
Paragraph on a Cat is called Lion Aunty in Hindi: बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है, यह तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं और इसे लेकर भिन्न–भिन्न तर्क भी दिए जाते हैं। आखिर बिल्ली को शेर की मौसी क्यों कहा जाता है, यह कुछ हद तक विभिन्न मतों के आधार पर हम समझ भी सकते हैं।
साधारणतः घरों में नानी कहानियां सुनाया करती थी कि शेर के ही परिवार से बिल्ली का रिश्ता है। कभी ना कभी हमने यह भी सुना होगा कि शेर को शिकार करना बिल्ली ने ही सिखाया और वह रिश्ते में उसकी मौसी भी लगती है। शायद इसलिए बिल्ली शेर की मौसी कहलाती है।
कहानियों में ऐसा बताया जाता है कि यही शेर बाद में बिल्ली के दुश्मन बन गए, लेकिन बिल्ली भी मौसी ठहरी और इससे बचने का इंतजाम कर लिया। उसने शेर को पेड़ पर चढ़ना नहीं सिखाया था, जिसके कारण वह पेड़ पर आसानी से चढ़ जाती है लेकिन शेर नहीं चढ़ पाते। इस तरह से बिल्ली मौसी अपनी जान बचाकर शेर से भाग जाती है और शेर उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता।
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शेर के समान है बिल्लियों में मौजूद नस्लें और प्रजातियां:
कुछ लोग कहते हैं कि बिल्ली कई नस्ल की होती है, जिनमें कुछ जंगली और कुछ घरेलू होते हैं। जो कि अक्सर हमारे घरों में घूमती हुई दिखाई देती है, कई बार तो बिल्लियों की प्रजातियों में उनका आकार एक कुत्ते से भी छोटा होता है, लेकिन कई प्रजातियों में दिखने में उनका आकार एक शेर के शरीर के आकार के समान दिखाई देता है और उनका रूप रंग शेर जैसा ही होता है जिसके कारण भी शायद उसे शेर की मौसी कहा जाता है।
विभिन्न तर्कों के आधार पर बिल्ली कही जाती है शेर की मौसी:
बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है इस बात पर कुछ लोगों ने अपना अलग ही तर्क दिया है कि बिल्ली और शेर में कई समानताएं पाई जाती है, हो सकता है इसी कारण बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है। बिल्ली और शेर के प्रजातियों में काफी समानताएं विशेषकर उनके शारीरिक संरचना के माध्यम से दिखाई देती है।
हम देखते है कि बिल्ली और शेर दोनों के ही दांत बहुत ही नुकीले होते है अर्थात वे दोनों मांसाहारी प्राणी के अंतर्गत आते हैं, जो कि किसी भी जीव– जंतु, मनुष्य आदि के शरीर में एक सुई की भांति आसानी से चुभ जाते हैं। शेर की प्रजातियां भारत , अफ्रीका तथा अन्य देशों में भी पाई जाती है। शेर की कई प्रजातियों तथा अन्य जानवरों को कुछ लोग सर्कस में मनोरंजन के लिए तथा अपने निजी लाभ के लिए बंधक बनाकर उन्हें अपने इशारों पर चलाते हैं और उनका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं।
इसी बिल्ली की प्रजातियों के शेर, चीता आदि ऐसे ही कुछ अन्य जानवर भी माने जाते हैं। लेकिन शेर और चीता काफी खतरनाक होते हैं। हम इनसे काफी डरते भी हैं, लेकिन बिल्ली जो कि अक्सर हमारे घरों में घूमा करती है तथा कुछ लोग उन्हें अपने घरों में पालतू बनाकर भी रखते हैं वह डरावनी नहीं होती है।
कई लोग बिल्लियों के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करते रहते हैं और इंटरनेट पर भी अक्सर प्यारी–प्यारी बिल्लियों की तस्वीरें अक्सर वायरल होती रहती हैं। बिल्ली भले ही आकार में छोटी होती है लेकिन बहुत ही चालाक मानी जाती है। बिल्ली और शेर में इसी तरह की कई समानताएं भी पाई जाती है इसी वजह से शायद बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है।
व्यवहार से काफी चतुर और चालाक होती हैं बिल्लियां:
कहते हैं कि बिल्ली बहुत ही चतुर और चालाक होती है, और छोटी बिल्ली का तो कहना ही क्या। छोटी सी बिल्ली भले ही अपने शारीरिक संरचना में आकार के अनुसार छोटी होती है लेकिन वह बहुत ही चालाक भी होती है। शायद इसी वजह से वह शेर की मौसी मानी जाती है। दूसरी ओर इससे विपरीत शेर, बिल्ली से काफी बड़ा लगभग 1 मीटर ऊंचा और 2 मीटर लंबा होता है।
शेर काफी खूंखार और खतरनाक भी होता है इसलिए उसे जंगल का राजा भी कहा जाता है। यह चितकबरा रंग का होता है। बिल्ली और शेर की प्रजातियां लगभग एक ही मानी जाती है। विभिन्न प्रकार के रिसर्च एवं अन्य तरीकों का प्रयोग करके इनके नस्लें एवं प्रजातियों से जुड़ी जानकारी निकाली गई है।
बिल्लियों की 37 नस्लें पाई जाती है पूरे दुनिया में:
जिस प्रकार से शेर के विभिन्न प्रजाति पाए जाते हैं ठीक उसी प्रकार पूरी दुनिया में बिल्लियों की क़रीब 37 नस्लें पाई जाती हैं। इनमें से ज़्यादातर जंगली नस्लें हैं। जंगली बिल्लियां विशेष रूप से अफ्रीका में पाई जाती है। जानकारियों के मुताबिक आज जो पालतू बिल्लियां हम अपने आसपास देखते हैं वह इन्हीं से पैदा हुई है। इन बिल्लियों को यदि देखा जाए तो हम घरेलू बिल्लियों और इनमें बिल्कुल भी फर्क नहीं बता पाएंगे।
पालतू नस्ल की बिल्लियों को एबीसीएन बिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यह बिल्ली मुख्य रूप से अमेरिका में यूरोप और एशिया की बिल्लियों के जीन को मिलाकर पैदा की गई है। इनके बाल लगभग छोटे होते हैं जिस कारण इनकी एक अलग पहचान भी है। हम शेर, बाघ, चीता और तेंदुओं के बारे में तो जानते ही हैं कि ये बिल्लियों की बड़ी नस्लें हैं, मगर बिल्लियों की ज़्यादातर नस्लें, छोटी कद–काठी की होती हैं। उनके बारे में लोगों को बहुत कम ही पता है। लेकिन उन्हें भी हमारे लाड़–प्यार और लगाव की ज़रूरत है।
शेर और बिल्लियों के बीच है काफी गहरा संबंध:
बिल्लियों का संबंध शेर से काफी गहरा है, यही कारण है कि वह शेर की मौसी कहलाती है। चुंकि बिल्लियां शेर की नस्ल से नाता रखती हैं, इसलिए उनके अंदर यह गुण भी पाया जाता है कि वह बड़े ही सावधानी से योजना बनाकर किसी पर हमला करती हैं। शोधकर्ताओं द्वारा शोध के समय दी गई जानकारी के अनुसार यह ज्ञात हुआ है कि जब उन्होंने शोध के दौरान घरेलू बिल्लियों के संबंध में स्कॉटिक्स जंगली बिल्लियों, अफ्रीन शेर एवं बर्फीले तेंदुए पर आपस में कई प्रकार के तुलनात्मक अध्ययन किए गए, तब इसके दौरान यह पाया गया कि उनके आक्रामक व्यवहार एक दूसरे से काफी मिलते हैं। यही कारण है कि बिल्ली को शेर की मौसी के रूप में जाना जाता है।