्र बनाने के लिए कितने लोगों ने कितना समय ,मेहनत ,और दिमाग लगाया होगा तब कहीं जाकर 2 साल ,11 माह और 18 दिन में बन पाया और 26 नबम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा स्वीकारा गया लेकिन लागू हुआ था 26 जनवरी 1950 को इसी दिन को आज भी सभी आदर भाव से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है।

बच्चे कैसे मनाते है गणतंत्र दिवस-

सभी स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय त्यौहारों को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और जिसमे बच्चे बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है और तरह-तरह की देशभक्ति झांकियों के द्वारा पूर्वजो के बलिदान को याद करते है,झंडा रोहण भी होता है,कई देशभक्ति गीत , कहानियां ,होते है और इसके पश्चात भाषण भी होते है जहाँ स्कूल के अध्यापक और आए हुए मेहमान बच्चो में राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान की बात करते है और अंत मे बच्चों को मिठाईयां वितरित की जाती हैं।

सरकारी कार्यालयों में गणतंत्र दिवस –

सरकारी कार्यालयों में भी गणतंत्र दिवस को विशेष सम्मान देकर मनाया जाता है जहां कर्मचारी और बड़े अधिकारी मिलकर झंडा रोहण करते है और बाद में मिठाईयां बांटकर एक-दूसरे को आपस मे बधाई देते है कार्यलयों में भी छोटे कार्यक्रमों का आयोजन होता है जहां देशभक्ति पर सभी के के विचार रखे जाते है।

होती है प्रतियोगिताएं-
इस दिन तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है और उन्हें सम्मानित किया जाता है साथ मे शहीद हुए सैनिकों के बलिदानों को याद किया जाता है,साथ मे सैनकों को पुरुस्कृत भी किया जाता है।

सैनिकों के द्वारा गणतंत्र दिवस-

गणतंत्र दिवस पर अलग तरह के कार्यक्रमो के साथ सैनिकों के भी एक विशेष कार्यक्रम होता है जिसे देश विदेश से मेहमानों को बुलाया जाता है,सैनिकों के द्वारा की जाने बाली परेड जिसका मुख्य केंद्र है,विदेशियों के साथ-साथ देश के कोने-कोने से लोग इस परेड को देखने आते हैं,यहां भारतीय सेना के द्वारा उनके पास की ताकतों जैसे तोपें ,बंदूकें ,लडांकू विमानों के द्वारा अपनी ताकत दिखाई जाती है,जहाँ मोटरसायकल स्टंड से लेकर आसमान में हैरतअंगेज कारनामे कर के दिखाए जाते है इसके लिए विशेष टीमें आती हैं।

जनगण मन का उच्चारण-

देश को सम्मान देने के लिए सरकारी, गैरसरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में देश के राष्ट्रगान जनगण मन का उच्चारण किया जाता है जहां सभी सम्मान सहित देशभक्ति को महत्व दिया जाता है।

हमे क्या करना चाहिए गणतंत्र दिवस पर-

क्योंकि गणतंत्र भारत हमारे लिए ही है जहां हमे ही हमारे भारत को सम्मान देना होगा कोई भी राष्ट्रीय पर्व को हमे पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाना चाहिए क्योंकि यही वो दिन है जब हम हमारे देश के पूर्वजों और सिपाहियों के बारे में हमे जानने को मिलता है।
हमे हमारे कानून के हिसाब से आजादी और बराबर सम्मान दिया गया है तो हमारा भी फर्ज है कि हम उस दिन को बेहद खाश बना दे जब हमारे देश का कानून ,हमारा संबिधान हमें मिला।

गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (Gantantra Diwas Par Nibandh)  –  Essay on Republic Day (600 Words)

भारत में दो राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं जिनका नाम गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस है। दोनों की अहमियत हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है भारत को आजाद कराने के लिए न जाने कितनी कुर्बानियां दी गई है ऐसे कई क्रांतिकारी तथा आंदोलनकारी ने मिलकर इस भारत का निर्माण किया है। हमारे देश में जितने धूमधाम से 15 अगस्त मनाया जाता है उतनी ही धूमधाम से 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस भी मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है

जब भारत आजाद हुआ था तब यहां पर किसी प्रकार के कानून तथा नियम की व्यवस्था नहीं थी आज सभी नागरिकों को समान अधिकार भी नहीं था। 26 जनवरी 1950 को ही भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाया गया परंतु भारत के पास इतने बड़े राष्ट्र को चलाने के लिए तथा एक सूत्र में बांधने के लिए किसी प्रकार के कानून तथा नियमावली नहीं थी, तब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान का निर्माण किया गया यह संविधान 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ तथा पूर्ण स्वराज्य की प्रतिज्ञा ली गई इसीलिए 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में दिल्ली की परेड

भारत में जितनी विविधता दिखती है उतनी ही ज्यादा एकता भी है यह एकता 26 जनवरी के दिन दिल्ली में स्थित लाल के लिए के भव्य आयोजन में दिखाई देती है। दिल्ली की परेड पर देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर होती है उस दिन भारत अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन करता है। जिसमें सैन्य बल तथा अस्त्र शस्त्र झांकी में शामिल किया जाता है। इसे देखने के लिए दुनिया भर के लोग राजपथ में इकट्ठे होते हैं। यह परेड इंडिया गेट से शुरू होकर दिल्ली के लाल किले में समाप्त होती है इस परेड के अध्यक्ष भारत के राष्ट्रपति होते हैं। यह परंपरा 1950 से ही चालू है इस परेड में आर्मी बैंड के साथ साथ NCC तथा NSS कैडेट्स भी शामिल होते हैं।

ध्वजारोहण

दिल्ली के लाल किले में भारत के तमाम बड़े नेता तथा दिग्गज हस्तियां शामिल होती है राष्ट्रपति के दोनों और लोगों की बैठने की व्यवस्था की जाती है उस दिन प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री तथा गृह मंत्री यह सभी राष्ट्रपति का इंतजार करते हैं। राष्ट्रपति अपने राष्ट्रपति भवन से काफिले में निकलते हैं और दिल्ली के लाल किले में पहुंचकर ध्वजारोहण करते हैं साथ ही राष्ट्रगान शुरू होता है राष्ट्रपति महोदय को परेड सलामी देती है।

संस्कृति की झलक

यह ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसमें भारत के कोने-कोने से लोग इस पर्व का हिस्सा बनते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा संगीत आदि के द्वारा इसे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिल्ली में राष्ट्रपति के सामने भारत के राज्य अपनी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं और स्कूली बच्चे इसमें नृत्य तथा संगीत में भाग लेते हैं। इस पर्व को 1950 से लेकर अब तक एक ही तरीके से मनाया जाता है। इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाता इस पर्व को मनाने के लिए साल भर इंतजार करते हैं और विभिन्न राज्यों की संस्कृति और कला को देखने के लिए लोग दिल्ली में छटा होते है।

गणतंत्र दिवस का प्रसारण

जैसा कि हम सब जानते हैं दूरदर्शन हमारा राष्ट्रीय चैनल है जो 15 अगस्त और 26 जनवरी के प्रसारण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उस दिन दूरदर्शन की टीम दिल्ली के लाल किले से लेकर राजपथ तथा इंडिया गेट तक अपने कैमरा मेन के साथ अलग अलग रखें कैमरा स्थापित करते हैं साथ ही राष्ट्रपति भवन में भी उनकी एक टीम भेजी जाती है जो राष्ट्रपति के आगमन से लेकर ध्वजारोहण और सलामी तक का प्रसारण करते हैं।

हमारे पूर्वजों ने इस दिन का बड़े लंबे समय से इंतजार कर रहे थे और न जाने कितने क्रांतिकारियों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए शहीद हो गए उनको ध्यान में रखती थी। हम सब को यह वादा करना चाहिए अपने देश के संविधान की सुरक्षा तथा शांति के लिए हम निरंतर प्रयास करें और देश के विकास के लिए हमेशा सरकार का सहयोग करें।