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    Paragraph about travelling with my family | मेरे परिवार के साथ यात्रा के बारे में अनुच्छेद

    Mere Parivaar Ke Saath Yaatra Ke Baare Mein scaled

    Paragraph about travelling with my family : लोगों को अकेले आजाद घूमना पसंद होता है और उन्हें लगता है कि दुनिया की सबसे बेहतरीन खुशी है ये अकेले आजादी से घूमना,लेकिन शायद उन्हें परिवार के साथ घूमने को नही मिला तभी उन्होंने नही जाना कि परिवार के साथ कोई ट्रिप भी खूबरसूरत हो सकती है,जो लोग परिवार के साथ कहीं घूमने नही गए उन्हें एक बार वक़्त निकालकर जाना चाहिए क्योंकि गुजरा हुआ वक़्त दोबारा लौटकर नही आता और जो खुशी परिवार के साथ घूमने में है वो शायद कहीं भी अकेले रहने में नही,ये बात शायद हम जल्दी तो नही पता चलती मगर हाँ एक वक्त आता है जब हम भी लगता है कि परिवार के साथ वप वाली ट्रिप कितनी हसीन रही थी।

    Table of Contents

    परिवार के साथ ट्रिप में खुशियां हो जाती है डबल

    जाने कितने लोगों को दोस्तो के साथ घूमना पसन्द होगा और जाने कितने ही लोगो को अकेले लेकीन ये उनका अलग ही अनुभव रहता है क्योंकि जिसे अकेले घूमने की आदत है उसके लिए वो अकेले की ट्रिप ही अच्छी है लेकिन जो खुशी परिवार हवाओं में मिलती है वो तन्हा सड़क पर अकेले फिजाओं में कहां, यहां आप उन लोगो के साथ है जो शायद आपके जैसे तो नही लेकिन हाँ आपके हर दुखसुख के साथी रहे हैं।

    परिवार को दे पाते हैं वक़्त

    आजकल जिंदगी की भागदौड़ में परिवार और रिश्ते कितने पीछे छूट गए हैं ये बात मुझे बताने की जरूरत नही है,हम अपनी जरूरतों के लिए इतने व्यस्त हो गए है कि जिंदगी में सबसे जरूरी होता है परिवार उसे ही हम नही दे पाते वक़्त,लेकिन ट्रिप के जरिये हमे वो वक़्त मिलता है जहां हम अपना समय परिवार को दे पाते है और साथ मे बैठकर उनसे कुछ बातें भी कर पाते हैं वो बातें जो कहीं न कहीं व्यस्तता की बजह से अधूरी रह गई थी कभी तुम्हे वक़्त नही मिला आफिस से और कभी उन्हें घरबार से फुर्सत नही मिली लेकिन फैमिली ट्रिप आपको पूरा मौका देती है कि आप एक दूसरे से खुलकर बात कर सकें जो हर परिवार के लिए बेहद जरूरी है।

    मजबूत होते है रिश्ते

    जैसा कि कहा जाता है कि कुछ खोने से ही कुछ मिलता है लेकिन हम जब कहीं परिवार के साथ किसी ट्रिप पर जाते है तब हमे नए नजारों के साथसाथ रिश्ते भी मिल जाते हैं वो रिश्ते जिन्हें हम किनारे रख अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए थे,जब हम रिश्तों को वक़्त देते हैं तब रिश्ते अपने आप ही मजबूत हो जाते हैं क्योंकि इन दिनों में हम एकदूसरे के बार मे सब कुछ जान जाते हैं और समझते है उनकी फीलिंग्स को।

    भावनात्मक रूप से जरूरी है फैमिली ट्रिप

    एक लंबे वक्त तक एक जगह रहना कहीं न कहीं हमारे मानसिक स्थित के लिए भी ठीक नही क्योंकि हम जब बोर होते है तो मन मे हीन भावना उतपन्न होती है जो किसी भी झगड़े की बजह बन सकती है,हम चिढ़चिड़े हो जाते हैं और बेफिजूल ही एक दूसरे से आपस मे ही लड़ने लगते है,लेकिन जब हम अपनी रोज की जिंदगी से दूर उन लोगो के साथ होते है जो हमे प्यार करते हैं तो जिंदगी मानो एक हसीं मुकाम पर पहुच जाती है और हम भावनात्मक तौर पर मजबूत होते हैं जो किसी भी परिवार की खुशहाली के लिए बहुत जरूरी है।

    कुछ सीखने के अवसर

    यूं तो जिंदगी के हर मोड़ पर हर व्यक्ति किसी न किसी से कुछ सीखता ही रहता है मगर किताबो और बातो से ज्यादा हम हकीकत में देखी हुई चीजो से ज्यादा सीखते हैं,हम कहीं भी जाते है तो वहां की चीजो ,वहां के तौर तरीकों ,वहां के लोगों से कुछ न कुछ जरूर सीख कर आते हैं जो हमारे लिए एक बेहतर चीज हो जाती है।

    हम परिवार के साथ लेकिन रोज की चीजो से दूर कुछ नया सीखते है जो शायद हमने कभी सीखा ही नही,हम अगर पहाङों पर जाते है तो पहाङों पर चढ़ना ,पहाङों की ढलान ,पहाङों का मौसम जाने कितना कुछ सीख जाते है।

    रोजमर्रा की परेशानियों से दूर

    अपने व्यस्त जीवन से दूर अपने परिवार के साथ रोजमर्रा की शिकायतो और उलझनों से दूर जाकर सब कुछ भूलकर जो वक़्त साथ मे जीते वो जीवन की कुछ बेहतरीन यादों में जुड़ जाती हैं जहां हम एक दूसरे के सामने खुल जाते है जहां न कोई वक़्त की पावंदी होती है न सर पर किसी काम का बोझ, जहां खानां भी घर की महिलाओं को अकेले नही बनाना पड़ता क्योंकि घर के बाकी सदस्य भी उनकी मदद करते है जिससे आपस मे प्यार औऱ इज़्ज़त बढ़ती है और सुकून भी मिलता है कहीं रोज की परेशानियों से दूर और अपनो के नजदीक।

    रोज से कुछ नया

    व्यक्ति को फैमिली ट्रिप (Mere Parivaar Ke Saath Yaatra Ke Baare Mein) पर जाने का ये भी एक फायदा है कि यहां उसे रोज से कुछ अलग सीखने ,देखने ,करने को मिलता हैं जहाँ वो फ्री होता है किसी भी तरह की एक्टिविटी के लिए या किसी मजाकिया जोक के लिए,खुलकर अपने परिवार से बात करने के लिए जो बाकई में हर रोज से अलग एक नया अनुभव है परिवार के साथ,परिबार के लिए सबसे जरूरी है वक़्त और वो आप किसी फैमिली ट्रिप के जरिए ही दे सकते हैं।

    हम समझ पाते हैं परिवार को

    हमारे वक़्त न दे पाने से हम कई चीजो को खो देते है,इसी बजह से हमारे रिश्ते हमारे परिवार के साथ तो खराब होते हैं और साथ मे हम एक दूसरे के लिए अनजान हो जाते है हमे नही पता होता है कि मेरा परिवार क्या चाहता है या मेरा परिवार क्या सोचता है मेरे बारे में ,लेकिन फैमिली ट्रिप में एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताने से हम एकदूसरे को काफी हद तक समझ पाते हैं जो पारिवारिक खुशियों के लिए एक खाश कड़ी है क्योंकि जब हम परिवार को समझेंगे नही तब तक हम उनके लिए कुछ कैसे कर सकते हैं।

    बच्चों के लिए जरूरी है फैमिली ट्रिप

    कई बार हम अपनी व्यस्त जीवन शैली में अपने बच्चो के बारे में सोचना भूल ही जाते हैं कि क्या वो इस माहौल से खुश हैं,क्योंकि हम इतना सोचना जरूरी नही समझते लेकिन हम ये नही सोचते कि जब तक आपका बच्चा मानसिक तौर पर मजबूत नही होगा तब तक वो अपने नए जीवन की चुनौतियों से कैसे जूझेगा।

    बच्चे की मानसिक स्थित ट्रिप से ठीक होती है और वो ट्रिप से बहुत कुछ सीख जाता है  जो शायद वो किताबो से न सिख पाता, एक बच्चे के लिए बाहरी दुनिया बस अनजान की होती है जब तक हम उसे बाहर ले जाकर नही बताएंगे ये दिखाएंगे तब तक वो कैसे समझेगा की क्या है दुनिया,कैसी है दुनिया।

    आपस में बढ़ता है प्यार

    ये बात शायद आपको अजीव लगे लेकिन अगर आपके और आपके परिवार के बीच में कोई भी प्रोब्लेम्स चल रही हैं तो आपको अपने परिवार के साथ वक़्त बिताना बिताना चाहिए और साथ मे वक़्त बिताने के लिए किसी ट्रिप से खूबसूरत प्लान कोई हो ही नही सकता है।

    जहां आप एकदूसरे को वक़्त देते है और समझते हैं एकदूसरे को जिससे आपके परिवार में एक दूसरे को समझने की छमता तो आती ही है और साथ मे आता है प्यार वो प्यार जो कहीं किसी किचन में खाना बनाते हुए धुएं में उड़ गया,वो प्यार जो आफिस में बैठकर फाइलों को पढ़तेपढ़ते फ़ाइलों में ही दवा गया वो प्यार आता है बापस एक दूसरे के लिए और रिश्तों में आता है नयापन नई जगहों पर अपनो के बीच अपनो को समझकर अपनो के लिए,अपनी जिंदगी में नयापन मिलता है जिससे हम खुशी से अपनी पुरानी जिदंगी को नए पन से संभाल सकते हैं।

    कुएं से बाहर की दुनिया

    एक बहुत ही पुरानी कहाबत है कुएं का मेढ़क होना जिसका सही मायनों में अर्थ है कि जहाँ हो उन्ही चीजो में खोकर रह जाना,दुनिया बहुत बड़ी है और हर कदम पर कुछ नई, जहां एक जगह रहना जितना ज्यादा महफूस है वहीं ये भी जरूरी है की अपने स्थान ,अपने कुएं से निकलकर ऐसी जगहों पर घूमा जाए जो हमे कुछ नया सिखाती हों,जहां जाकर हमे लगे कि हमे तो पता ही नही था कि दुनिया मे ये भी है,हमे जितना ज्यादा जरुरी अपने स्थान, अपने लोगों और अपने बारे में जनना  है उझसे कहि ज्यादा जरूरी है उन चीजों के बारे में जनना जिन्हें हमने अब तक नही देखा और उन चीजों का मजा परिवार के साथ दोगुना हो जाता है।

    प्रकृति से मुलाकात

    फैमिली ट्रिप जो सिर्फ एक ट्रिप नही है जो हमे हमारी प्रकृति ,हमारी संस्कृति ,हमारे देश या फिर दुनिया के बारे में जानने का अवसर देती है,वो चीजे जो हमारे। लिए बेहद जरूरी है लेकिन हम वक्त के न होने से उन चीजों से ही अब तक अनजान रहे,जो खुद में एक पूरी कायनात है जिनकी अलग ही एक दुनिया है और वो दुनिया बहुत ही खूबसूरत दिखती है जब हम उसमे इंटरेस्ट लेते हैं,यहां झरने भी हैं ,यहां नदियां भी हैं ,यहां सागर भी हैं ,यहां चिड़ियां भी हैं और साथ मे उनके घासफूस से बने घोसलें भी,यहां दुनिया की खूबसूरती को देखने के लिए आपको मोबाइल की जरूरत नही बल्कि वक़्त और भावनाओं की है।