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    Paragraph On Exam Result Day in Hindi | पैराग्राफ ऑन एग्जाम रिजल्ट डे इन हिंदी

    Paragraph On exam Result Day in Hindi

    परीक्षा परिणाम जिस दिन घोषित होता है उसके ठीक एक दिन पहले हर विद्यार्थी तनावग्रस्त रहता है। Paragraph On exam Result Day in Hindi में आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि परीक्षा परिणाम के एक दिन पहले सभी विद्यार्थी किस तरह की मानसिक स्थिति से गुजरते हैं।

    इस Paragraph को कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 वी कक्षा के सभी विद्यार्थी उपयोग कर सकते हैं।

    Short Paragraph On exam Result Day in Hindi

    जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी तरह हर परिस्थिति के दो परिणाम होते हैं। या तो वो सुखदायक होती है या फिर गम से भरी हुई।

    परीक्षा परिणाम आने वाला दिन किसी के लिए सुखद दिन होता है तो किसी के गमगीन। इस दिन अच्छे से अच्छा विद्यार्थी भी इस बात से भयभीत रहता है कि कही परिणाम उसके अपेक्षा के विपरीत न आ जाएं।

    आमतौर पर परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि सभी को पहले से ही मालूम होती है लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में ऐसा नही होता।

    अखबार या समाचार पत्र के माध्यम से विद्यार्थियों को यह जानकारी मिलती है कि परीक्षा परिणाम कब घोषित होने वाला है।

    परीक्षा परिणाम आने के पहले सभी का हाल लगभग एक जैसा ही रहता है। हर विद्यार्थी सुबह जल्दी उठता है और नहाकर पूजापाठ करके भगवान से यह प्रार्थना करते है कि उसका परिणाम अच्छा आए।

    इसके बाद माँ अपने बच्चों को मीठा खिलाती है, टीका लगाती है, और यह कामना करती हैं कि उनका बच्चा अच्छे नबरों से पास हो गया हो।

    विद्यार्थी विद्यालय जाते हैं और अपने अपने परीक्षा परिणाम देखते हैं। यदि परिणाम अपेक्षा के अनुरूप आया तो बहुत खुशी होती है लेकिन अपेक्षा के अनुसार परिणाम न आने पर बहुत दुख भी लगता है, लेकिन परिवार और शिक्षकों की सांत्वना ऐसे विद्यार्थियों के साथ हमेशा रहती है।

    परीक्षा परिणाम से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे हर काम का परिणाम एक न एक दिन जरूर मिलता है, इसलिए अच्छे काम करें और मेहनत करते रहे।

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    परीक्षा परिणाम जानना हमेशा ही विद्यार्थियों के लिए एक ऐसे सपने ही तरह होता है जिसे देखना तो चाहते हैं लेकिन देखने मे डर भी लगता है।

    डर लगता है कि कही कम नंबर न आ जाएं या किसी विषय मे अनुत्तीर्ण न हो जाएं। वार्षिक परीक्षा होने के बाद तो कुछ महीने की छुट्टी मिल जाती है, जिसमे मस्ती के बीच कही न कही सभी विद्यार्थी परीक्षा परिणाम की फिक्र को कुछ माह के लिए भुला देते हैं।

    लेकिन त्रैमासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा में स्थिति थोड़ा अलग होती है। इस दौरान परीक्षा के बाद अवकाश नही मिलता। लगातार कक्षाए चलती रहती है।

    अब यह स्थिति बहुत ही रोचक हो जाती है कि विद्यार्थियों को खुद भी पता नही होता कि किस दिन किस विषय की उत्तरपुस्तिका लेकर लेकर अध्यापक कक्षा में आ जाएंगे।

    इसलिए जैसे ही शिक्षक कक्षा में प्रवेश करते हैं तो सभी की नजर शिक्षक के हाथ मे होती है कि क्या वो उत्तर पुस्तिका अपने साथ लाए है कि नही।

    इसी इंतजार में विद्यार्थियों के पेट मे तितलियाँ नाचती रहती हैं। कुछ विद्यार्थी चाहते हैं कि उत्तरपुस्तिका जल्दी से जल्दी आएं क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा होता है कि अच्छे नंबर ही आयेंगे।

    लेकिन अधिकतर यही प्रार्थना करते हैं कि अभी न आए तो ठीक रहेगा, क्योंकि परीक्षा परिणाम से उत्पन्न होने वाले तनाव से वो दो चार नही होना चाहते।
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    विद्यार्थी जीवन सबसे ज्यादा रोचक और उत्साह से भरा होता है। इसकी एक वजह प्रति वर्ष होने वाली परीक्षाएं भी है।

    जो इन परीक्षाओं को पास कर जाते हैं वो आगे बढ़ जाते हैं। पर जो सफल नही हो पाते उन्हें फिर से उसी कक्षा में बैठना पड़ता है और पूरा 1 वर्ष उसी विषय की पढ़ाई करनी पड़ती है।

    परीक्षा में कोई भी विद्यार्थी असफल नही होना चाहता क्योंकि इससे न सिर्फ किसी भी विद्यार्थी का पूरा 1 वर्ष बर्बाद हो जाता है।

    साथ ही विद्यार्थी की नजर से देखें तो उनके सभी सहपाठी एक कक्षा आगे बढ़ जाते हैं और उन्हें पिछली कक्षा में बैठना पड़ता है और फिर से नए मित्र बनाने पड़ते हैं जो कि कोई भी नही चाहता है।

    इसी वजह से परीक्षा परिणाम वाले दिन सभी विद्यार्थियों का बुरा हाल रहता है। परीक्षा परिणाम क्या होगा इस अनिश्चितता की वजह से विद्यार्थी बहुत भयभीत रहते हैं और लगातार भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि वो अच्छे नम्बरों से उत्तीर्ण हो।

    लगभग हर विद्यार्थी के मन में यह भय रहता है कि उनका परीक्षा परिणाम अच्छा नही आएगा, जिस वजह से उन्हें माता पिता से डांट सुनने को मिल सकती है।

    इसी भय के कारण वो कुछ बहाने भी तैयार करके रखते हैं ताकि कम नंबर आने पर अपने माता पिता को कोई अच्छा सा कारण बता सकें और उनकी डांट से खुद को बचा सकें।

    कारण भी तरह तरह के होते हैं जैसे कि प्रश्नपत्र बहुत कठिन थे, परीक्षा के पहले घर में मेहमान आ गए थे जिस वजह से तैयारी करने का वक़्त नही मिला।

    या फिर स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कत आ गई थी। ऐसे ही अनगिनत कारण बताने के लिए पहले से ही तैयार करके रखते हैं।

    हालांकि कोई भी यह नही चाहता कि उन्हें इन कारणों की जरूरत नही पड़े। कई विद्यार्थियों को रात भर नींद नही आती।

    कुछ चिंतित रहते हैं तो कुछ उत्साहित रहते भी रहते हैं। कुछ विद्यार्थी पहले से यह आकलन करके रखते हैं कि किस विषय पर उनके कितने नम्बर आयेंगे।

    आमतौर पर मेधावी विद्यार्थी ही अपने नम्बरों का पूर्वानुमान लगाते हैं, एक साधारण विद्यार्थी यह सब नही करता है।

    परीक्षा परिणाम के एक दिन पहले कुछ विद्यार्थियों को इतनी ज्यादा घबराहट होती है कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने लगती है, जैसे कुछ विद्यार्थियों को सिर दर्द की समस्या होने लगती है, तो वही कुछ को पेट से संबंधित शिकायत होने लगती है।

    इस तरह की दिक्कतें विद्यार्थियों के द्वारा प्रतिवर्ष महसूस की जाती है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले भले की सभी विद्यार्थी यह वादा करते हैं कि अगले वर्ष ऐसी पढ़ाई करेंगे कि परीक्षा परिणाम के वक़्त कोई चिंता ही न हो।

    लेकिन स्थिति हर वर्ष एक ही जैसी रहती है। हालांकि बच्चों में इस तरह का तनाव होना भी जरूरी है, ताकि वो आंतरिक रूप से मजबूत इंसान बन सकें और उम्मीदों का बोझ उठा सकें।