भारत में ऐसे बहुत सारे सामाजिक मुद्दे है जो देश को प्रभावित कर रहे है। सबसे बड़ी समस्या जो देश के विकाश में बाधा डाल रही है जैसे बेरो़गारी, भ्रष्टाचार ,जनसंख्या ,गरीबी ,प्रदूषण ,जातिभेद और दहेज आदि जैसी समस्या जो आज आपको हर क्षेत्र में देखने को मिल जाती है। बदलते समय के साथ हर चीज बदलती जा रही है पर ये सामाजिक मुद्दे में सुधार आज भी नहीं देखने को मिलता। और बाहरी देशों के मुताबिक भारत में ये समस्या बढ़ती ही जा रही है। भारत में कई क्षेत्रों में आज भी महिलाओ को पुरुष के बराबर नहीं समझा जाता इसका कारण लोगो की मानसिकता हो सकती है।देश के लोगों में अगर सुधार आजाए तो कल हमारा देश और भी ज्यादा विकसित होगा और हैं गर्व से कह सकेंगे कि हम इस देश के वासी है।
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सामाजिक मुद्दे क्या है ?
जब देश में कोई भी विशिष्ठ समस्या उत्पन्न होकर हर क्षेत्र में फैल जाती है और अधिकाश हर सदस्य इसे अवांछित आपत्तिजनक मान लेते है तो ये सामाजिक मुद्दा केहला जाता है। भले ही देश के निवासी शिक्षित ही क्यों ना हो वहां कोई ना कोई ऐसा मुद्दा आही जाता है जो देश के विकाश को बाधित कर देता है। देश का कोई भी मुद्दा सामाजिक समस्या नहीं बनता जब तक देश के अधिकतम नागरिक इसे गलत ना समझे। भारत के इतिहास में ऐसे कई सारे समस्या है जिन्हें हटाने के लिए कई बड़े महान पुरुषों ने बहुत सारे संविधान को बनाया परंतु देश की राजनीति और समाज की जनता के कारण आज भी देश में सामाजिक समस्या बनी हुई है। सामाजिक समस्या सबसे ज्यादा देश के विकास में बाधा डालती है।
सामाजिक समस्या किस प्रकार से उत्पन्न हुए :-
भले ही आज के समय में आपको ये समस्या काम देखने को मिलेगी परंतु अगर हम अपने इतिहास पर नजर डाले तो ये बहुत बड़े मुद्दे का कारण बन सकता है। मुद्दे सिर्फ जानता या लोगो के सोच पर ही निर्भर नहीं करता ये राजनेताओं की राजनीति पर भी निर्भर करता है। जनता वहीं करती है जो राजा चाहता है। राजा चाहे तो इस अपनी प्रजा के मदद से पूरे देश को विकाश की ओर बढ़ा सकता है और चाहे तो पूरे देश को बर्बाद कर सकता है। मतदान देते वक़्त जानता यही चाहती है कि आने वाला नेता उनके और देश के कल्याण के बारे में सोचेंगे, परंतु नेता राजनीति में भ्रष्टाचार के मुद्दे लेकर अपनी जनता को इसका शिकार बना देते है। सामाजिक समस्या बढ़ने से देश का विकाश नस्ट हो सकता है यही सब सोचते हुए हम सभी को एकत्रित होकर इसमें चर्चा करना चाहिए। अपने समाज में ध्यान ना देने से भी समजिक समस्या उत्पन्न होने लगती है और बढ़ती ही जाती है।
सामाजिक समस्या का प्रकार :-
प्राचीन काल से लेकर आज तक देश में कई सारे सामाजिक मुद्दे देखे गए है।जैसे –
- बढ़ती जनसंख्या:- बढ़ती जानता की संख्या देश का बहुत बड़ा मुद्दा बनते जा रहा है। जैसा कि हम सबको पता है कि भारत देश में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण लोगों को रोजगार मिलने में बहुत ही समस्या होती है। ये समस्या के तरफ ध्यान देते हुए वर्तमान काल में सरकार कई सरे नियम निकाल रही है।
- बेरोजगारी :- जैसे कि हमने बताया बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करता है क्यों नहीं आगे जाकर रोजगार का अवसर मिले और उनका जीवनकाल अच्छे से व्यतीत हो जाए परंतु आजकल शिक्षित व्यक्ति भी रोजगार से वंचित है क्योंकि बढ़ती जनसंख्या के कारण हर व्यक्ति को रोजगार नहीं मिल पा रहा, और यह दिन-ब-दिन बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है।
- निरक्षरता:- प्राचीन काल के मुताबिक प्राचीन काल के मुताबिक आज हर व्यक्ति शिक्षित है और शिक्षा प्राप्त करना चाहता है।परंतु आज भी ऐसे कई सारे क्षेत्र है जहां पर शिक्षा हर किसी को प्राप्त नहीं हो पाती और व शिक्षा प्राप्त करने पर विश्वास भी नहीं करते।आज भी बहुत सारे व्यक्ति है जो अशिक्षित है जिन्हें अक्षर का ज्ञान नहीं है। यह समस्या भी देश की समस्या में से एक है जो देश के विकास में बाधा डाल रही है।
- जाति भेद :- जाति भेद आज भी हमारे समाज में देखा जाता है। इतिहास को मानें तो जातिभेद के ऊपर एक संविधान भी बनाया गया था जिसमें सभी को बराबर माना गया था परंतु आज सरकारी कामों में भी जाति को पूछा जाता है ऊंची वर्गों को आज ऊंचा मानकर औरों लोगों से कम सुविधा दी जाती है क्या बिल्कुल प्राचीन काल से विपरीत है। अगर संविधान लोगों को एक मारने के ऊपर बनाया गया था तो आज यह समाज में जातिभेद क्यों दिख रहा है। यह समस्या भी बहुत बड़ा मुद्दा है।
- भ्रष्टाचार:- भ्रष्टाचार हर देश में देखा जाता है किसी देश में काम तो किसी देश में ज्यादा परंतु भ्रष्टाचार का शिकार हर देश के नागरिक हैं। राजनेताओं के भ्रष्टाचार और अलग-अलग अधिकारियों के घूसखोरी से आज पूरा देश इसे बहुत बड़ी समस्या के नजरों से देख रहा है। यह मुद्दा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार अगर देश की भलाई देखें और उसमें अपना स्वार्थ ना देखें तो आज ही समस्या खत्म हो सकती है।
- नशाखोरी:- युवा जनता अपने शौक से नशा करती है जो धीरे-धीरे इनकी लत बनती जा रही है। यह इनके स्वास्थ्य में भी प्रभावित करता है मगर यह सब जानते हुए भी वह यह समस्या को अपने अंदर घर करने देते हैं। नशाखोरी से एक नया संक्रमण पैदा ले सकता है और यह पूरे देश के लिए बहुत बड़ी समस्या का विषय है।
- दहेज प्रथा:- दहेज प्रथा आज भी बहुत बड़ा मुद्दा है हमारे समाज के लिए।कई क्षेत्रों में इस मुद्दे को खत्म कर दिया गया है परंतु बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर दहेज प्रथा को आज भी माना जाता है।इस प्रथा के कारण महिलाओं पर अत्याचार भी होता है जो कि एक बहुत बड़ी समस्या है इस देश कि। प्राचीन इतिहास में दहेज प्रथा को हटाने के लिए महान पुरुष है बहुत प्रयास किए थे और इतने आज अधिकतम हटी गई है परंतु कुछ क्षेत्रों में इसका प्रभाव आज भी देखा जाता है।
सामाजिक समस्या को कैसे हटाया जाए :-
ये हर एक समस्या जो सामाजिक मुद्दे बन चुके हैं उसे हटाने के लिए देश की जनता और राजनेता सभी को एकत्रित होकर इस पर सोच विचार करना चाहिए। इस समस्या को हटाने के लिए सबसे पहले लोगों को अपनी मानसिकता को बदलना पड़ेगा। देश को विकास की तरफ ले जाने के लिए समस्या को जड़ से खत्म करना पड़ेगा , लोगों को उनका हक दिलाना होगा । अपने अंदर से छल प्रपंच हटाकर अगर हर व्यक्ति समाज के बारे में सोचें तो कोई भी समस्या देश के विकाश को बाधित नहीं कर पाएगी। सामाजिक समस्या को हटाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।
निष्कर्ष :-
विश्व में बहुत से देश है जो विकसित है परंतु और देश के मुताबिक भारत देश में सामाजिक समस्या बहुत देखी जाती है। लोगों को अपनी मानसिकता पर नियंत्रण करना चाहिए जिससे कि सामाजिक समस्याओं में बढ़ोतरी ना हो सके सरकार की समस्या साथ में कम हो सके। और हमारा देश विकास की ओर बढे। भविष्य में अगर हमारे देश को हमें विकसित बनाना है तो हमें वर्तमान में इस समस्या में सुधार करना चाहिए।